Skip to main content

learn vastu shastra lecture - 17

 

lecture 17 - vastu tools - वास्तु टूल्स 



अब हम रेमेडियल पार्ट पर जाने लगे है, इस  लेक्चर में हम वास्तु में उपयोग होने वाले कुछ टूल्स पर चर्चा करेंगे. 



metals धातु - हर तत्व से संबंधित धातु होती है जिनका उपयोग करके हम किसी तत्व को ठीक,बढ़ा या घटा सकते है. आइये जानते है ये धातु और इनके तत्व 


जल तत्व - उत्तर दिशा -  एल्युमीनियम 


वायु तत्व - पूर्व -  स्टील या टिन 


अग्नि - दक्षिण - ताम्बा 


पृथ्वी - दक्षिणपश्चिम - पीतल 


आकाश - पश्चिम - लोहा 


इन धातु के हम तार, रॉड, पट्टी की सहायता से वास्तु ट्रीटमेंट करते है. इसका उपयोग जब बिलकुल निश्चित हो जाए के अब कोई और रास्ता नहीं है तभी करते है. 


जैसे उत्तर दिशा में टॉयलेट आ जाए तो जल तत्व दूषित हो जाता है, दूषित होने का कारण सिर्फ टॉयलेट seat है अब इसे हम एल्युमीनियम या स्टील (वायु जल के उस हिस्से को कमजोर कर देगा) की सहायता से ठीक कर सकते है, तत्व पट्टी उस सीट के चारों और डलवा सकते है. कुछ ऐसे ही हम इन धातु का यूज़ करते है. 




यदि इन धातुओं का उपयोग करने में परेशानी आ रही है तो सिर्फ कॉपर से काम चला सकते है, कॉपर धातु पौराणिक है. इस ब्रह्माण्ड में हर वस्तु से एक ऊर्जा निकलती है जिसे waves बोलते है, इसको मापने के पैमाने को waves length कहते है ये हर वस्तु का अलग होता है सिर्फ कॉपर और मनुष्य का एक जैसा होता है 1 mm, ऐसा माना जाता है के ताम्बा और मनुष्य एक जैसी ऊर्जा रखते है इसी कारण सभी यन्त्र ताम्बे के पात्र पर बनते है और ऊर्जा ग्रहण का लेते है. 



रंग पट्टी - ये बाजार में मिल जाती है, तत्वों के रंग अनुसार बाजार में टेप आती है जो की instant उपायों में उपयोग करते है असर आने के बाद परमानेंट solution दे देते है जैसे नार्थ में टॉयलेट के होने पर सीट के चारों और हरी टेप लगा देते है ये महीना भर में अपना असर देती है इसके बाद कुछ परमानेंट जैसे हरा पेंट, टाइल या मेटल का उपयोग कर देते है, इस प्रकार हमे हरी, नीली, लाल, पिली, सफ़ेद चमकीली पट्टी अपने साथ रखनी चाहिए, कब कहाँ कौन सी काम आ जाए. 



साल्ट - salt -  वास्तु में नमक को नकारात्मक ऊर्जा खत्म करने वाला माना गया है, वास्तु में समुद्री नमक, सैंधा नमक का उपयोग करते है. नमक का वातावरण में नकारात्मकता खत्म करना केमिकल reactions के वजह से होता है जो की scientific है. किसी जगह हमे नकारात्मकता फील होती है तो वह नमक, फिटकरी रखवा सकते है, पोछा लगवा सकते है. सैंधा नमक वातावरण शुद्ध करता है, इसका काम वातावरण में पौषक तत्व देना है.



कपूर -  कपूर एक बहुत प्राचीन काल से उपयोग हो रही सामग्री है, इसका मुख्य कार्य वातावरण में ऑक्सीजन के मात्रा बढ़ा देना है जिससे नकरात्मक कण जल्दी से समाप्त हो जाए और हमारा मन स्वस्थ तरीके से कार्य करे. वेदों में इसे इतना पवित्र माना है उसका अंदाज़ा आप सिर्फ इसी पंक्ति से लगा सकते है " कर्पूरगौरम करुणावतारम",. जिस जोन में इसे रखा जाए वो ठीक हो जाएगा।


तीन तरह के कपूर मार्किट में आते है 


भीमसेनी, पत्री और जापानी 


इसके अलावा आर्टिफिशल कपूर भी आता है जो की किसी काम का नहीं होता।



compass -  कंपास यन्त्र दिशा के ज्ञान के काम आता है इसके बिना वास्तु की कल्पना आज की डेट में संभव नहीं है, दो तरह के कंपास आते है pivot और magnetic, वास्तु कार को मैग्नेटिक ही लेना चाहिए. 


mirror शीशा -  शीशा वास्तु में उपयोग होता है किसी दिशा को बढ़ाने के लिए हम इसका उपयोग करते है लेकिन ऐसा सिर्फ उत्तर और पूर्व दिशाओं के लिए हम करते है, शीशा जल तत्व का कारक है जहाँ होगा वहां जल तत्व आ जाएगा. 


