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कुंडली के पहले भाव के कारक तत्व - first house properties in Astrology

  आज हम बात करते हैं कुंडली के हर भाव के कारण तत्वों के बारे में. ज्योतिष का एक महान ग्रंथ है उत्तर कालमृत ये कालिदास जी के द्वारा रचित है इसमें कुंडली के हर भाव के जो कारक तत्व होते हैं जो प्रॉपर्टीज़ होती है उनके बारे में बताया गया है और जितना मैं अभी तक पढ़ पाया हूँ ना यहाँ पर सबसे ज़्यादा खुलकर बताया गया है और सबसे ज़्यादा प्रॉपर्टीज़ बतायी गयी संख्या में.

जन्म कुंडली और मकान का संबंध

आज कल मेरे पास एस्ट्रोवास्तु को लेके बड़े सारी क्वेरीआती है की कुंडली को देखकर मकान के बारे में कैसे बताया जा सकता है या मकान को देखकर कुंडली के बारे में कैसे बताया जा सकता है.

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

ज्योतिष उपाय करने के नियम

  नमस्कार, लोग अक्सर ये बात करते है कि उपाय किया मगर काम नहीं हुआ एक कभी कभी दुविधा की स्थिति ये भी रहती है के उपाय कैसे करना है उदाहरण के लिए कोई वस्तु clockwise घुमानी है या anticlockwise और किसी स्थिति में इन्हे कैसे घुमाना चाहिए ये  हम क्लियर करते है. 

कुंडली में मंगल केतु का संबंध और बुरे सपने और स्वपन सिद्धि

नमस्कार आज बात करते है जब कोई व्यक्ति बुरे सपने से परेशान रहे तो क्या ज्योतिष कारण होता है और क्या उपाय हो सकता है. 

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

नमस्कार आज बात करते है कुंडली में चन्द्रमा से बनने वाले एक योग की. ज्योतिष शास्त्र में इसे अनफा योग कहते है और ये तब बनता है जब चन्द्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह बैठा हो. लेकिन इसमें भी समझने वाली बात है के कौन सा ग्रह चन्द्रमा के पीछे है जिससे इस योग के फल प्राप्त किये जाते है. आइये जानते है आसान शब्दों में 

राहु का चन्द्रमा के ऊपर से गोचर - Rahu transit over your natal moon in kundli

नमस्कार आज बात करते है यदि राहु ग्रह का गोचर आपकी कुंडली में बैठे चन्द्रमा के ऊपर से हो तो उसका प्रभाव मिलेगा। देखिये चन्द्रमा कल्पना की दुनिया का स्वामी है. सारी इमेजिनेशन चंद्र से जन्म लेती है और राहु खुद माया का ग्रह है तो व्यक्ति के साथ मानसिक रूप से बदलाव आते है और ये बदलाव अंदर ही अंदर रहते है. 

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