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Showing posts from February, 2020

बल बुद्धि विद्या देहु मोंहि - अर्थ एवं रहस्य

बल बुद्धि विद्या देहु मोंहि हरहु कलेस विकार  ये हनुमान चालीसा की बहुत सुन्दर पंक्तिया है और इनका अर्थ भी अत्यंत गूढ़ है. आइये जानते है इस पंक्ति का रहस्य  bal budhu vidya dehu mohe harehu kalesh vikar Arth aur matlab  हनुमानजी को तंत्र मंत्र का ज्ञाता माना जाता है. अष्ट सिद्धि और नव निधि दायक हनुमानजी को ही माना जाता है. बल बुद्धि विद्या देहु मोंहि हरहु कलेस विकार  यहाँ तुलसीदास जी हनुमानजी से बल बुद्धि विद्या मांगते है अगर गौर से देखे तो पहले बल माँगा गया है उसके बाद बुद्धि मांगी गई, यदि प्राचीन परम्परा से देखें तो कोई विद्या ग्रहण करने से पहले कुछ नियमों को मानना जरुरी होता था ताकि शरीर को अमुक विद्या ग्रहण करने का बल प्राप्त हो. अष्टांग योग में भी पहले 5 योग सिर्फ शरीर को बल देने हेतु बताये गए है.  लेकिन आज के संदर्भ में इसे बताया तो जाता है लेकिन पालन नहीं किया जाता, ध्यान करके भी काम चलाया जाता है लेकिन ध्यान भी शरीर को बल नहीं देता सिर्फ एकाग्र करता है. यम नियम आसान प्राणायाम प्रत्याहार के बिना रहस्यमयी विद्याएँ नुकसान तक दे देती है.  रैकी जो...

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My Name is Prateek Gupta. I am a professional astrologer and vastu consultant. i am doing practice from many years. its my passion and profession. I also teach astrology and other occult subject. you can contact me @9899002983