नमस्कार आज हम बात करेंगे एक ज्योतिष सूत्र की जिसमे हम समझेंगे मंगल ग्रह के चौथे भाव में बैठने के बारे में. जन्म पत्रिका में मंगल ऊर्जा का ग्रह है और मंगल ही वह ग्रह है जो अग्नि हर वक़्त व्यक्ति के आस पास रहती है चाहे वह पेट की अग्नि हो या घर की रसोई की या व्यक्ति की अंतिम अग्नि यानी चित्ता की. इससे हो कर जाना ही पड़ता है. चाहे कोई भी ग्रह हो सोना चांदी पीतल लोहा सबको आकार मंगल ही देता है.
व्यक्ति के शरीर में जितनी ऊर्जा होती है उतना ही वह कार्य कर सकता है और जितना कार्य उतनी कमाई। योगियों के बारे में बहुत प्रचलित है के वे नींद पर काबू करते है, या जितना वो पड़ने की स्पीड रखते है उतना नार्मल इंसान में नहीं होती। ये सब ऊर्जा मंगल से ही मिलती है. मंगल अग्नि है और कुंडली का चौथा भाव पानी है और जब इसका मिलन होता है तो मंगल को नीच का दर्जा मिलता है यानी जो ऊर्जा चाहिए थी अब वो नहीं मिलेगी। ऐसा नहीं है के सब चौथे मंगल वाले ऊर्जा विहीन होंगे लेकिन उन्हें ज्यादा मेहनत अब करनी पड़ेगी.
कुंडली के चौथा भाव मंगल का नीच भाव माना जाता है ये भाव घर से जुड़ा हुआ माना जाता है और मंगल यहाँ बैठकर अपने करीबी दोस्तों और परिवार के प्रति बेहद सुरक्षात्मक बना देता हैं मतलब व्यक्ति घरवालों की परेशानी भी अपने ऊपर लेने की ताकत रखता है। मगल का संबंध गुस्से से देखा जाता है और क्रोध को गहराई से महसूस किया जा सकता है और संभवतः गहराई से दबा दिया जा सकता है.
यहाँ मंगल आपके मन में आने वाले विचारो को दुसरो को जताने में असमर्थ भी रहता है यानी आपके भाव दुसरो को समझ नहीं आते और कभी कभी प्यार मुहब्बत में ये भारी यातना दे देता है.
कभी कभी मगल 4 में जातक का नेचर कभी तो बहुत आक्रामक हो जाता है की मै मेहनत करूँगा बहुत पैसा कमाऊंगा और अचानक वो सोचता है के क्या करेंगे इतना काम कर के और ये दोहरा रवैया उसे परेशानी देता है. और यदि ऐसे लोग सिर्फ एक विचारधारा पर नहीं चलते तो बहुत दिक्क्त में जाते है. मेहनत और सिर्फ मेहनत इनके लिए जरूरी है.
पारिवार में संघर्ष की स्थिति बानी रह सकती है. इन लोगो के साथ यदि इनके परिवार के बारे में बात करो तो बहस हो सकती है या ऐसा भी हो सकता है के इनके परिवार में बहस होती हो. मंगल ऊर्जा से जुड़ा हुआ ग्रह है और यहाँ मंगल ये दिखा रहा है के घर के मामले, घर के कामो में, घर के बारे में सोचने में इनका समय बहुत खराब होगा जिसका सीधा असर इनके करियर और मैरिड लाइफ पर पड़ता है. क्यूंकि चौथा घर पानी का है मूड का है अब ऊर्जा आपके मूड पर डिपेंड हो जाएगी, मन खुश तो काम कर लिया वरना इनसे काम करवा कर दिखा लो.
एक बात मैंने जो देखि है मंगल 4 वालो के साथ के इनसे कोई भी काम कराना बहुत मुश्किल है जब तक इन्हे अंदर से ना लगे के ये सही है क्यूंकि यहाँ व्यक्ति अपनी सहज बुद्धि का प्रयोग करता है हालाँकि मंगल नीच है तो कभी कभी बुद्धि घांस चरने भी जा सकती है. ऐसे लोग घर से जुड़े मुद्दों में अपनी चलाना चाहते है वे चाहते है के उनके अनुसार चीज़े हो लेकिन शायद हर मामले में ये उतना कारगर साबित नहीं होता, हाँ अगर मेहमान आने है या बहुत बड़ी भीड़ हो संभालना है तो आप बहुत अच्छे है.
ऐसे लोग जब भी अपना गुस्सा जाहिर करेंगे तो इन्हे सिर्फ नुकसान ही होगा हालाँकि लोगो को लग सकता है के इन्हे गुस्सा नहीं आता लेकिन ऐसा नहीं है.
मंगल 4 में किसी घर के अंदर आपसी competition, गुस्सा, नखरे आते रहते है. ऐसे लोग घर को संभालने के लिए जितनी ऊर्जा लिए बैठे है सब लगाने के लिए तैयार रहते है. चौथा भाव जनता का भी होता है जैसे दशम भाव राजा का तो चौथा भाव प्रजा का और एक प्रजा या भीड़ को सेनापति से अच्छा कौन संभाल सकता है.
चौथा घर हमारे रिहाइश से जुड़ा है और मंगल देव हनुमानजी से जुड़े है. घर में कोई ना कोई हनुमानजी से जुड़ा इंसान होगा जो उनकी सेवा करता होगा या पूजा करता होगा लेकिन हनुमानजी ब्रह्मचारी भी है तो ऐसे में घर में कोई व्यक्ति योगी या ब्रह्मचारी भी हो सकता है.
मंगल तंत्र का भी ग्रह है और घर में तंत्र विद्या या पीर फ़क़ीर में पड़ने जैसी हरकते सिर्फ नुकसान ही देंगी इसलिए इनसे दूर ही रहे और बदलना लेने की भावना को अपने से दूर रखे.
धन्यवाद
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