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वास्तु शास्त्र के अनुसार प्लाट कैसे देखे - how to check plot according vastu

इस लेक्चर में हम प्लाट के बारे में चर्चा करेंगे. जब हम किसी प्लाट पर जाए या किसी घर पर जाए तो four S थ्योरी हमेशा ध्यान रखनी चाहिए, shape, size, soil, slope 



shape -  शेप में हम देखते है के property की शेप कैसी है स्क्वायर , आयताकार, गोल, पंचकोण, षट्कोण, शेरमुखी, गौमुखी, शंख मुखी, गाडी, बैल, अनेक तरह की शेप शास्त्रों में बताई गई है, इसमें घर के लिए आयताकार और कार्य स्थल के लिए गोल शेप बहुत अच्छी है, गौमुखी शेरमुखी अच्छी बुरी होने का कोई ख़ास प्रमाण नहीं मिलता है. 




size - साइज में हम देखते है के प्रॉपर्टी का साइज कैसा है कितनी बड़ी है किस अनुपात में है, १:2 के अनुपात वाली प्रॉपर्टी श्रेष्ठ है, जैसे 30:60 फ़ीट का प्लाट हो. 1:3.5 के बाद प्लाट अच्छा माना जाता, जैसे 30:120, ये 1:4  ratio हुआ. 


इसके अलावा जिस घर में पूर्व पश्चिम की दीवार बड़ी है दक्षिण-उत्तर की छोटी है उसे सूर्यभेदी प्लाट कहते है, जिसमे उत्तर दक्षिण बड़े है उसे चन्द्रभेदी प्लाट कहते है, चन्द्रभेदी अच्छा प्लाट माना जाता है. 



जब हम घर में जाते है तो compass से नार्थ ढूंढ़ते है तो या उत्तरी दीवार के थोड़ा आगे की तरफ जाता है इसे inclined यानि बढ़ा हुआ प्लाट बोलते है, नार्थ उत्तरी दीवार पर थोड़ा पीछे की साइड जाता है उसे declined प्लाट बोलते है, बढ़ा हुआ प्लाट ज्यादा अच्छा माना जाता है. 



slope - ढलान पूर्व, उत्तर की तरफ होनी अच्छी मानी जाती है पश्चिम. दक्षिण की तरफ अनुचित, दक्षिण-पश्चिम कोण की तरफ खतरनाक होती है. 



soil - ये सबसे पहले जाँचने वाली चीज़ है लेकिन रेडीमेड घर में ये संभव नहीं. लेकिन फिर भी आपको कुछ बता देता हूँ, भूमि के चार प्रकार है. ब्राह्मणी, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र. इसमें ब्राह्मण के लिए सफ़ेद रंग और मिट्टी मिटटी उचित है, क्षत्रिय के लिए लाल रंग और कसैली मिट्टी, वैश्य के लिए खट्टी और पिली मिट्टी, शूद्र के लिए काली, ग्रे और शराब के गंध वाली मिट्टी उचित है.


इनसे एक बात निकल कर आती है के ब्राह्मण संबंधी कार्य है तो सफ़ेद रंग का उपयोग अच्छा रहता है और साथ ही मीठा आपके घर में होना चाहिए, ये इन शास्त्रों के गूढ़ रहस्य है. जो रंग है अपने कार्य की प्रकृति अनुसार वो रंग अपने इंटीरियर में यूज़ करें। 


ब्राह्मण - यज्ञ, ज्ञान, टीचर, astrologer, स्टडी रिलेटेड,


क्षत्रिय - प्रशासनिक कार्र्य, सरकारी कार्य या सरकार से जुड़ा बिज़नेस, 


वैश्य - बिज़नेस करने वाला 


शूद्र - हाथ का कारीगर, छोटी नौकरी, कलाकार व् कला से जुड़े लोग 


ये चार s major पार्ट्स है इनके खराब होने पर होने पर जो दोष लगता है उसका निवारण आसान नहीं है. 

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