वास्तु शास्त्र में पश्चिम दिशा के कुल 8 तरह के प्रवेश द्वार बताए गए है. आज चर्चा करते है पश्चिम दिशा के मुख्य गेट के प्रभावों की. west facing main entrance effects in hindi पश्चिम दिशा 225 से 315 degree मानी जाती है. इसे 225 डिग्री से शुरू करते है तो 315 तक 8 parts में बाँट दे. लगभग 11.25 डिग्री की एक पार्ट बनेगा. w1 - पितृ - बेहद नुकसान दायक, धन और संबंध बहुत खराब होंगे। w2 - दौवारीक - अस्थिरता देता है. टिकाव नहीं रहेगा. w3 - सुग्रीव - ये entrance विकास देती है. आगे बढ़ते ही रहेंगे. w4 - पुष्पदन्त (pushpdant vastu) - एक संतुष्ट जिंदगी देता है. ख़ुशी मिलती है. w5 - वरुण (varun) - व्यक्ति बहुत ज्यादा पाने की चाहत रखने लगता है जिससे नुकसान संभव है. w6 - असुर (asur) - ये नुकसान देती है एक मानसिक परेशानी चलती रहती है. w 7 - शोष - shosh in vastu - गलत आदत पड़ जाती है. व्यक्ति बुरी लत में उलझा रहता है. w 8 - पापयक्षमा - इसमें व्यक्ति मतलबी हो जाता है अपना ही फायदा देखने वाला।
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