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भृश वास्तु देवता - bhrish vastu devta vastu

भृश वास्तु जोन - (112.50-123.75) दक्षिण-पूर्व (southeast) के पूर्व की तरफ भृश वास्तु जोन बड़ा महत्वपूर्ण कोण माना जाता है. इस vastu zone से हमें दो वस्तुओं से मिलकर या आपस में घर्षण से एक वस्तु प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त होती है. 



ये शक्ति गुरुत्वकर्षण की भी मानी जाती है, यदि ये शक्ति कमजोर है तो कार्यो का सही किर्यान्वन नहीं हो पाएगा, इसके अलावा जल्दबाज़ी भी इसी शक्ति का नतीजा है.


bhrish vastu में एक तरह से यदि हम कोई काम सोच समझकर कर रहे है लेकिन फिर भी देरी हो रही है या असफल होते है तो ये जोन खराब या कमजोर माना जायेगा. काम शुरू करते है लेकिन अपने अंजाम तक नहीं पहुंचे तो भी ये वास्तु जोन में खराबी है. idea तो आपको northeast से मिल गया लेकिन practical के लिए जोन ठीक चाहिए। भृश एक तरह से मंथन की शक्ति है जैसे हमने मिक्सी में दही से माखन निकाला। इस वास्तु जोन में कुछ vastu experts आपको मिक्सर रखने कि सलाह देते है लेकिन वो तभी possible है जब इधर किचन हो ऐसे में ऐसी ही तस्वीर को वहां लगा सकते है.





मंथन के काम या analysis के काम इस जोन में करने चाहिए. यहाँ से घर की entry नहीं होनी चाहिए. ये जोन खराब होने से बिना बात चिंता रहती है मन हमेशा व्याकुल रहेगा.



भृश देवता को कामदेव भी माना जाता है,हाथी को कामदेव का वाहन माना गया है। वैसे कुछ शास्त्रों में कामदेव को तोते पर बैठे हुए भी बताया गया है, लेकिन इसे मूल अवधारणा में शामिल नहीं किया गया है। प्रकृति में हाथी एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो चारों दिशाओं में स्वच्छंद विचरण करता है। मादक चाल से चलने वाला हाथी तीन दिशाओं में देख सकता है और पीछे की तरफ हल्की सी भी आहट आने पर संभल सकता है। हाथी कानों से हर तरफ का सुन सकता है और अपनी सूंड से चारों दिशाओं में वार कर सकता है। ठीक इसी प्रकार कामदेव का चरित्र भी देखने में आता है। ये स्वच्छंद रूप से चारों दिशाओं में घूमते हैं और किसी भी दिशा में तीर छोड़ने को तत्पर रहते हैं। कामदेव किसी भी तरह के स्वर को तुरंत भांपने का माद्दा भी रखते हैं।


Bhrish Vastu Zone - (112.50-123.75) Bhrish Vastu Zone on the east side of south-east is considered to be a very important angle. From this vastu zone, we get the power to obtain one object by combining two objects or by friction with each other.

This power is also considered to be that of gravity, if this power is weak then the tasks will not be executed properly, apart from this, haste is also the result of this power.

In a way, in Bhrish Vastu, if we are doing any work thoughtfully but still get delayed or fail, then this zone will be considered bad or weak. If you start the work but do not reach the end result then it is a defect in the Vastu zone. You got the idea from the northeast but for practical purposes you need a suitable zone. Bhrish is the power of churning in a way like we extract butter from curd in a mixer. Some Vastu experts advise you to keep a mixer in this Vastu zone, but that is possible only if there is a kitchen here, in such a case a similar picture can be placed there.


Brainstorming or analysis work should be done in this zone. There should be no entry into the house from here. Due to damage to this zone, there is unnecessary worry and the mind will always be disturbed.


Bhrish Devta is also considered to be Kamadeva, elephant is considered to be the vehicle of Kamadeva. Although in some scriptures Kamadeva has also been described as sitting on a parrot, but this has not been included in the original concept. Elephant is the only creature in nature which moves freely in all four directions. An elephant walking with a graceful gait can see in three directions and can recover even at the slightest noise from behind. An elephant can hear everything with its ears and can strike in all directions with its trunk. Similarly, the character of Kamadeva can also be seen. They move freely in all directions and are ready to fire arrows in any direction. Kamadeva also has the ability to sense any kind of tone immediately.

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