ड्राइंग रूम और वास्तु का संबंध
ड्राइंग रूम जिसे सभागार कक्ष कहकर पुकारा जाता है आप जब भी कोई वास्तु से संबंधित ग्रन्थ तो पूर्व दिशा में इसका स्थान बताते है ताकि लोगो से आसानी कनेक्ट हुआ जा सके और यही ड्राइंग रूम का कार्य है घर के लोगो को आपस में जोड़ना और बाहरी दुनिया से भी जोड़े रखना। अब अगर ड्राइंग रूम वास्तु सम्मत नहीं है तो जुड़ाव से संबंधित परेशानी आएगी.
शास्त्रो में कहा गया है "अथिति देवो भव" यथा नाम अर्थात जब मेहमान देवता समान है तो उससे बैठने का स्थान आरामदायक देना चाहिए जिससे मान सम्मान में वृद्धि हो. इसका मतलब यह भी है के ड्राइंग रूम में बैठने वाले सोफे या कुर्सी पर काम किया जाना चाहिए उनकी मजबूती और आराम का ख्याल रखना चाहिए.
ड्राइंग रूम को सजाने या समान रखने के नियम होते है। . जैसे यदि आपने अपने ड्रवाइंग रूम में भड़कीले रंगो का उपयोग किया है तो आपके व्यवहार में गर्मी आ सकती है. जैसे लाल रंग को ले लीजिये ये वीभत्स रस माना जाता है यानी काटने मरने की बात करने वाला। तो रंग हलके लेकिन वास्तु शास्त्री की सलाह से करा लें तो अच्छा।
यदि आपने ड्राइंग रूम में दक्षिण-पूर्व कोने में बैठने की व्यवस्था करी है तो भी मेहमान के मन में ईर्ष्या या गुस्सा आ सकता है.
जंगली जानवरों के चित्र, शस्त्र के शोपीस, डरावने चित्र भी ड्राइंग रूम में नही लगाने चाहिए.
वास्तु शास्त्र के अनुसार ड्राइंग रूम की सबसे अच्छी स्थिति पूर्व दिशा होती है इसके अलावा उत्तर-पूर्व होती है. कभी भी अपना ड्राइंग रोम दक्षिण-पश्चिम में नही बनाना चाहिए नहीं तो रिश्ते खराब होंगे।
कुछ लोग भगवान के मूर्ति व् तस्वीरें शोपीस की तरह लगते है ऐसा नही करना चाहिए नुकसान होगा.
ड्राइंग रूम को सजाने या समान रखने के नियम होते है। . जैसे यदि आपने अपने ड्रवाइंग रूम में भड़कीले रंगो का उपयोग किया है तो आपके व्यवहार में गर्मी आ सकती है. जैसे लाल रंग को ले लीजिये ये वीभत्स रस माना जाता है यानी काटने मरने की बात करने वाला। तो रंग हलके लेकिन वास्तु शास्त्री की सलाह से करा लें तो अच्छा।
यदि आपने ड्राइंग रूम में दक्षिण-पूर्व कोने में बैठने की व्यवस्था करी है तो भी मेहमान के मन में ईर्ष्या या गुस्सा आ सकता है.
जंगली जानवरों के चित्र, शस्त्र के शोपीस, डरावने चित्र भी ड्राइंग रूम में नही लगाने चाहिए.
वास्तु शास्त्र के अनुसार ड्राइंग रूम की सबसे अच्छी स्थिति पूर्व दिशा होती है इसके अलावा उत्तर-पूर्व होती है. कभी भी अपना ड्राइंग रोम दक्षिण-पश्चिम में नही बनाना चाहिए नहीं तो रिश्ते खराब होंगे।
कुछ लोग भगवान के मूर्ति व् तस्वीरें शोपीस की तरह लगते है ऐसा नही करना चाहिए नुकसान होगा.
ड्राइंग रूम में यदि आप किसी पानी के शोपीस को रखते है तो उसे ड्राइंग रूम के ईशान कोण में ही रखें।
अगर आपके घर मेहमान आये है तो कोशिश करे के आपका मुख पूर्व या उत्तर की तरफ हो इससे आप उनपर भारी रहेंगे।
इसके अलावा ड्राइंग रूम वास्तु के 16 ज़ोन्स में अलग अलग तरह से व्यवहार करता है जिसे हम आगे समझेंगे।
drawing room and vastu shastra
According to Vastu Shastra, our drawing room is related to our honor and prestige, therefore special attention is paid to the decoration of the drawing room. , People spend a lot of money in the drawing room, but the guests are not satisfied even after good hospitality, and an atmosphere of debate and discussion arises. Let us know what is Vastu defect and how to rectify this defect.
Drawing room and vastu relation
The drawing room, which is called the auditorium room, whenever you write a book related to Vastu, it is placed in the east direction so that it can be easily connected with the people, and this is the function of the drawing room to connect the people of the house and the outside world. Keep connected with Now if the drawing room is not Vastu compliant then there will be problems related to connectivity.
It is said in the scriptures, "Athiti Devo Bhava" as the name suggests, that is, when the guest is like a deity, then he should be given a comfortable place to sit, so that respect will increase. This also means that work should be done on the sofa or chair that sits in the drawing room, their strength and comfort should be taken care of.
There are rules for decorating or keeping the drawing room the same. , For example, if you have used bright colors in your drawing room, then there may be heat in your behavior. For example, take the color red, it is considered a vicious rasa, that is, the one who talks about death by biting. So it is better if the color is light but get it done with the advice of Vastu Shastri.
If you have arranged to sit in the south-east corner of the drawing room, then also jealousy or anger may arise in the mind of the guest.
Pictures of wild animals, showpieces of weapons, scary pictures should also not be placed in the drawing room.
According to Vastu Shastra, the best position of the drawing room is the east direction, besides it is the north-east. Never make your drawing room in the south-west, otherwise the relationship will be bad.
Some people look like God's idols and pictures like showpieces, this should not be done, it will cause harm.
If you keep any water showpiece in the drawing room, then keep it in the northeast corner of the drawing room.
If guests have come to your house, then try that your face should be towards east or north, because of this you will be heavy on them.
Apart from this, drawing room behaves differently in 16 zones of Vastu which we will understand further.
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