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crystal class 2/50 amethyst

एमेथिस्ट क्रिस्टल असलियत में स्फटिक का ही एक रूप है जिसमे मेगनीज धातु की वजह से रंग नीला होता है जो की लोहे का ही एक रूप है. एमेथिस्ट शब्द यूनानी शब्द अमेथिस्टोस से आया है जिसका मतलब होता है शराब से दूर रहने वाली लड़की. यूनानी ये मानते थे की ये रत्न व्यक्ति को शराब और अन्य लतो से दूर रख सकता है जबकि प्राचीन यूरोप के  सैनिक ये मानते थे की ये बहुत जल्दी स्वस्थ कर देता है इसलिए वे इसे युद्ध के समय पहन कर निकलते थे.  इसे नीले, बैंगनी, हरे, गुलाबी रंग में भी प्राप्त किया जाता है लेकिन सबसे फेमस बैंगनी ही है. 

बैडरूम का वास्तु शास्त्र से संबंध - bedroom as per vastu shastra

   बैडरूम हमारे जीवन का एक अति महत्वपूर्ण अंग है, वास्तु शास्त्र की अगर हम बात करें तो ये इतना महत्वपूर्ण विषय है के बेड कैसे बने, उसका साइज कैसा हो ये भी महत्वपूर्ण वास्तु ग्रंथों में लिखा गया है. हालाँकि ये बहुत ज्यादा रिसर्च का विषय है जिसे एक अकेला वास्तु कंसलटेंट खोज नहीं सकता पूरी team की जरुरत पड़ती है. 

vastu lecture 1

वास्तु शास्त्र एक प्राचीन  ग्रन्थ है जिसका मुख्य संबंध जीवन जीने के तरीके से है. वास शब्द रहने से जुड़ा है और तू शब्द नियम से जुड़ा है. वास्तु का एक मुख्य ग्रंथ समरांगण सूत्रधार के अनुसार एक वास्तु शास्त्री यानी जो वास्तु शास्त्र की प्रैक्टिस करता है वो व्यक्ति जभी वास्तु को जान सकता है जब वो वास्तु में खोना सीख जाए. ये इतना गहरा विज्ञानं है जो मात्र प्रॉपर्टी के नक़्शे से जुड़ा हुआ नहीं है इसमें बहुत छोटी छोटी चीज़ो का ध्यान रखा गया है.  जैसे ज्योतिष, त्रिकोणमिति, ज्यामिति और यंहा तक की ह्यूमन बेहेवियर तक का वर्णन वास्तु ग्रंथो में देखने को मिलता है. तो एक वास्तु की प्रैक्टिस करने वाला व्यक्ति नेचुरल रूप से अन्य विषयों में पारंगत अपने आप ही हो जाता है.  जैसे एक छोटी सी चीज़ बताता हूँ राहु काल, इसका मुख्य संबंध ज्योतिष से है लेकिन वास्तु शास्त्र में बहुत शुरुआत में ही इसे समझ दिया जाता है के किसी दिन यानी किस वार को किस दिशा में दोष होगा। यदि क्लाइंट आपको किसी वार को बुलाये तो आपको पता हो के क्या दोष है ऐसा वास्तु ग्रंथो में पहले ही लिखा गया जिसका बेस राहु काल था.  इस तरह से वास्तु विद्या

शादी का वास्तु शास्त्र से संबंध - vastu shastra and marriage

  शादी जिंदगी का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है, शास्त्रानुसार जिंदगी चार विषय धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को पूर्ण करने के लिए घर के साथ शादी भी जरूरी है. 

crystal class 1/50 - black tourmaline

Black Tourmaline को आयुर्वेद में तुरमुली कहा जाता है. पहले बात करते है तुरमुली की रासायनिक प्रॉपर्टी की. ये पत्थर सिलिकेट खनिज से बनता है.  सिलिकेट क्या होता है  सिलिकेट - ऑक्सीजन और सिलिकॉन में जब ऋणायन (negative ion) मिल जाता है तब सिलिकेट का निर्माण होता है और सिलिकेट पत्थर धीरे धीरे कठोर होता जाता है और फिर तुरमुली का निर्माण करता है जो अलग अलग रंग में होते है लेकिन सबसे फेमस काला तुरमुली है.  ऋणायन किसी भी विद्युत् यानी इलेक्ट्रिक तरंग को बढ़ाते नहीं है अपने अंदर रोक लेते है. जैसे किसी काले तुरमुली में यदि इलेक्ट्रिक करंट का तार लगाया जाए तो ये करंट को आगे नहीं बढ़एगा बल्कि उसे वंही रोक देगा, ऐसी स्थिति को ऋणायन कहते है.  तुरमुली की विशेषताएं    विशेषताएं टूमलाइन ऊर्जा को साफ, शुद्ध और रूपांतरित करती हैं, एक भारीपन को हलकी सी ऊर्जा में ये बदलता है.। यह इंसान की आध्यत्मिक ऊर्जा को बैलेंस करता है आध्यत्मिक का मतलब है असलियत में जीना।  यह आध्यात्मिक ऊर्जा को आधार बनाता है, सभी चक्रों को साफ और संतुलित करता है और शरीर के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनाता है। प्राचीन समय से टूमलाइन एक शमनिक(

साउथवेस्ट में मुख्य द्वार का वास्तु - vastu of southwest main entry

    साउथ-वेस्ट जिसे नैऋत्य कोण भी कहते है. ये दिशा  वास्तु शास्त्र की सबसे महत्वपूर्ण दिशा होती है. माना जाता है के इस दिशा के कारक ग्रह राहु देव होते है.  वास्तु ग्रंथो के अनुसार इस दिशा में घर के मुख्य द्वार का होना एक बड़ा  वास्तु दोष माना जाता है जो की आपको हर तरह की परेशानी देने की क्षमता रखता है. आइये जानते है क्या परेशानियां आती है और क्या हो सकता है इस वास्तु दोष का उपाय।

वास्तु अनुसार मंदिर कैसे रखे - temple as per vastu rules

   कहते है जिस घर में रोज भगवान की पूजा होती है उस घर में देवी- देवता खुद साक्षात निवास करते है और उनकी कृपा हमेशा घर परिवार पर बनी रहती है। लेकिन वास्तु के अनुसार घर में मंदिर सही ना हो तो दुष्परिणाम भी सामने आते है. आइये जानते है क्या है वास्तु में घर में मंदिर बनाने के नियम

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