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वास्तु शास्त्र में वास्तु पुरुष की कथा - vastu purush

   वास्तु शास्त्र के दूसरे लेक्चर में बात करते है वास्तु पुरुष की जिसके बिना वास्तु शास्त्र की शुरुआत भी नही की जा सकती, प्राचीन काल में अंधकासुर नाम का राक्षस हुआ जिससे युद्ध करते समय भगवान शिव को पसीना आ गया, पसीने की बूँद जब पृथ्वी पर गिरी तो भयानक सा प्राणी उतपन्न होने लगा. देवताओं ने मिलकर उसे जमीन पर टिक दिया औंधे मुह और उस पर निवास किया।

वास्तु विन्यास - how to cut a vastu map

   lecture 5  - वास्तु विन्यास    वास्तु विन्यास यानि के घर की दिशाओ का ज्ञान सबसे जरूरी वास्तु अंग माना गया है. इसे कैसे ज्ञात करते है आइये जानते है.  कोई भी घर या  प्रॉपर्टी वास्तु शास्त्र में 360 डिग्री की मानी गई है. अगर हम  किसी घर में  जाते है तो सबसे पहले हमे दिशा ज्ञान बेहद जरूरी है. इसके लिए मार्किट से compass ले, इसमें oil compass या magnetic compass सबसे अच्छे माने जाते है, आजकल फ़ोन में compass download की सुविधा होती है आपको दोनों ही अपने साथ रखने चाहिए.  सबसे पहले जिस प्रॉपर्टी में गए है पहले जो एक normal पूर्व पश्चिम दिशा देखे उसके बाद प्रॉपर्टी के बीचों बीच जाकर कंपास को जमीन पर रख दीजिये, अपना मुख उत्तर की तरफ ही रखे. अब देखें compass क्या डिग्री दिखा रहा है साथ ही अपने फ़ोन वाले compass का मुह भी उत्त्तर की तरफ करके चेक करें, बस उत्तर ज्ञात कर लीजिये बाकी आपका काम हो गया, क्योंकि बाकी डिग्री उत्तर से आप पकड़ते चले जाओगे.  उत्तर दिशा हमेशा 0 डिग्री या 360 डिग्री एक ही बात है, पर स्थित होती है, लेकिन घर हमेशा बिलकुल सीध में नही बना होता जिस कारण उत्तर दिशा आगे पीछे हो जाती

क्या है वास्तु शास्त्र - what is vastu shastra

  वास्तु शास्त्र घर, भवन अथवा मन्दिर निर्मान करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है जिसे आधुनिक समय के विज्ञान आर्किटेक्चर का प्राचीन स्वरुप माना जा सकता है। इसका उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है साथ ही अथर्वववेद में वास्तु का एक अध्याय लिखा गया है. ये परम्परागत भारतीय स्थापत्य कला का एक शास्त्र है. एक शहर से लेकर एक छोटे से घर को कैसे बनाया जाए ये वास्तु शास्त्र का प्रमुख अंग है. 

दक्षिण-पश्चिम दिशा में मंदिर - mandir in south-west corner

  घर के दक्षिण-पश्चिम कोण में मंदिर होना एक वास्तु दोष माना जाता है.आइये जाने है इस दोष का क्या क्या असर देखने को मिलता है.  vastu tips for worship room in south-west कभी कभी हम देखते है के शादी के लायक वयक्ति का शादी - ब्याह से मोह (no interest in marriage vastu) उठ गया है. उसकी शादी करने में कोई रूचि नही है, लेकिन क्या आप जानते है इसमें वास्तु दोष भी एक कारण हो सकता है.   किसी वयक्ति को भगवान में विश्वास व् आस्था होना अच्छी बात है. लेकिन इसका मतलब ये नही है भगवान में ही लीन हो जाओ. वास्तु के अनुसार यदि किसी घर में मंदिर दक्षिण-पश्चिम में बना हुआ है तो इस प्रकार की परेशानियां आ जाती है. ऐसे घरो में वयक्ति शादी से घृणा करने लगता है (aversion of marriage) दक्षिण-पश्चिम वास्तु कोण हमारी relationship के लिए जिम्मेदार होता है. यहाँ मंदिर होने पर ऐसा देखा जाता है वयक्ति भगवान में ज्यादा रूचि लेने लगता है साथ हर काम को भगवान की इच्छा मानकर कर्म प्रधान नही रहता जो की एक गलत सोच है.  इसका सबसे अच्छा उपाय यही बनता है के मंदिर को कहीं और शिफ्ट किया जाये. 

