Skip to main content

मंगल के तत्व से जाने इंसान की छिपी ताकत - mars element power in astrology

राम राम दोस्तों 

आज बात करते है एक छोटे से विषय की के मंगल आपकी कुंडली में किस तत्व में है.  मंगल ही क्यों ?जब आपके सामने कोई मुसीबत आती है या कोई काम आपके पास आता है तो आप उसे कैसे हैंडल करते है वो आपकी कुंडली मंगल की प्रकृति पर निर्भर करता है. लेकिन यंहा प्रकृति का मतलब मंगल के तत्व से है. जन्म पत्रिका में हर राशि के तत्व होते है मूल रूप से 4 तत्व जन्म कुंडली में देखे जाते है. 


मंगल मूल कुंडली में शुरुआत यानी पहला भाव और अंत यानी के आंठवे भाव का स्वामी है. हम कैसे किसी कार्य की शुरआत करते है कैसे रियेक्ट करते है ये मगल के तत्व से पता चलता है और यदि इस प्रकृति को समझ लिया जाए तो व्यक्ति अपनी कार्य करने के तरीके को जानकार उसमे सुधार कर सकता है जिससे सफलता उसे बहुत जल्दी मिल सकती है. यंहा प्रश्न आता है के मंगल के भाव को भी देखा जाना चाहिए देखिये मंगल जिस भाव में बैठा है उस भाव में हम अपनी ऊर्जा निकालते है वंहा अपना उत्साह व्यक्त करते है. लेकिन प्रेरणा मंगल अपने तत्व अनुसार लेगा और राशि अनुसार मंगल की प्रकृति बनेगी. 



सबसे पहले बात करते है अग्नि तत्व की, जब मंगल मेष - सिंह - धनु राशि में हो तो अग्नि का मंगल माना जाता है. मंगल और अग्नि दोनों एक स्वभाव के है, जब इन्हे गुस्सा आता है तो इनके गुस्से को कण्ट्रोल करना मुश्किल होता है. इन लोगो के मन में जो बात है वो इनसे छुपाई नहीं जाती।   ऐसे लोगो को बहुत ज्यादा सोचना बहुत नुकसान देता है आलस इनका बहुत बड़ा दुश्मन बनता है क्यूंकि अग्नि की ऐसी कार्यशैली है ही नहीं। अग्नि का अर्थ ही है एक्शन लेना लेकिन जल्दबाज़ी से बचकर. दिमागी खेल खेलना या बहुत ज्यादा प्लानिंग करने पर कोई काम इनका नहीं होता. अगर ऐसे लोग बहुत ज्यादा सोचते है तो आप बिलकुल समझ जाइये के इनका मंगल बुरी अवस्था में है. पार्टी करना, दवाई का ज्ञान लेना, हेल्थ पर  ध्यान देना इन सब में रूचि होती है. सेक्स इनके लिए एक बड़ा मुद्दा हो सकता है और कंही ना कंही सेक्सुअल अफेयर भी इनके हो सकते है जिसमे रिलेशन का मतलब ही सिर्फ सेक्स हो क्यूंकि मंगल एक जानवर की प्रकृति भी रखता है और अग्नि तत्व में शारीरिक भूख को ही बड़ा मान सकता है. समाज क्या सोचेगा, मेरे घरवाले क्या सोचेंगे, सही क्या है गलत क्या है ऐसे मुद्दों पर ये ज्यादा ध्यान नहीं देते बस जो खुद को सही लगे वही असली धर्म है ऐसी इनकी प्रकृति होती है और ऐसे लोग जब बिना डरे समाज के सामने जाते है फिर समाज में इनका नाम होने से कोई नहीं रोक पाता लेकिन यदि किसी डर से ये रुक गए सोशल नहीं हो पा रहे तो धीरे धीरे इनकी प्राण शक्ति में कमी भी आने लगती है क्यूंकि शेर जंगल में जैसे अच्छा लगता है वैसे ही अग्नि तत्व मंगल वाले सामाजिक ही सही रहते है. 


