Skip to main content

वास्तु शास्त्र में क्यों है कछुआ शुभ - why we should keep tortoise as per vastu shastra




 कछुआ वास्तु शास्त्र में उपयोग में होने वाले सबसे प्रमुख उपायों में से एक है. इसे एक शुभ जीव व् नकारात्मकता भगाने वाला माना जाता है. लेकिन इसके बहुत गहरे कारण भी है जिनकी वजह से कछुआ रखने की सलाह प्राचीन समय से वास्तुशास्त्री देते है. आइये जानते है इसके बारे में 


कछुआ और वास्तु शास्त्र 


कछुआ संसार की उन प्रजाति में से है जिनका जन्म सबसे पुराना माना जाता है तक़रीबन 20 करोड़ सालो के रिकॉर्ड तो उपलब्ध है. आधुनिक विज्ञान कहता है के कछुए के डीएनए की बनावट ही इस तरह से है के ये आसानी से 150  -300 साल जीते है इसी उम्र की वजह से कुछ आधुनिक वास्तु विद इसे रखने की सलाह देते है नहीं तो कछुए का स्टेचू रखवा देते है. 


लेकिन वैदिक वास्तु शास्त्र इस पर बहुत अलग तरह से सोचता है जो की योग विद्या से प्रेरणा लेता है. योग विद्या के अनुसार जब कोई जीव बहुत ज्यादा शांति को प्राप्त होता है तो उसका जीवन लम्बा होता है साथ ही उसकी सांस लेने की जो प्रक्रिया है उसमे बदलाव आता है कछुआ एक मिनट में कुल चार पांच बार सांस लेता है जबकि एक स्वस्थ इंसान 16 बार सांस लेता है एक मिनट में और जैसे ही विचलित या परेशान होता है तो और ज्यादा साँसे लेता है जिससे जीवन शक्ति में कमी आती है. 


कछुआ एक बार में 6 महीने तक भूखा रह सकने की क्षमता रखता है जो की इसे एक अलग गुण प्रदान करता है के कैसे मुसीबत में भी शांत रहा जाए हालाँकि ये गुण चीनी लोग बहुत बड़ा मानते है. 


प्रतिमा लक्षण शास्त्र के अनुसार जब किसी जीव को घर में रखा जाता है या उसकी मात्र मूर्ति भी रखी जाती है तो उसके जैसे गुण इंसान में जन्म लेते है. शांत इंसान सबसे अच्छे तरीके से जीवन के सारे रस भोगता है और अपने आस पास के माहौल को भी स्वच्छ करता है. ये एक बड़ा कारण है कछुए को घर में रखने का. 


उम्र कौवे की भी लम्बी होती है या सांप की भी लम्बी होती है लेकिन कछुआ ऐसा जीव है जो मगरमछ से भी पहले जल और स्थल पर आ चुका था जिसका एक उदाहरण विष्णु जी कच्छप अवतार भी है. योगिक संस्कृति के अनुसार जितना शांत एक इंसान होता जाता है उसके पास सब कुछ पाने की समझ खुद ही विकसित हो जाती है चाहे वो ख़ुशी से संबंधित हो या धन कमाने से संबंधित। इसलिए सांकेतिक रूप से कछुआ घर में रखना सुख और समृद्धि लाने वाला माना जाता है. 


किस दिशा में रखे कछुआ 

हालाँकि वास्तु ग्रंथो में ऐसा उल्लेख नहीं है के किधर रखे लेकिन एक जल और स्थल के प्राणी के लिए पश्चिम और उत्तर दिशा अच्छी मानी जाती है. फेंगशुई के ग्रंथो में कछुआ अत्यधिक शुभ जीव माना गया है वे इसे पश्चिम दिशा में रखने की सलाह देते है. 



Tortoise is one of the most important remedies used in Vastu Shastra. It is considered an auspicious creature and a destroyer of negative energy. But there are very deep reasons for this, due to which Vastu Shastra have been advising to keep a tortoise since ancient times. Let's know about it



Tortoise is one of those species in the world whose birth is considered to be the oldest.  records of about 200 million years are available. Modern science says that the structure of the DNA of turtle is such that it easily lives for 150-300 years, because of this age some modern Vastu experts advise to keep it, otherwise they keep a statue of turtle.


