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अगर घर में रहती है बीमारी तो देखें ये वास्तु जोन - vastu zone for health

health is wealth, ये बात सबसे जरूरी होती है. यही कारण है के आज भी वैदिक शास्त्रों में सबसे  ज्यादा ध्यान हेल्थ पर ही दिया गया है. वास्तु शास्त्र में भी health के लिए जोन बताया गया है जहाँ पर immunity power सबसे ज्यादा होती है. आज चर्चा करते है vastu health zone की.  vastu tips for health and immunity in hindi  कोण के हिसाब से नार्थ-northeast यानि उत्तर-उत्तरपूर्व का जोन हेल्थ से संबंधित माना जाता है. immunity power इसी जोन से देखि जाती है. अगर घर में कोई न कोई सदस्य बीमार रहते है तो यही जोन खराब होने का अंदेशा रहता है.  इस जगह पर toilet या kitchen होना बहुत ज्यादा नुकसान देने वाला माना गया है. ऐसे घरों में बीमारी चलती रहती है.  इस जगह पर दवाई रखना बेहद फायदेमंद होता है. अगर आपके घर में कोई व्यत्कि बीमार रहता है तो north of northeast में medicine रखने से दवा का असर जल्दी होता है.  बीमार व्यक्ति को इस जगह सुलाने से जल्द राहत मिलती है. लेकिन वही एक energy zone होने के कारण इस जगह लगातार नहीं रहना चाहिए.  1 2 3

अपनाइये खुश रहने के आसान तरीके - tips for happiness in hindi

अक्सर सब कुछ होने के बाद भी हम लोग थोड़े निराश से रहते है, इसका कुछ भी कारण हो सकता है, whether रिजल्ट्स हमारे हिसाब से नहीं आ रहे हो या हमारा pay scale थोड़ा है. कोई न कोई परेशानी हमें घेरे रखती है. हम लोग कुछ छोटी छोटी बातें भूल जाते है जो हमे ख़ुशी देती है और tension free रखती है. ये tips बस अपनाकर देखिये आपको अपना अच्छा time याद आएगा.  tips for happiness in hindi   अब ये कोई astro बाबा जी के tips नहीं है जिन्हे follow करने के लिए rules होंगे. simply इन happiness tips को follow कीजिये और enjoy करिये.  1. हँसिये, चेहरे पर मुस्कान बनाए रखिये. ऐसे व्यक्ति के साथ हर एक person बात करना चाहता है. रोने वाले और problems लेकर बैठे रहने वाले से लोग बचते है.  2. अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश कीजिये, साथ ही old friends से भी मिलते रहिये, शायद वो आपसे बात करने में झिझक रहे हो. लेकिन touch में रहना चाहिए. 3. अपने घरवालों को थोड़ा समय दीजिये. उनकी भी सुनिए वो क्या चाहते है. 4. जरुरतमंद की help करें  सके. अगर आँख घुमा कर देखंगे तो शायद आपके relations में ही दुखी लोग मिल जाएंगे.इसका मतलब ये नहीं के आप उसके

heart चक्र ही सिखाता है प्यार करना - heart chakra in hindi

अनाहत चक्र हमारे सूक्ष्म शरीर का चौथा  प्राथमिक चक्र है । इसे heart chakra भी कहते है.  इसके सक्रिय होने पर हिंसा, कुतर्क, चिंता, मोह, घमंड समाप्त जाते हैं। आज चर्चा करते है कैसे जुड़ा होता है हमारी लाइफ से  heart chakra  anahat chakra in hindi नाम: अनाहत चक्र या हार्ट चक्र मूल तत्व (element) : एयर रंग (color): हरा स्थान (placement):  दिल बुनियादी अधिकार : प्यार करने और प्यार करने के लिए चक्र प्रतीक (sign of heart chakra): यह 12 पंखुड़ियों वाले एक smoky gray कमल के फूल का प्रतिनिधित्व करती है । विषय (subject): प्यार लाने और जीवन में संतुलन के लिए मुद्दों से संबंधित (matters related with anahat chakra) : प्यार , शेष, प्रेम स्वयं के लिए , अंतरंगता , भक्ति heart chakra - anahat chakra in hindi अनाहत चक्र के रूप में हार्ट चक्र कमल के फूल जो रंग में धुएँ के रंग - ग्रे है और 12 पंखुड़ियों है का प्रतिनिधित्व करती है जाना जाता है। इस रंग ग्रे क्षेत्र के अंदर दो अन्तर्विभाजक त्रिकोण हैं।इन दोनों के पारस्परिक त्रिकोण एक Shatkona जो पुरुष और हिंदू यंत्र में महिला के मिलन का प्रतिनिधित्व पैदा करते

