१. लिखा था जब किस्मत का आगाज़ (कागज)
वक़्त था वह गैब का
२. लिखत जब विधाता किसी की हो शक्की
उपाओ मामूली बता देती है
ग्रहफल राशि फल के टुकड़े दो करती
या रेखा में मेख़ा लगा देती है.
३. लिखा था जब किस्मत का कागज
वक़्त का था वह गैब का
भेद उसने गुम रखा था
मौत दिन और ऐब का
ख्याल रखना था बताया
कृतघ्न इंसान का
एवज़ लड़का लड़की बोला खतरा था शैतान का
४. हाथ रेखा को समंदर गिनते
नजूम फलक का काम हुआ
इल्म कियाफा ज्योतिष मिलते
लाल किताब का नाम हुआ
5 समां करे नर क्या करे समां बड़ा बलवान
असर ग्रह सब पर करे पशु परिंदा या इंसान
६ हाथ दांया और कुंडली जन्म को
तदबीर मर्द का नाम
कुंडली चन्दर या हाथ बाएं को तकदीर बशर का काम हुआ
उलट से औरत माना
ग्रहफल राशि आम हुआ
नेक हवा जब चलने लगी जंहा दोनों का नाम हुआ
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