इसके अलावा दो और तरह के शीशे आते है जो की mainly फेंगशुई के उत्पाद है convex और concave 





convex.jpg

कॉन्वेक्स मिरर - D शेप का शीशा किसी ऊर्जा को रिफ्लेक्ट करने के लिए हम उपयोग करते है जैसे घर के बाहर नाला है उसकी ऊर्जा घर में ना आये तो घर के गेट पर ये शीशा लगा देंगे, इसमें नाले की reflection आनी  चाहिए. 




 concave - ये C शेप का होता है जब किसी ऊर्जा को हम घर में प्रवेश कराना चाहते है जैसे उत्तर  में नदी तब गेट पर ये मिरर लगा ले, ये तब भी उपयोग कर सकते है जब हमारा गेट अच्छी दिशा में हो और हम और ज्यादा पॉजिटिव ऊर्जा यहाँ से लेना चाहते है. 


इसके अलावा कुछ वास्तु टूल्स भी आते है जैसे dowser, lecher antenna, rod, crystals, bagua mirror, aroma oils, symbols  etc, पर जो मैंने बताये ये वास्तु का कार्य करने वाले लोगों के पास हमेशा बैग में होने चाहिए.  



Comments

Learn Astrology

you can buy recorded courses and research notes. contact on whatsapp @9899002983

About Me

My photo
prateek gupta
My Name is Prateek Gupta. I am a professional astrologer and vastu consultant. i am doing practice from many years. its my passion and profession. I also teach astrology and other occult subject. you can contact me @9899002983

Popular posts from this blog

जन्म पत्रिका के पंचम भाव को ठीक करने का वैदिक सूत्र - SECRET REMEDY FOR FIFTH HOUSE ASTROLOGY

भलाई करते ही बुरे हाल - ज्योतिष अनुसार ऐसा कब होता है

Shani Margi 2024 - शनि होंगे मार्गी कुम्भ राशि में, किस राशि पर क्या असर

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

Popular posts from this blog

जन्म पत्रिका के पंचम भाव को ठीक करने का वैदिक सूत्र - SECRET REMEDY FOR FIFTH HOUSE ASTROLOGY

कुंडली का जो पंचम भाव होता है वो उत्साह को दर्शाता है एक ऐसा उत्साह जिसमे व्यक्ति को जीने की तमन्ना मिलती है आगे बढ़ने का भाव मिलता है. आज के समय में काफी बड़ा वर्ग सिर्फ शांति की तलाश में इधर उधर भाग रहा है. थोड़ी सी भी परेशानी उन्हें भीतर तक हिला देती है. इन सबका कारण कुंडली का पांचवा भाव होता है. आज जानते है ऐसे छोटे छोटे उपाय जिन्हे आप अपना कर कुंडली पांचवे भाव को ठीक रख सकते है.

Shani Margi 2024 - शनि होंगे मार्गी कुम्भ राशि में, किस राशि पर क्या असर

 शनिदेव 15 नवंबर को मार्गी होने जा रहे है जो की लगभग 139 दिन की वक्र यात्रा पूरी करने के बाद अपनी खुद की राशि कुम्भ में मार्गी होंगे और इसका क्या प्रभाव हर राशि पर देखने को मिलेगा आइये जानते है. 

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

दही से मिलता है आकर्षण सच या झूठ ?

नमस्कार, पीछे मैंने कुछ जगह ये बात सुनी कुछ ज्योतिषियों के मुख से के दही यदि प्राइवेट पार्ट पर लगायी जाए तो काफी आकर्षण आपके अंदर आ जाता है जिससे विपरीत लिंग के लोग आपकी ओर खासकर स्त्रियाँ आकर्षित होती है. इससे आपका शुक्र मजबूत होगा और आप एक परम आकर्षक व्यक्ति बन जाएंगे.

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

ऐसा माना जाता है के जब  आपके साथ अजीब अजीब सी घटनाये होने लगे जैसे अचानक कोर्ट केस, बीमारी जिसका कारण नहीं पता, कोई इलज़ाम या लानत या किसी झगड़े में आपका नाम आ जाना जिससे आपका कोई लेना देना ना हो तो समझिये ये राहु ग्रह की शरारत है.