lecture 22 - cut & extension
जो भी जोन में कटे या बढ़ने का असर आता है उसी से संबंधित बाते बढ़ जाती है या कम हो जाती है, एक तरह से दोनों स्थिति बुरी ही होती है. कुछ वास्तु शास्त्री उत्तर, उत्तरपूर्व को बढ़ा हुआ अच्छा मानते है हालाँकि practical life में कुछ भी ऐसा प्रमाण नहीं मिलता.
बढ़े या कटे हुए कोनो को रंगो, मिरर की सहायता से हम ठीक कर सकते है, इसके अलावा एक तकनीक और है वो है लाइट। जो जोन कट है वहाँ एक स्पॉट लाइट लगा देते है जिससे उस जोन की ऊर्जा बढ़ जाती है और दोष समाप्त हो जाता है.
उत्तर - इसके बढ़ने पर व्यक्ति हर वक़्त कमाने के बारे में सोचता है, बड़े हिस्से को हलके हरे रंग के पेंट से कम करें, या वायु तत्व की चीज़ें रखे. कटा होने पर पैसे की दिक्कत आती है, सफ़ेद रंग या नीले रंग का प्रयोग करे, एक स्पॉट लाइट उस कटे जोन में लगाए. 18*24 size का शीशा लगा सकते है. खोखला पिरामिड जमीन पर लगाए. इनमे से एक-दो उपाय ही करे.
उत्तरपूर्व-नार्थ - बहुत ज्यादा हेल्थ conscious होने का डर देखा गया है., ऊपर वाले उपाय ही होंगे.
उत्तरपूर्व - बहुत ज्यादा विचार आना, अध्यात्म में बहुत ज्यादा बढ़ जाना, बहुत हलके पिले रंग का उपयोग करे, कटा होने पर शीशा बड़े साइज का लगाएं, खोखला पिरामिड जमीन पर लगाए.
नार्थईस्ट-ईस्ट - बढ़ा होने पर हर वक़्त मस्ती में रहेगा, हल्के हरे रंग का ही उपयोग करें, कटा होने पर नीले रंग का उपयोग करें, स्पॉट लाइट, पिरामिड, शीशा भी यूज़ कर सकते है.
ईस्ट - अत्यधिक गुस्सा,ईगो- बढ़ने पर लाल रंग का उपयोग करे, कटा होने पर हरे रंग का उपयोग करे.
साउथईस्ट -ईस्ट - बढ़ने पर हर वक़्त टेंशन, घटने पर फैसला लेने में परेशानी, ऊपर वाले उपाय ही चलेंगे
दक्षिणपूर्व - बढ़ने पर पिले रंग से बैलेंस करे, घटने पर हरे रंग, लाल रंग का प्रयोग
दक्षिणपूर्व-दक्षिण - बढ़ने पर पिले रंग से बैलेंस करे, घटने पर हरे रंग, लाल रंग का प्रयोग
दक्षिण - बढ़ने पर पिले रंग से बैलेंस करे, घटने पर हरे रंग, लाल रंग का प्रयोग
दक्षिणपश्चिम-दक्षिण - बढ़ा हुआ हो तो काफी ज्यादा खर्च, कटा हुआ हो तो शारीरिक परेशानी, बुरे ख्याल मन से नहीं जाएंगे. बढ़ने पर सफ़ेद, पिले से ठीक करे, कटा हुआ होने पर पिंक रंग का उपयोग करे.
दक्षिणपश्चिम - बढ़ा हुआ हो या कटा हुआ हो दोनों सुरतों में काफी नुक्सान देता है. बढ़ा हुआ हो तो हर तरह की परेशानी, नैऋत्य को अच्छा नहीं माना गया है. कटा हुआ हो तो शादी ब्याह ही नहीं होते, बढ़ा हुआ हो तो सफ़ेद रंग, मेटल की चीज़ो से बैलेंस करे, कटा होने पर मिटटी की चीज़े, पीला रंग, कॉपर, ब्रास के स्टेचू लगाए. वहाँ से फर्श उठवा दें
दक्षिणपश्चिम-पश्चिम - ऊपर वाले उपाय ही चलेंगे.
पश्चिम - बढ़ा हुआ हो तो नीले रंग का उपयोग करें, कटा हुआ हो तो पीला, सफ़ेद
उत्तरपश्चिम-पश्चिम- बढ़ा हुआ हो तो नीले रंग का उपयोग करें, कटा हुआ हो तो पीला, सफ़ेद
उत्तरपश्चिम - बढ़ा हुआ हो तो नीले रंग का उपयोग करें, कटा हुआ हो तो पीला, सफ़ेद
उत्तरपश्चिम-उत्तर - बढ़ने पर हर वक़्त सेक्स ही सूझता है, कम होने पर ऐसे ख्याल खत्म हो जाते है जो कपल्स में परेशानी देता है, बढ़ने पर हरे रंग और कटा हुआ होने पर सफ़ेद, नील रंग का उपयोग है.
उसके अलावा जो जोन बड़ा हुआ है उसकी मेटल से भी उस बड़े हुए हिस्से को काटा जा सकता है, जैसे उत्तरपश्चिम बड़ा हुआ है, इसकी मेटल लोहा है, अब बड़े हुए हिस्से की जमीन जहाँ से बड़ा हुआ है वह एक कोने से दूसरे कोण तक एक झिरी खोद ले और उसमे लोहे की पट्टी डाल दे ताकि वो बड़ा हुआ हिस्सा एक अलग पार्ट बन जाए, ऊपर से उस झिरी को कवर कर दे.
SEE,SSW,NWW ZONES को छोड़कर आप बाकी ज़ोन्स में पिरामिड भी लगा सकते है. कटा हुआ हिस्सा बढ़ाने के लिए शीशा सिर्फ NNW, NORTH, NEN, NE, NEE, EAST में ही लगाए क्यूंकि शीशा जल तत्व होता है. साइज कम से कम 12*24 को होना चाहिए इससे बड़ा भी चलेगा।
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