Skip to main content

Posts

राहु - केतु का मिथुन-धनु राशि में फल

आज बात करते है यदि राहु मिथुन राशि में हो और केतु धनु राशि तो पिछले जन्म में जातक किस तरह का था, और इस जन्म किस स्वभाव का हो सकता है.  rahu in Gemini sign and ketu in Sagittarius sign meaning ऐसे जातक ने अपनी पिछली जिंदगी एक दार्शनिक या एक रहस्यमय लक्ष्य के लिए जी थी. उसे आज़ादी वाली जिंदगी पसन्द होती है. अपनी पिछली जिंदगी में ऐसे लोग अपने sense of humor के कारण एक सराहनीय व्यक्ति थे.  यदि ऐसे लोग चाहकर भी अपने आप को अलग थलग करें और अपने आप को सोसाइटी से अलग करे तो भी नियति ऐसा नही करने देती. इनके पास ऐसी क्षमता है की ये लोग किसी के बारे में पहले ही बता दे के उसके साथ ऐसा हो सकता है. शायद ही इन्हें लाइफ में अच्छे चांस बहुत कम मिलते है.  राहु-केतु का फल वृषभ-वृश्चिक राशि में राहु - केतु का मेष-तुला राशि में फल

राहु-केतु का फल वृषभ-वृश्चिक राशि में

आज चर्चा करते है यदि जन्म लग्न कुंडली में राहु वृषभ और केतु वृश्चिक राशि में हो तो पिछले जन्म से क्या सम्बन्ध हो सकता है साथ ही इस जन्म में व्यक्ति कैसा हो सकता है.  rahu in Taurus ketu in Scorpio   अपनी past life में ऐसा जातक बहुत ज्यादा बुरे कामो में लिप्त रहा होता है, ऐसा माना जाता है के अपनी योग्यता का बहुत गलत उपयोग ऐसे व्यक्ति ने किया होगा. sex life बिगड़ी हुई रही होगी ऐसा माना जाता है. साथ ही सज़ा भी मिली होती है.  अपनी इस जिंदगी में ऐसे लोग लाइफ की जरूरतों को भली भांति समझते है. थोड़े डिप्लोमेट होते है. तीर्थ यात्राएं बहुत करते है और holi places पर जाकर अपना ज्ञान बढ़ाने की कोशिश करते है. शांति और आराम से जीने के लिए ये लोग पूरी मेहनत करते है और अपने कर्मों को भी सुधारते रहते है.  राहु - केतु का मेष-तुला राशि में फल

राहु - केतु का मेष-तुला राशि में फल

rahu ketu दोनों ग्रह हमारी पिछली जिंदगी से जुड़े हुए ग्रह माने जाते है, और उनका असर इस जिंदगी में भी देखने को मिलता है. कुछ हद तक इनकी स्थिति हमारी past life के बारे में भी बताती है.  rahu-ketu in aries-libra sign राहु मेष राशि में होने  पर केतु अपने आप तुला में जाएगा. ऐसे लोग अपनी पिछली life में काफी लकी थे ऐसा माना  जाता है साथ ही काफी भौतिक सुख भोग के आए  होते है. ऐसे लोग अध्यात्म की तरफ झुके हुए भी थे.  इस लाइफ में इनका स्वभाव बहुत उग्र हो सकता है साथ ही अपनी चलाने वाले हो सकते है. फिर भी इनकी लाइफ में पैसा आता रहेगा, और शुभ काम होते रहते है. हालाँकि अपने स्वभाव की वजह से काफी अच्छी opportunities हाथ से जायेगी. 

दक्षिण दिशा के टॉयलेट का प्रभाव - south toilet in vastu shastra

आज चर्चा करते है दक्षिण दिशा के टॉयलेट की, क्या असर मिलेगा घर में रहने वाले लोगों को यदि दक्षिण दिशा में toilet आ जाये तो आइये जानते है.  effects of toilet in south zone as per vastu shastra दक्षिण दिशा अग्नि से जुडी दिशा मानी जाती है, अग्नि का कार्य शारीरिक ऊर्जा, पोषण, मंगल कार्य, गर्भ, wealth, नाम आदि. उनमे से जिस zone में टॉयलेट आ जाये उससे सम्बन्धित परेशानी निश्चित ही आएगी.  dakshin disha me toilet - अब zone के हिसाब से बताता हूँ, दक्षिणपूर्व - ये कोण वेल्थ, नगद धन, से जुड़ा होता है इस कोण में टॉयलेट आने से कई बार अपने ही पैसे या प्रॉपर्टी से कोई फायदा नही होता. अभी recently एक वास्तु visit में मैंने देखा के कई सारी प्रॉपर्टी होने के बाद भी उन property से कोई फायदा नही हो रहा. साथ ही बिज़नस उधार में भी दिक्कत रहती है हालाँकि entrance  वास्तु के मुख्या और भल्लाट दोनों जोन में थी तो पैसे की आवक में कोई कमी नही है.  दक्षिणपूर्व-दक्षिण = ये कोण आपकी शारीरिक क्षमता, courage, साहस से जुड़ा होता है, इसमें टॉयलेट आने से व्यक्ति में साहस नही होता और आलस से भरा  रहता है. साथ ही ऐसा  देखा जाता

