विश्वकर्मा जी ने वास्तु देवताओं को निघण्टु रूप (वैदिक शब्द) में भी बताया है, इसमें से दक्षिणपश्चिम में बैठे देव दौवारिक को नंदी (शिव जी के बैल) बताया है, इस जगह में नंदी देव रखने से यकीनन सुरक्षा का अहसास होता है.
nandi bull in vastu shastra
नंदी शिव जी के वाहन हैं ये सब जानते हैं लेकिन साथ ही शिव जी के द्वारपाल भी हैं वो भी अनेक शक्तियों से युक्त। ऐसा माना जाता है कि शिव पुत्र कार्तिकेय भी युद्घ मे नंदी जी को नही हरा पाये थे।
वास्तु शास्त्र में नंदी जी की शक्ती को protection और साथ ही competion मे जीत के लिए योग्य टूल के रूप मे समझा जाता है।
दक्षिण-पश्चिम क्षिण-पश्चिम जोन में नंदी बैल west की तरफ लगाए, मुख ईशान की तरफ होना चाहिए. साथ ही यदि आप अपनी जिंदगी में एक अच्छी और लम्बी partnership चाहे वो पर्सनल को या प्रोफेशनल तो इस जोन में nandi bull फायेमंद होता है.
यदि काम धंधे में भी client, customers या investors के विश्वास और satisfaction को बनाये रखना चाहते है तो भी "नंदी" आपका साथ देते है. अधिक सलाह के लिए सम्पर्क कर सकते है .
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