चर्चा करते है वास्तु शास्त्र में सूर्य ग्रह की, वैदिक शास्त्रों में सूर्य को पूर्व दिशा का स्वामी माना है. पूर्व दिशा के वास्तु दोष सूर्य पूजा व् सूर्य यन्त्र द्वारा भी समाप्त किये जा सकते है. आइये जानते है सूर्य देव वास्तु का संबंध.
सूर्य रोशनी और सच्चाई दिखाने वाला ग्रह माना गया है सभी ग्रहों और ब्रह्माण्ड का कारक माना जाता है. अगर बात घर की करें तो सूर्य देव पूर्व दिशा के स्वामी माने जाते है. सूर्य से प्रभावित होने के कारण east दिशा vastu में social connections, power, authority, government से जुडी मानी जाती है.
इसके अलावा सूर्य से जुड़े कुछ अन्य हिस्से भी होते है जैसे spine, सीधी आँख, गर्दन, appendix, circular सिस्टम. ये समस्याएँ आने पर वास्तु पुरुष के साथ इनकी भी स्थिति देखी जायेगी.
घर में पूर्व दिशा balance हो तो सामाजिक स्थिति अच्छी होती है, अपने अच्छे links बनते है और उनसे फायदा है और east disha खराब होने पर हमारे links हमारा धन खराब कराते हैं. प्राण शक्ति का भी नाश होता देखा गया है.
politics से जुड़े लोगों को सबसे पहले अपने घर व् दफ्तर का पूर्व balanced रखना अति आवश्यक है.
east को कैसे ठीक करें, या क्या दोष इसमें माना जाता है ये मै पहले भी बता चुका हूँ आज इसमें वैदिक तरीका बता रहा हु के यदि ईस्ट दिशा में vastu dosh हो और ठीक नहीं हो पाय तो क्या करना चाहिए.
remedies for vastu dosha in east
आप इस दिशा में उगते हुए सूरज तस्वीर लगा सकते है.
सूर्य नमस्कार योग सूर्य या पूर्व से समन्धित किसी भी दोष को पूरी तरह ठीक कर देता है.
सूर्य नमस्कार योग सूर्य या पूर्व से समन्धित किसी भी दोष को पूरी तरह ठीक कर देता है.
थोड़ा और अच्छा रिजल्ट चाहते है तो ruby रत्न पूर्व में रख सकते है.
सबसे पावरफुल उपाय है सूर्य यन्त्र, ये पूर्व दिशा के किसी भी दोष को समाप्त कर अच्छे results देने की क्षमता रखता है.
ये उपाय आप किसी जानकार व्यक्ति से पहले सलाह लेकर करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा क्यूंकि पहले आपको पता होना चाहिए आपको क्या करना है क्या दोष है और क्या उपाय ज्यादा सटीक और फायदेमंद है.
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