चन्द्र शनि युति - बुरा योग या ज्योतिषी - moon saturn conjunction

आज चर्चा करते है जन्म कुंडली में चन्द्र-शनि की युति की, मतलब  जन्म पत्रिका में चन्द्रमा और शनि का सम्बन्ध बने तो विष योग बन जाता है ऐसा माना जाता है के ये योग परेशानी देता है . क्या सच में परेशानी देता है आइये जानते है.  अभी २-3 दिन पहले एक पोस्ट fb पर  पढ़ी के यदि चन्द्र-शनि की युति हो तो जातक पागल जैसा व्यवहार  करता है, मानसिक अवसाद का शिकार हो जाता है और ये ब्रह्मवाक्य है मतलब ऐसा होगा ही होगा. शनि के अलावा यदि राहु या मंगल भी चन्द्र के साथ हो तो यही स्थिति होगी. वेसे वैदिक ज्योतिष में ये चन्द्र शनि वाला योग बनने के इतने तरीके हैं के हर कुंडली में ये योग बनाया या I mean होता है.  अगर अपना मै ज्योतिष का अल्पज्ञान भी use करता हूँ तो चन्द्रमा मन का कारक होता है, शनि जी हो गए धीरे धीरे चलने वाले कार्मिक ग्रह, शनिदेव human बॉडी के अनाहत चक्र के मालिक है जिसे heart chakra भी कहते है अब heart चक्र का कार्य समझाने की आवश्यकता नही.  इनकी युति होने पर चन्द्रमा दूषित होगा ऐसा  reason  नज़र नही आता.  इसके अलावा वैदिक ज्योतिष के अनुसार के अनुसार कुछ राशि - नक्षत्र भी प्रभाव डालते है अब यदि शनि गुर

आपका नेचर यदि आपकी जन्म तारीख में 3 अंक है तो - number 3 in birth date meaning

आज चर्चा करते है अंकशास्त्र के अनुसार यदि  आपकी जन्म तारीख में 3 अंक आता है तो आपका नेचर कैसा होगा या आपको क्या करना चाहिए.  repeat of number 3 in birth date meaning यदि आपकी जन्म तारीख में 1 बार 3 अंक आता है - ऐसे लोग उत्तम होते है, अच्छे स्वभाव के होते है. इसके उलट ऐसे लोग बहुत बड़े छिछोरे भी हो सकते है. नंबर ३ के कारण स्वभाव में बहुत सीधापन  या टेडापन आता  है.  3 अंक 2 बार आना (30-03-1980) = ऐसे लोग कुछ न कुछ नई खोज में लगे रहते है, कई बार देखा जाता है ऐसे लोग खाली नही बैठते बल्कि कुछ न कुछ सोचते रहते है.  3 अंक 3 बार - (30 -03-1993) - ऐसे लोगों की सोच बहुत ज्यादा अलग होती है. किसी सीमा के पार तक इनकी सोच चली जाती है, ऐसे लोग नए आयाम स्थापति करने वाले होते है.   3 अंक 4 बार (13 -3-1933) = ऐसे लोग कम ही मिलते है. ऐसे लोग असाधारण ही होते है, ये लोग एक सिंपल जीवन नही जीते. या तो बहुत आगे जाते है या बहुत नीचे. 

मंत्र द्वारा अपने मन को वश में करें - mantra for control feelings

किसी भी काम में सफलता   के लिए जरूरी है अपना मन अपने वश में हो, कुछ लोगों के साथ ये दिक्कत आती है उनकी सोच बहुत ज्यादा भटकी हुई होती है.  यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मन दूषित को ऐसे में पूरी जिंदगी सफलता नही मिल सकती चाहे कितना ही talent जातक में हो, क्योंकि ऐसे लोग कभी भी सही निर्णय नही ले सकते.  सुबह कुछ सोचते है और शाम होते होते कुछ नया सोचने लगते है. ये कमजोरी कुंडली में चन्द्रमा की होती है. चन्द्रमा का ये मंत्र आपके मन को मजबूती देता है. इस मंत्र के  21000 जाप करने चाहिए.  mantra        ॐ श्रां श्रीं श्रौ सः चद्रमसे नमः 

ads