नमस्कार दोस्तों, आज हम चर्चा करते है कुंडली के दूसरे भाव में यदि बृहस्पति विराजमान हो तो क्या फल जातक को देखने को मिलते है. लाल किताब दूसरे भाव के बृहस्पति को गाय का स्थान, मेहमान नवाज़ी, पूजा स्थान, धन माया, चने की दाल बताती है.
यंहा बृहस्पति अच्छे फल देने वाला माना जाता है, कुछ हद तक व्यक्ति का संबंध खाने पीने के काम से हो सकता है या व्यक्ति को अच्छे अच्छे पकवान खाने का शौक भी हो सकता है. जंहा दूसरा भाव वृषभ राशि से संबंधित होता है वृषभ एक बैल होता है तो इस तरह इसे बैल पर बैठा साधू माना जाएगा लाल किताब की भाषा में शिवजी बैल पर बैठे हुए.
लड़की की कुंडली में दूसरा बृहस्पति ससुराल का भी बन जाता है. दूसरा घर राहु और केतु की बैठक माना जाता है माथे की दोनो भोंहे जंहा मिले वो स्थान दुनियावी और रूहानी दोनों का मिलन होता है इसलिए राहु केतु की बैठक बोला जाता है तो कभी राहु बलि कभी केतु बलि यानी बृहस्पति अब ऐश और अध्यात्म एक साथ लेगा या ये भी माना जा सकता है के सारे ऐब पुरे करने के बाद सारी दुनिया देखने के बाद धर्म के मार्ग पर आ जाएगा। लेकिन किसी भी स्थिति में इसके ख्याल बुरे नहीं होंगे।
कुंडली में सूर्य बुरा ही क्यों ना हो लेकिन सरकार या बड़े लोगो से फायदा मिलेगा। इनके पास पैसा खुद ही आ जाता है बस इन्हे अपनी जुबान और चेहरे पर शनि नहीं लाना चाहिए जैसे झूठ, बुढ़ापा, शराब के चस्के. वरना सरकार से भी हानि होगी और सेहत भी गिरती है. एक अहंकार ही है जो इन्हे गिराने के लिए काफी है वरना यंहा बैठे बृहस्पति को गिराना मुश्किल होता है.
यंहा बृहस्पति 6 8 10 से संबंध बना रहा है अपनी दृष्टियों के माध्यम से, ये संबंध गुप्त धन या पिछली जिंदगी के धन इस जन्म में मिलने का योग है अब ये लाटरी से मिले या किसी निःसंतान की सम्पति या कोई अचानक बड़ा धन लाभ. ऐसा कोई धन मिलने का योग है लेकिन हमें कुंडली में ये देखना आना चाहिए के बृहस्पति एक्टिव यानी प्रभावी है भी या नहीं। इसका एक सीधा सा तरीका है दूसरे बृहस्पति प्रभावी वाला तर्जनी ऊँगली को बात चित में दिखायेगा और तर्जनी ऊँगली बिलकुल सीधी होनी चाहिए।
बृहस्पति का एक बहुत सिंपल सा रूल भी है के जंहा बैठे वंहा को नष्ट करे, लेकिन उसके भौतिक गुणों को. ऐसे में बड़े घर या बड़ी फॅमिली में पैदा तो जातक हो सकता है लेकिंन बड़ा घर या बड़ी फॅमिली अपने पैसे से बना ले ऐसा मुश्किल ही देखा जाता है हालाँकि धन का आकर्षण इनकी तरफ बना रहता है.
अब बात करते है एक बड़ी परेशानी जो बृहस्पति 2 मे मैंने देखि है, लाल किताब कहती है के २ और ८ भाव खराब हो जाए तो बहुत बुरे फल मिलते है. यदि अष्टम भाव को खराब रखा जाए तो बृहस्पति 2 चाहकर भी अच्छे फल नहीं दे पाता। अष्टम भाव को खराब रखने का मतलब है बुरे काम करना, धोखा देना अपने आप को, लाल किताब कहती है के इश्क़ की खुमारी बृहस्पति को खराब करती है, बृहस्पति 2 में जगत गुरु बन गया है ऐसे में ब्रह्मा रूप का शुक्र की तरफ आकर्षण सिर्फ खराबी देगा. यंहा तक की धन की परेशानी भी आ जाएगी। दूसरी बात दूसरे भाव को खराब करना यानी झूठ बोलने के साथ सोना बेच देना या गिरवी रख देना क्यूंकि बृहस्पति और केतु दोनों में से कोई भी दूसरे में होने से सोना बिकवा देते है और वंही से बुरे दिन शुरू। इसकी निशानी ये होगी के आपके घर में कुत्ता पाला जाएगा, या कमर या पैरो के रोग होंगे या रिश्ते में जीजा और फूफा को परेशानी आएगी और वो परेशानी आप तक आएगी एक और निशानी होगी के घर के सामने गद्दा हो जाएगा हालाँकि इसे भरवा देना चाहिए.
जब बृहस्पति 2 हो और खराब फल दे रहा हो तो घर में किसी को बवासीर की परेशानी हो सकती है या खुद को यदि है तो काम धंधा नहीं चलेगा क्यूंकि ये बीमारी भी अष्टम की खराबी है. इस बीमारी को ठीक करना बहुत जरुरी है अगर व्यक्ति को खुद है तो वो जंहा बैठेगा वंहा मनहूस कहलायेगा।
ऐसा माना जाता है के बृहस्पति 2 के पास पैसा हवा की तरह आता है और पानी की तरह जाता है. हवा का मतलब वैदिक साहित्य में ट्रेवल, घूमना फिरना, लोगो से मिलना, हंसना बोलना होता है काफी हद तक सामाजिक जुड़ाव तो इस सब गुणों से पैसा आता है और जल के गुण जैसे भावना में बहना, बीमारी, मानसिक भटकाव, पुरानी बातों से डर के कारण पैसा उपयोग, डर. तो इन चीज़ो में पैसा जाएगा। इस प्रकार इनका खुश रहना और वर्तमान में जीना बहुत जरूरी है.
लाल किताब कहती है के मिटटी बेचो सोना नहीं वरना मिटटी पलीद होगी. देखिये सोना सबसे पवित्र धातु है जो किसी दूसरी धातु से नहीं जुड़ती। एक तरह की पवित्रता, साफ़ मन और दूसरी मिटटी जिसका संबंध देह से होता है. तो ऐसे लोगो को साफ़ कहना सुखी रहना रास नहीं आता यानी के थोड़ा लाग लपेट करनी आणि चाहिए अपनी लुक पर काम करना चाहिए। मानसिक रूप से ये लोग सोना है लेकिन ये मन मार्केट में तोड़ दिया जाता है इसलिए माना गया के स्त्री से संबंधित कार्य अच्छे रहेंगे क्यूंकि उन कार्यो में ऊपरी सुंदरता की कीमत मिलती है.
अब बात आती है उपाय की
ऐसे लोगो को अपनी तर्जनी ऊँगली का नाख़ून थोड़ा लम्बा रखना चाहिए लेकिन साफ़
अपनी जुबान साफ़ करने की कोशिश करते रहे
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