पृथ्वी स्नान एक प्रकार का ऐसी क्रिया जो प्यार और स्थायित्व को प्रदान करने में सक्षम है. हमारे भारतीय धर्म इसका महत्व रहा है लेकिन आज के उलझन भरे माहौल में ये और ज्यादा जरुरी हो गया है आइये जानते है क्यों। जिंदगी में स्टेबिलिटी लाना या होना सब लोगो की सबसे पहली जरूरत है ऐसा नहीं हो सकता के आप एक दिन फाइव स्टार गुजार रहे है और एक दिन मांग कर गुजारा कर रहे है भला ऐसा कौन चाहेगा। सब लोग जिंदगी में स्थायित्व चाहते है. बार बार नौकरी छूटना या काम धंधा बदलते रहना, रिलेशनशिप में उतार चढ़ाव रहना, आमदनी अनिश्चित होना, बार बार भगवान बदलते रहना, एक अजीब सा डर मन व्याप्त रहना ये सब पृथ्वी तत्व की कमजोरी है. पुराने जमाने में इच्छाएं कम थी मै ऐसा बिलकुल नहीं कहता के नहीं थी लेकिन फिर आज ज़माना बहुत तेज़ी से भाग रहा है तो उस मुकाबले कम थी लेकिन अब इच्छाएँ अति हो रही है. हमे हर क्षेत्र चाहे पैसा, घर, सोसाइटी, संबंध, दिखावा हर जगह अपनी मौजूदगी दिखाने में दिलचस्पी होने लगी है जो की शरीर के मूलाधार चक्र को दाए बाए चलाता रहता है और नतीजा हम कही पर भी अपने आप को फिट नहीं रख पा...
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