वास्तु अनुसार कहाँ होना चाहिए आपका टॉयलेट - WHICH DIRECTION FOR TOILET IN VASTU

toilet वास्तु शास्त्र  में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है अगर ये गलत स्थान पर  बना है तो ये उस zone के हिसाब से परेशानियां देता है. जैसे यदि दक्षिण-पश्चिम में जाए तो relations को खराब कर देता है. आज चर्चा करते है वास्तु शास्त्र में टॉयलेट किस दिशा में होना चाहिए.  toilet direction in vastu shastra in hindi  वास्तु शास्त्र के प्रमुख ग्रन्थ "vishwakarma prakash"  में इसका उल्लेख मिलता है   है  " या नैऋत्य मध्य पुरीष त्याग मन्दरम् ", इसका मतलब है  हमारा toilet दक्षिण व् नैऋत्य कोण (south - southwest) में मध्य होना चाहिए. इसका कारण ये है के ये जोन जाने के लिए ही होता है (zone of expenditure and disposal). कुछ लोग इसे दक्षिण-पश्चिम भी बोलते है लेकिन इसे समझने की बात है ये हिस्सा दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशा के बीच का होता है. बिलकुल दक्षिण-पश्चिम में toilet नुकसान देता है.  इसके अलावा वास्तु शास्त्र में दो और दिशा negative zone मानी गयी है पश्चिम वायव्य (west-northwest) और पूर्व आग्नेय (east-northeast).  वायव्य कोण की पश्चिम दिशा चिंता की दिशा मानी जाती है, और आग्नेय कोण

अष्टलक्ष्मी योग - ashta laxmi yoga in astrology in hindi

वैदिक jyotish में राहु ग्रह की कोई भी भी राशि नहीं बताई गयी है, राहु जिस राशि में बैठे उसके अनुसार ही फल देता है.  vedic jyotish के हिसाब से जब राहु छठे भाव में हो और साथ ही kendra  में गुरू होता है तब यह अष्टलक्ष्मी योग नामक शुभ योग का निर्माण करता है. इस चित्र की सहायता से आप जान सकते है अष्टलष्मी योग कैसे बन रहा है.  इस योग में राहु बुरा प्रभाव नहीं देता। ऐसा व्यक्ति भगवान में विश्वास रखता है. मान सम्मान इन्हे मिलता है. इसमें गुरु की राशि भी देखी जाती है.  क्या होता है जन्म कुंडली में दूसरे भाव - what is second house in kundli परिभाषा योग - paribhasha yoga in kundali कपट योग - kapat yoga in astrology गुरु -चांडाल योग - what is guru chandal yoga

विशुद्ध चक्र - vishuddha chakra or thraot chakra in hindi

यह चक्र हमारे शरीर का 5वां चक्र है. इसे गले का चक्र भी कहा जाता है. विशुद्ध का मतलब होता है पवित्र. यह chakra रीढ़ की हड्डी के पास गर्दन पर स्थित है| इस throat chakra भी कहा जाता है. आज चर्चा करते है गले के  चक्र की, क्या है इसका महत्व जानते है.  WHAT IS THROAT CHAKRA नाम: विशुद्ध चक्र या गले चक्र मूल तत्व (ELEMENT): ध्वनि (SOUND) रंग (color): चमकीला नीला प्रतिनिधि (represent): कलाकार स्थान (PLACEMENT): गला इसका मुख्य काम यही है के हम सच सुने और सच बोले और इसके काबिल बने.   यह  चक्र सोलह पंखिुड़यों जो बैंगनी और थोड़ा smoky  हैं के साथ एक सफेद रंग के रूप में प्रतिनिधित्व किया गया है। यह एक आकाश रंग का त्रिकोण  फ्रेम के अंदर नीचे की तरफ इशारा करता है और यह एक चाँद की तरह एक सफेद रंग का क्षेत्र शामिल  है। यह सफेद रंग का क्षेत्र deity Ambara जो आशीर्वाद  की पेशकश की मुद्रा में खड़े  है का प्रतिनिधित्व करता है जो आकाश तत्व (sky element) दिखाता है. इस चक्र भी blue chakra  के रूप में जाना जाता है। यह चक्र हमारे creative  पहचान बनाने के लिए  होता है । इस चक्र के कारण  हम अपनी कथनी और करनी के लिए

कुंडली में बृहस्पति के लिए उपाय - astrology upay for jupiter in hindi

ज्योतिष में नवग्रहों में बृहस्पति ग्रह को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है. बृहस्पति से ही किसी व्यक्ति के स्वभाव, और धन व् कुटुंब के बारे में जाना जाता है. बृहस्पति के कुंडली में खराब स्थिति में होने से परेशानियां बहुत ज्यादा आती है. लाल किताब के अनुसार क्या है बृहस्पति के उपाय आइये जानते है.  kundali me guru ke  upay  यदि गुरु कमजोर है या खराब प्रभाव दे रहा है तो पूर्णिमा के दिन सतनारायण की पूजा करनी चाहिए. गुड़ और चने का प्रसाद बाँटना चाहिए.  अपने कुल पुरोहित की सेवा  करनी चाहिए। यदि गुरु पांचवे भाव (fifth house) में हो दान नहीं लेना चाहिए.  बृहस्पति से संबंधित चीज़ों का दान (donate) करना चाहिए.  इसमें एक बात और देखनी चाहिए के गुरु ग्रह नीच है या कमज़ोर, यदि कमज़ोर है सोना धारण करके उसे मजबूती दी जा सकती है. लेकिन नीच है स्वर्ण नहीं पहनना चाहिए. 

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