ज्यादा खर्च से बचने के वास्तु उपाय - vastu tips for avoid over expenses

  कई बार घर खर्च या ऑफिस का खर्च बहुत ज्यादा बड़ा होता है, कुछ लोगों की ऐसी समस्याएं भी आती है के कमाई तो ठीक है लेकिन खर्चा बहुत ज्यादा है. ऐसे में क्या है कारण और क्या वास्तु उपाय बनते है आइये जानते है.  Many times the household expenses or office expenses are very huge, some people also face such problems that the income is good but the expenses are very high. In such a situation, let us know what is the reason and what Vastu solutions are available.

वास्तु शास्त्र में मिटटी का रंग कैसे देगा फायदा - soil color in vastu

  आज बात करते है वास्तु शास्त्र में मिटटी के रंग की, भूमि चयन करते समय भूमि का रंग कैसा हिना चाहिए ये बताया गया है लेकिन इस मिटटी का कैसे लाभ ले, आइये जानते है. 

वास्तु अनुसार घर में कहाँ रखे नंदी बैल - where to place nandi bull at home of office

 

वास्तु शास्त्र के अनुसार प्लाट कैसे देखे - how to check plot according vastu

इस लेक्चर में हम प्लाट के बारे में चर्चा करेंगे.  जब हम किसी प्लाट पर जाए या किसी घर पर जाए तो four S थ्योरी हमेशा ध्यान रखनी चाहिए, shape, size, soil, slope 

साउथवेस्ट में मुख्य द्वार का वास्तु - vastu of southwest main entry

    साउथ-वेस्ट जिसे नैऋत्य कोण भी कहते है. ये दिशा  वास्तु शास्त्र की सबसे महत्वपूर्ण दिशा होती है. माना जाता है के इस दिशा के कारक ग्रह राहु देव होते है.  वास्तु ग्रंथो के अनुसार इस दिशा में घर के मुख्य द्वार का होना एक बड़ा  वास्तु दोष माना जाता है जो की आपको हर तरह की परेशानी देने की क्षमता रखता है. आइये जानते है क्या परेशानियां आती है और क्या हो सकता है इस वास्तु दोष का उपाय।

वास्तु अनुसार मंदिर कैसे रखे - temple as per vastu rules

   कहते है जिस घर में रोज भगवान की पूजा होती है उस घर में देवी- देवता खुद साक्षात निवास करते है और उनकी कृपा हमेशा घर परिवार पर बनी रहती है। लेकिन वास्तु के अनुसार घर में मंदिर सही ना हो तो दुष्परिणाम भी सामने आते है. आइये जानते है क्या है वास्तु में घर में मंदिर बनाने के नियम

वास्तु शास्त्र और किचन - vastu shastra and kitchen

किचन हमारे घर का एक बड़ा ही महत्वपूर्ण पार्ट होता है, अग्नि तत्व का कारक होने के कारण किचन जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों से जुड़ा होता है, 16 ज़ोन्स में किचन का अपना एक अलग इफ़ेक्ट होता है और इसके उपाय आपको बताता हूँ जो की बेहद सरल और कारगर है.

पूर्व दिशा के लिए वास्तु उपाय - vastu remedies for east direction

    इस पोस्ट में हम समझेंगे के पूर्व दिशा में क्या उपाय कराये जा सकते है. जब आपको पूर्व दिशा को ऊर्जावान बनाने की जरूरत हो. 