पृथ्वी तत्व में वृषभ-कन्या-मकर राशि आती है. ऐसे लोग बाते तो बहुत आक्रामक कर सकते है लेकिन खुद से आक्रामक नहीं होते, ऐसे लोगो की विल पावर बहुत मजबूत देखी जा सकती है. काफी प्रैक्टिकल हो कर जिंदगी जीना पसंद करते है ऐसे लोगो की आवाज़ या तो बहुत कड़वी होगी या बहुत मीठी हो सकती है लेकिन पृथ्वी की प्रकृति के अनुसार ये बहुत जुगाड़ू लोगो हो सकते है जो अपने हुनर से काम निकालना जानते है. टार्गेट्स  इनके दिमाग में हर वक़्त सेट रहते है, इसलिए ऐसे लोग कभी भी आप देखना घुमा फिराकर अपने मतलब की बात ले ही आएंगे और अंत में अपना मतलब किसी तरीके से साध ही लेंगे। धन किस तरीके से कमाना है किस तरीके से अपने दुश्मनो को हराना है ऐसे लोगो को मालूम होता है लेकिन कहीं ना कहीं आलस या गलत खानपान परेशानी दे सकता है. पार्टनर से झगड़ा इन्हे काफी पीछे धकेल सकता है और एक अच्छा दोस्त या पार्टनर इनकी जिंदगी में आता है तो बहुत ज्यादा मुनाफे इन्हे मिलते है, परिवार में समृद्धि होती है साथ ही दुश्मनों की वृद्धि भी होती है. इनका कोई काम आसानी से हो जाए ऐसा मुश्किल है और ये आसानी से पीछे हट जाए वो भी मुश्किल है. 



वायु में मंगल ग्रह वाले लोग यानी जिनका मंगल मिथुन- तुला या कुम्भ राशि में हो ऐसे लोगो को बहुत सारी चीज़ो में इंटरेस्ट हो सकता है, इन्हे बहुत सूंदर सूंदर चीज़े अपनी तरफ अट्रैक्ट करती है. अच्छा भोजन, अच्छे लोग, अच्छे कपडे, नए नए मोबाइल फ़ोन्स इन्हे पसंद आते है. वायु एक जगह नहीं रूकती उसी तरह एक काम में ये बहुत जल्दी बोर हो सकते है कभी कभी एक रिश्ते में भी. इन्हे अपनी डिमांड पूरी करनी या करवानी आती है. ये जितना चतुराई से काम करे उतना इनके लिए अच्छा रहता है. ऐसे लोग प्लानिंग बहुत अच्छी करते है और रणनीति अच्छी बनाना जानते है, खुश रहना पसंद करते है और यदि खुश नहीं रह पा रहे तो बहुत बुरे हाल में ये अपने आपको ला सकते है शायद इतना बुरा के डिप्रेशन की अवस्था में आ जाए. ऐसे लोग मिलनसार होते है और बहुत जल्दी किसी को भी जोड़ लेते है इसलिए इन्हे जोड़तोड़ यानी के गणित और राजनीती, कूटनीति में महारत होती है. ये सिर्फ खुश रहना सीख ले तो भी इनकी जिंदगी में अच्छे बदलाव आते है, लेकिन मानसिक सुख की तलाश इन्हे करनी ही पड़ती है और शायद एक बार पूरी तरह जिंदगी बदल कर जैसे घर, शहर, दोस्त सब छोड़कर इस सुख की प्राप्ति होती है.


जब मंगल कर्क- वृश्चिक- मीन राशि में आता है तो उस समय जल तत्व का मंगल बनता है. जल तत्व मंगल की मूल प्रकृति से बिलकुल उलट है इसलिए शारीरिक तौर पर ऐसे लोग थोड़ा कमजोर महसूस कर सकते है उन्हें ऐसा लग सकता है के उनके अंदर ताकत की कुछ कमी है. जिसकी वजह से जल्दी घबरा जाना या डर जाना जैसी आदत होंगी लेकिन जैसे जल बहुत गहराई पर बहुत शांत  होता है ऐसे ही ये लोग भी अंदर ही अंदर प्लानिंग करने में बहुत ज्यादा कुशल होते है, जैसे जल को रास्ता ना मिले तो वो बाढ़ आ जाती है वैसे ही अगर इन्हे कनफेडेन्स दिया जाए तो बहुत ज्यादा बड़े बदलाव ये लाते है और लोगो के सोचने के तरीके को ही बदल डालते है एक तरह से समाज में ये  सोच को जन्म देते है. ऐसे लोग सीधे सीधे अपने टार्गेट्स को नहीं फोकस करते बल्कि कभी किसी के सहयोग से कभी किसी दूसरे तरीके से आगे बढ़ते है. ऐसे लोग जब बाते अंदर मन में रखते है तो परेशान ही रहते है इन्हे अपनी शारीरिक ऊर्जा बाहर निकालने की जरूरत होती है जैसे जिम करना, एक्सरसाइज करना, खेलना, या मेहनत से अपना काम तब जाकर  ये खुश रह पाते है अगर शरीर  की ऊर्जा बाहर नहीं निकल रही तो मोटापा,कब्ज़ आलस्य, इन्हे मिल जाता है. इनके लिए शरीर से थकना बहुत जरूरी है दिमागी रूप से जब ये ठीक रहते है. मंगल बाहरी ऊर्जा है और जल आंतरिक ऊर्जा है इस वजह से इनमे मंगल अच्छा नहीं माना जाता लेकिन अगर इन उर्जाओ को एक करना सीख लिया जाए तो ऐसे लोग समाज के सबसे प्रभावशाली लोग बन जाते है. 


