आज का ये मेरा लेख शायद कटाक्ष के तौर पर ले पर ऐसा नहीं है, सिर्फ भ्रान्ति मिटाने का प्रयास भर है, जिसके कारण मेरा अपना धर्म मेरा ही दुश्मन बन जाता है.
मेरा घर शिव मंदिर के पास है, मंदिर का mostly ग्राहक मेरे घर के आगे से ही निकलता है, एक कुमार को आज ही देखा मंदिर की तरफ ही जा रहे थे कपडे कई दिन से नहीं धुले थे लेकिन हाथ में 26 रूपए वाली दूध की थैली थी.
इस जातक को मै बहुत दिन से देखता हूँ लेकिन एक अजीब सा ध्यान आज ही गया, jeans ruff हो गई shirt का पता नहीं किधर जा रही है. ये मात्र एक ही नहीं है ये काफी लोगों का डेली routine बन चुका है.
मै इस लेख को धर्म और astrology दोनों को आधार मानकर लिखता हूँ, पहले धर्म पर ही आ जाते है सावन का महीना है शिव जी plz मुझे माफ़ करें, लेकिन शिव जी या तो भोले है या शातिर। मेरे को कपडे पहनने को नहीं है और 26 वाला दूध डेली ले लेते है मेरे से, दूध लेकर ही मेरी भावना को वो समझ सकते है अन्यथा तो शायद ना समझें।
मेरे भाई लोगों भगवान भक्ति मात्र से भी खुश हो जाते है, वो परम सत्ता पर बैठा महान ईश्वर तुम्हारे दूध का अभिलाषी नहीं है उसने गाय भी बनाई है दूध भी बनाया है, सिर्फ आपकी समर्पण भावना उन्हें प्रसन्न कर सकती है.
किसी गरीब को दे दो या 30 दिन इस दूध के पैसे जोड़के अच्छे कपड़े ले लो. लेकिन इसे यदि आप धर्म का हिस्सा मानते हो तो ये आपको उन ब्राह्मणों द्वारा बहकाया गया प्रयास है जो ब्राह्मण की परिभाषा तक नहीं जानते और शिव तो भोले भंडारी है उन्हें तो अर्पण भाव से अपना बनाया जा सकता है.
देखिये ज्योतिष और हिन्दू धर्म दो अलग अलग विषय है कुछ विशेष समुदायों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए इस धर्म से जोड़ा हुआ है, अब बात करता हूँ ज्योतिष की, चंद्र और दूध का संबंध बनता है, तो यदि कुंडली में चंद्र उच्च है या शुभ है तो दूध का दान नहीं होता, 6,8,12 भाव से संबंधित है तो दूध का दान नहीं होता। चन्द्रमा से संबंधित उपायों में दूध का दान कही पर भी जरूरी नहीं बताया जाता. इसके अनेक उपाय है जो की घर से ही सकते है नाम मात्र खर्च में.
राहु केतु की परेशानी में शिव की पूजा बताई जाती है अनपढो द्वारा, क्यंकि शिव की पूजा हर अवस्था में की जा सकती है. लेकिन उसमे भी दूध चढ़ाने को नहीं बताया जाता, हां शिव जी से जुडी उपनिषद, पुराण में ये जरूर पढ़ा है उन्हें कच्चा दूध जिसमे पानी मिला हो वो पसंद है. ज्योतिष के अनुसार भी दूध का दान नहीं आता.
शायद यही मेरे देश का दुर्भाग्य है के महान धर्म और ज्योतिष जैसे महान विद्या से देश को विघटन और गरीबी ही मिली है क्यूंकि युद्ध के समय युद्ध और काम के समय काम ये ही सही है उस समय पूजा और डर भर देना गलत है. its my personal view please dont take otherwise
ॐ शांति
Bahut sundar .. Gyanvardhak
ReplyDeletethanku
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