आज गायत्री मन्त्र पर एक छोटी सी सीरीज शुरू कर रहा हूँ जिसमे गायत्री मन्त्र से संबंधित जितनी जानकारी होगी वो पाठको को उपलब्ध कराई जायेगी. सबसे पहले गायत्री मन्त्र परिचय
गायत्री मन्त्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ||
इंग्लिश में अनुवाद - gaytri mantra in english
ॐ = प्रणव
भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला
भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला
तत = वह
सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
वरेण- ्यं = सबसे उत्तम
भर्गो- = कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य- = प्रभु
धीमहि- = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो = बुद्धि
यो = जो
नः = हमारी
प्रचो- दयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना)
G- ayatri Mantra Meaning by words in English
Om: The Original sound;
Bhur: the physical body;
Bhuvah: the life force
Suvah: the soul/spiritual nation;
Tat: God;
Savitur: the Sun, Creator (source of all life);
Vareñyam: adore;
Bhargo: effulgence (divine light);
Devasya: superior Lord;
Dhīmahi: meditate;
Dhiyo: the intellect;
Yo: May this light;
Nah: our;
Prachodayāt: illumine/inspire
ये मन्त्र दुनिया का पहला मन्त्र माना जाता है जिसके अंदर समस्त ब्रह्माण्ड शक्ति समाहित है और ये मन्त्र स्वयं में ही सिद्ध है जिसके बारे में हम अगले लेक्चर में पढ़ेंगे
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