Today let's talk about a small topic that in which element Mars is in your horoscope. Why Mars only? When any problem comes in front of you or any work comes to you, how you handle it depends on the nature of Mars in your Kundli. But here nature means the element of Mars. There are elements of every zodiac sign in the birth chart, basically 4 elements are seen in the birth chart.


In the basic horoscope, Mars is the lord of the beginning i.e. the first house and the end i.e. the eighth house. How we start any work and how we react are known from the element of magic and if this nature is understood then a person can improve his way of working by knowing it so that he can get success very quickly. . Here the question arises that the house of Mars should also be seen. See, in the house in which Mars is placed, we extract our energy and express our enthusiasm there.But Mars will take inspiration according to its element and the nature of Mars will be according to the zodiac sign.


First of all, let's talk about the fire element, when Mars is in Aries-Leo-Sagittarius then it is considered Mars of fire. Both Mars and Agni are of the same nature, when they get angry then it is difficult to control their anger. Whatever is in the minds of these people is not hidden from them. Thinking too much causes great harm to such people. Laziness becomes their biggest enemy because Agni does not have such a working style. Agni itself means taking action but avoiding haste. They have no use for playing mind games or doing too much planning. If such people think too much then you should understand that their Mars is in a bad state. Partying, gaining knowledge of medicine, paying attention to health, all these are interesting. Sex can be a big issue for them and they can also have sexual affairs at some point or the other, in which the only meaning of relationship is sex because Mars also has the nature of an animal and in the fire element, physical hunger can be considered more important. What will the society think, what will my family think, what is right and what is wrong, they do not pay much attention to such issues, they just do what they feel is right, that is the real religion, such is their nature and when such people go before the society without any fear.Then no one can stop them from being known in the society, but if they stop due to some fear and are not able to socialize, then gradually their life force also starts decreasing because just as a lion feels good in the jungle, in the same way people with fire element Mars feel good. Social is right.

Comments

Learn Astrology

you can buy recorded courses and research notes. contact on whatsapp @9899002983

About Me

My photo
prateek gupta
My Name is Prateek Gupta. I am a professional astrologer and vastu consultant. i am doing practice from many years. its my passion and profession. I also teach astrology and other occult subject. you can contact me @9899002983

Popular posts from this blog

Shani Margi 2024 - शनि होंगे मार्गी कुम्भ राशि में, किस राशि पर क्या असर

जन्म पत्रिका के पंचम भाव को ठीक करने का वैदिक सूत्र - SECRET REMEDY FOR FIFTH HOUSE ASTROLOGY

भलाई करते ही बुरे हाल - ज्योतिष अनुसार ऐसा कब होता है

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

Popular posts from this blog

जन्म पत्रिका के पंचम भाव को ठीक करने का वैदिक सूत्र - SECRET REMEDY FOR FIFTH HOUSE ASTROLOGY

कुंडली का जो पंचम भाव होता है वो उत्साह को दर्शाता है एक ऐसा उत्साह जिसमे व्यक्ति को जीने की तमन्ना मिलती है आगे बढ़ने का भाव मिलता है. आज के समय में काफी बड़ा वर्ग सिर्फ शांति की तलाश में इधर उधर भाग रहा है. थोड़ी सी भी परेशानी उन्हें भीतर तक हिला देती है. इन सबका कारण कुंडली का पांचवा भाव होता है. आज जानते है ऐसे छोटे छोटे उपाय जिन्हे आप अपना कर कुंडली पांचवे भाव को ठीक रख सकते है.

Shani Margi 2024 - शनि होंगे मार्गी कुम्भ राशि में, किस राशि पर क्या असर

 शनिदेव 15 नवंबर को मार्गी होने जा रहे है जो की लगभग 139 दिन की वक्र यात्रा पूरी करने के बाद अपनी खुद की राशि कुम्भ में मार्गी होंगे और इसका क्या प्रभाव हर राशि पर देखने को मिलेगा आइये जानते है. 

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

ऐसा माना जाता है के जब  आपके साथ अजीब अजीब सी घटनाये होने लगे जैसे अचानक कोर्ट केस, बीमारी जिसका कारण नहीं पता, कोई इलज़ाम या लानत या किसी झगड़े में आपका नाम आ जाना जिससे आपका कोई लेना देना ना हो तो समझिये ये राहु ग्रह की शरारत है. 

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

नमस्कार आज बात करते है कुंडली में चन्द्रमा से बनने वाले एक योग की. ज्योतिष शास्त्र में इसे अनफा योग कहते है और ये तब बनता है जब चन्द्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह बैठा हो. लेकिन इसमें भी समझने वाली बात है के कौन सा ग्रह चन्द्रमा के पीछे है जिससे इस योग के फल प्राप्त किये जाते है. आइये जानते है आसान शब्दों में