आज चर्चा करते है वैदिक वास्तु के कुछ नियमो पर, हम सभी को जीने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता की जरूरत पड़ती है. वैदिक वास्तु शास्त्र में इसे विकसित करने के लिए और मजबूत करने के लिए भी बताया गया है. आइये जानते है।
Immune system in vastu shastra
वैदिक वास्तु के हिसाब से जब हम एक घर को वास्तु पुरुष की स्थिति के अनुसार बांटते है, तो एक property ब्रह्म स्थान से शुरू होकर 45 हिस्सों में बंट जाती है. इनमे से एक हिस्सा northeast direction की साइड पर आता है उसका नाम है aap और aapvatsa (आप और आपवत्स). आज बात करते है "आप" की. picture की सहायता से आप समझ जाओ कहा है आप की स्थिति
"आप" हिन्दू शास्त्रों में देवता बताये गए इसका example आप अथर्ववेद में देख सकते है, इन्हें रोगों को समाप्त करने वाला देवता माना गया है. इसके अलावा इन्हें डर को भी खत्म करने वाला माना गया है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity system) अगर सही से देखा जाये तो इन्ही देवता के द्वारा मजबूत होता है. property के हिसाब से इनकी position northeast-north बनेगी. "आप" देव को जड़ी-बूटी और औषधियों का देवता भी बताया गया है इनमे ये सभी गुण बताये गए है.
जब हम घर के इस हिस्से को energized करते है तो अपने आप आपकी इम्युनिटी सही होने लगती है. कुछ vastu consultant आपको इस दिशा में medicine रखने की सलाह भी देते है, जब हम इस दिशा में अपनी दवाइयां रखते है तो अच्छा असर मिलता है जल्दी
इसके अलावा बीमार व्यक्ति को इस जोन में सुलाया जा सकता है, लेकिन हमेशा के लिए नही सिर्फ ठीक होने तक. इस दिशा में toilet या kitchen बेहद बुरा प्रभाव देते है.
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