वास्तु अनुसार तत्वों के बनने और खत्म होने की प्रक्रिया - element cycle according vastu

   आज इस पोस्ट में हम तत्वों के बनने और बिगड़ने की प्रक्रिया को समझेंगे. वास्तु शास्त्र में हम 5 तत्व लेकर चलते है - जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, फेंगशुई में भी 5 तत्व लिए जाते है - जल, लकड़ी, अग्नि, धरती, धातु.

मुख्य द्वार और वास्तु शास्त्र - main entrance in vastu shastra

मुख्य द्वार घर का बहुत महत्वपूर्ण अंग माना गया है वास्तु शास्त्र के ग्रंथों के अनुसार एक प्रॉपर्टी में 32 तरह के मुख्य द्वार हो सकते है जिनका अलग अलग असर मिलता है. टेक्निकल भाषा में बात करें तो एक प्रॉपर्टी 360 डिग्री की होती है यदि 32 से भाग करें तो एक द्वार तक़रीबन 11. 25 डिग्री का हुआ, और हर द्वार को एक देवता का नाम दिया गया है. इन सबका  उल्लेख हमे वास्तु शास्त्र में मिलता है. 

उत्तरपश्चिम वास्तु जोन - north-northwest vastu zone

  नार्थ-नार्थवेस्ट (sex and attraction) - 326.25-348.75 degree का ये एरिया होता है, लगभग सभी वास्तु से जुड़ीं प्राचीन किताबें इस जोन को रति क्रीड़ा के लिए उपयुक्त बताती है. ये जगह नए couple के लिए सबसे अच्छी मानी गई है. इसमें वो आपस में जुड़ाव महसूस करते है व उसका आनंद भी उठाते है. 

वास्तु शास्त्र में इलेक्ट्रिसिटी कैसे कार्य करती है. vastu shastra and electric ions

आज चर्चा करते है आयन की, 6th कक्षा में आपने पढ़ा होगा, धनात्मक ऋण और ऋणात्मक ऋण, आज पहले इन्हे समझते है फिर वास्तु से इनका क्या संबंध ये जानते है.

वास्तु अनुसार कटे हुए जोन को कैसे जगाये - how to enhance a area according vastu

कभी कभी आप महसूस करते है या कभी कभी question भी करते हैं  के कोई particular zone को enhance कैसे किया जाए. तो आज इस लेक्चर में आपको यही बताता हूँ. 

बिज़नेस और वास्तु का सीधा संबंध - business and Vastu Shastra relation

वास्तु शास्त्र का व्यवसाय से सीधा लेना देना होता है चाहे वो फैक्ट्री वास्तु हो या इंडस्ट्री वास्तु या कोई दूकान का वास्तु।  वास्तु के नियम हर बिज़नेस को मानने ही पड़ते है. इस पोस्ट में हम जानेंगे के कैसे वास्तु बिज़नेस को प्रभावित करता है. 

ड्राइंग रूम और वास्तु का संबंध - drawing room and vastu rules

वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारा ड्राइंग रूम हमारी मान सम्मान और प्रतिष्ठा से सम्बन्ध रखता है इसलिए ड्राइंग रूम  की सजावट पर विशेष ध्यान दिया जाता है. । लोग ड्राइंग रूम में काफी पैसा खर्च करते है लेकिन मेहमान अच्छी खातिरदारी के बाद भी संतुष्ट नही होते व् आपस में वाद- विवाद का माहौल बन जाता है. आइये जानते है क्या वास्तु दोष होता है इसमें और कैसे ठीक करें इस दोष को.

वास्तु शास्त्र के दस दिशाएं - दिकपाल और योगिनी vastu shastra ten directions dikpaal and yogini

  वास्तु शास्त्र में आपने कई बार सुना होगा दस दिशाएं। लेकिन जब किसी प्रॉपर्टी का वास्तु करने की बात आती है तो दिशा के नाम तो याद होते है लेकिन उनके दिकपाल सबको याद नहीं रहते. तो जानते है दस दिशाए और उनके मालिक 

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