Tortoise has the ability to remain hungry for 6 months at a time, which gives it a different quality, how to remain calm even in trouble, although Chinese people consider this quality very big.



According to iconography, when any creature is kept in the house or even its mere idol is kept, then its qualities are born in the human being. A calm person enjoys all the juices of life in the best way and also cleans the environment around him. This is a big reason to keep the turtle in the house.


The life span of a crow is also long or that of a snake is also long, but the turtle is such a creature that had come to water and land even before the crocodile, an example of which is the tortoise incarnation of Vishnu. According to Yogic culture, the calmer a person becomes, the understanding of getting everything automatically develops with him, whether it is related to happiness or related to earning money. That's why symbolically keeping a tortoise in the house is considered to bring happiness and prosperity.


directions for keeping tortoise 


Although there is no mention in Vastu texts where to keep it, but for a water and land creature, west and north are considered good. Tortoise is considered very auspicious creature in the texts of Feng Shui, they advise to keep it in the west direction.

Community-verified icon
Community-verified icon
Community-verified icon
Community-verified icon

Comments

ads

Popular posts from this blog

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

जन्म पत्रिका के पंचम भाव को ठीक करने का वैदिक सूत्र - SECRET REMEDY FOR FIFTH HOUSE ASTROLOGY

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

श्वेतार्क की जड़ - ज्योतिष तंत्र आयुर्वेद सबको चाहिए

Popular posts from this blog

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

नमस्कार आज बात करते है कुंडली में चन्द्रमा से बनने वाले एक योग की. ज्योतिष शास्त्र में इसे अनफा योग कहते है और ये तब बनता है जब चन्द्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह बैठा हो. लेकिन इसमें भी समझने वाली बात है के कौन सा ग्रह चन्द्रमा के पीछे है जिससे इस योग के फल प्राप्त किये जाते है. आइये जानते है आसान शब्दों में 

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

ऐसा माना जाता है के जब  आपके साथ अजीब अजीब सी घटनाये होने लगे जैसे अचानक कोर्ट केस, बीमारी जिसका कारण नहीं पता, कोई इलज़ाम या लानत या किसी झगड़े में आपका नाम आ जाना जिससे आपका कोई लेना देना ना हो तो समझिये ये राहु ग्रह की शरारत है. 

जन्म पत्रिका के पंचम भाव को ठीक करने का वैदिक सूत्र - SECRET REMEDY FOR FIFTH HOUSE ASTROLOGY

कुंडली का जो पंचम भाव होता है वो उत्साह को दर्शाता है एक ऐसा उत्साह जिसमे व्यक्ति को जीने की तमन्ना मिलती है आगे बढ़ने का भाव मिलता है. आज के समय में काफी बड़ा वर्ग सिर्फ शांति की तलाश में इधर उधर भाग रहा है. थोड़ी सी भी परेशानी उन्हें भीतर तक हिला देती है. इन सबका कारण कुंडली का पांचवा भाव होता है. आज जानते है ऐसे छोटे छोटे उपाय जिन्हे आप अपना कर कुंडली पांचवे भाव को ठीक रख सकते है.

शुक्र राहु की युति को कैसे समझे - RAHU VENUS CONJUCTION

  राहु शुक्र की युति को लेकर काफी बड़ा ज्योतिष वर्ग नेगेटिव धारणा रखता है जो की आज के समय में काफी हद तक सही भी है. आपने बहुत आंधी देखी होगी और कभी कभी बहुत ज्यादा धुल भरी आंधी भी देखी होगी. लेकिन आप इमेजिन कीजिये शाम के समय जो आंधी आती है उसमे कालापन ज्यादा  होता है और एक अजीब सा बर्ताव आपको उसमे मिलेगा। ऐसा नहीं है के उसमे कुछ रहस्य है लेकिन प्रकाश की कमी की वजह से शाम की आंधी काली आंधी बन जाती है बस इसी को असली राहु शुक्र की युति समझे.