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पूर्व दिशा के लिए वास्तु उपाय - vastu remedies for east direction

  



 इस पोस्ट में हम समझेंगे के पूर्व दिशा में क्या उपाय कराये जा सकते है. जब आपको पूर्व दिशा को ऊर्जावान बनाने की जरूरत हो. 


 पूर्व दिशा (78.75-101.25) - ये दिशा सामाजिक संबंध, वायु तत्व , जीत, मार्केटिंग से जुडी हुई है. आइये जानते है इसमें उपयोग होने वाले सिम्बल्स के बारे में. 


1. किसी भी तरह जीत हासिल करनी हो उसके लिए यहाँ इंद्र देव की ब्रास की मूर्ति लगाए, मूर्ति का मुख ब्रह्म स्थान की ओर होना चाहिए. 



2. सामाजिक जुड़ाव के लिए सूर्य देव यहाँ लगाने चाहिए, अच्छा रिश्ता प्राप्त करने के लिए भी ये दिशा उपयुक्त है, सूर्य देव जमीन से 7 फ़ीट ऊंचाई पर लगाए, उनका मुँह थोड़ा calm और हँसता हुआ हो, ब्रास या लकड़ी धातु का उपयोग सबसे अच्छा है. 



3. राजनीती में आगे बढ़ने के लिए सूर्य यन्त्र यहाँ स्थापित करना चाहिए. 


4. नीला, हरा रंग व् rectangular shapes की चीज़े यहाँ use करें 


5. गेंहू का पौधा या लाल गेंहू एक पात्र में यहाँ रख सकते है. 


6. ऊर्जा बढ़ाने के लिए पिरामिड यहाँ रखा जा सकता है.


7. स्वस्तिक यहाँ लगाने से ये दिशा शुद्ध होती है. 


8. सूर्य मंत्र या गायत्री मंत्र का पोस्टर या शो पीस यहाँ लगाना चाहिए. 


9. शुद्ध घी डेली यहाँ जलाने से या camphor lamp में जलाने से इस दिशा के काफी दोष स्वयं ही समाप्त हो जाते है. 



In this post, we will understand what measures can be taken in the east direction. When you need to energize the east direction.


East direction (78.75-101.25) - This direction is associated with social relation, air element, victory, marketing. Let us know about the symbols used in it.


1. To achieve victory in any way, place a brass idol of Indra Dev here, the face of the idol should be towards Brahma place.


2. Sun God should be installed here for social connection, this direction is also suitable for getting good relationship, Sun God should be placed at a height of 7 feet from the ground, his face should be calm and smiling, brass or wood metal should be used the most. Is good.


3. To move forward in politics, Surya Yantra should be established here.


4. Use things of blue, green color and rectangular shapes here


5. Wheat plant or red wheat can be kept here in a vessel.


6. Pyramid can be placed here to increase energy.


7. By applying Swastik here, this direction becomes pure.

8. Poster or show piece of Surya Mantra or Gayatri Mantra should be put here.


9. By burning pure ghee daily here or by burning it in camphor lamp, many defects of this direction are automatically eliminated.

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