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Showing posts from February, 2017

चन्द्र शनि युति - बुरा योग या ज्योतिषी - moon saturn conjunction

आज चर्चा करते है जन्म कुंडली में चन्द्र-शनि की युति की, मतलब  जन्म पत्रिका में चन्द्रमा और शनि का सम्बन्ध बने तो विष योग बन जाता है ऐसा माना जाता है के ये योग परेशानी देता है . क्या सच में परेशानी देता है आइये जानते है.  अभी २-3 दिन पहले एक पोस्ट fb पर  पढ़ी के यदि चन्द्र-शनि की युति हो तो जातक पागल जैसा व्यवहार  करता है, मानसिक अवसाद का शिकार हो जाता है और ये ब्रह्मवाक्य है मतलब ऐसा होगा ही होगा. शनि के अलावा यदि राहु या मंगल भी चन्द्र के साथ हो तो यही स्थिति होगी. वेसे वैदिक ज्योतिष में ये चन्द्र शनि वाला योग बनने के इतने तरीके हैं के हर कुंडली में ये योग बनाया या I mean होता है.  अगर अपना मै ज्योतिष का अल्पज्ञान भी use करता हूँ तो चन्द्रमा मन का कारक होता है, शनि जी हो गए धीरे धीरे चलने वाले कार्मिक ग्रह, शनिदेव human बॉडी के अनाहत चक्र के मालिक है जिसे heart chakra भी कहते है अब heart चक्र का कार्य समझाने की आवश्यकता नही.  इनकी युति होने पर चन्द्रमा दूषित होगा ऐसा  reason  नज़र नही आता.  इसके अलावा वैदिक ज...

आपका नेचर यदि आपकी जन्म तारीख में 3 अंक है तो - number 3 in birth date meaning

आज चर्चा करते है अंकशास्त्र के अनुसार यदि  आपकी जन्म तारीख में 3 अंक आता है तो आपका नेचर कैसा होगा या आपको क्या करना चाहिए.  repeat of number 3 in birth date meaning यदि आपकी जन्म तारीख में 1 बार 3 अंक आता है - ऐसे लोग उत्तम होते है, अच्छे स्वभाव के होते है. इसके उलट ऐसे लोग बहुत बड़े छिछोरे भी हो सकते है. नंबर ३ के कारण स्वभाव में बहुत सीधापन  या टेडापन आता  है.  3 अंक 2 बार आना (30-03-1980) = ऐसे लोग कुछ न कुछ नई खोज में लगे रहते है, कई बार देखा जाता है ऐसे लोग खाली नही बैठते बल्कि कुछ न कुछ सोचते रहते है.  3 अंक 3 बार - (30 -03-1993) - ऐसे लोगों की सोच बहुत ज्यादा अलग होती है. किसी सीमा के पार तक इनकी सोच चली जाती है, ऐसे लोग नए आयाम स्थापति करने वाले होते है.   3 अंक 4 बार (13 -3-1933) = ऐसे लोग कम ही मिलते है. ऐसे लोग असाधारण ही होते है, ये लोग एक सिंपल जीवन नही जीते. या तो बहुत आगे जाते है या बहुत नीचे. 

मंत्र द्वारा अपने मन को वश में करें - mantra for control feelings

किसी भी काम में सफलता   के लिए जरूरी है अपना मन अपने वश में हो, कुछ लोगों के साथ ये दिक्कत आती है उनकी सोच बहुत ज्यादा भटकी हुई होती है.  यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मन दूषित को ऐसे में पूरी जिंदगी सफलता नही मिल सकती चाहे कितना ही talent जातक में हो, क्योंकि ऐसे लोग कभी भी सही निर्णय नही ले सकते.  सुबह कुछ सोचते है और शाम होते होते कुछ नया सोचने लगते है. ये कमजोरी कुंडली में चन्द्रमा की होती है. चन्द्रमा का ये मंत्र आपके मन को मजबूती देता है. इस मंत्र के  21000 जाप करने चाहिए.  mantra        ॐ श्रां श्रीं श्रौ सः चद्रमसे नमः 

यदि आपकी जन्म तारीख में 2 अंक है तो - meaning of number 2 in birthdate

आज चर्चा करते है अंकशास्त्र के अनुसार यदि आपकी जन्म तारीख में 2 एक बार दो बार या तीन चार बार आ रहा है तो आपको क्या करना चाहिए। repeat of 2 number in birthdate meaning numerology  यदि आपकी जन्म तारीख जैसे २२-02-1992 है तो अंक शास्त्र में गणना करते समय 2 अंक कितनी बार आ रहा है इसका ध्यान रखा जाता है. आइये जानते है 2 अंक repeat होने का मतलब।  यदि 2 अंक एक बार आये तो (20 -10-1985) = ऐसे लोगो का इमोशन थोड़ा गड़बड़ होता है, बहुत ज्यादा इमोशनल या बिलकुल भी नही.  हालाँकि यही इनकी ताकत भी होती है, इन्हें अपने emotions को control करना सीखना चाहिए. इन्हें meditation करना चाहिए।  यदि 2 अंक 2 बार आये  (22-10-1988) = इसमें कोई शक नही के ऐसे लोग brilliant होते है लेकिन जिस चीज़ में है उसी को पकड़े रहे तो ही अच्छा रहता है. अपनी काबिलियत पर घमण्ड न करें। यदि 2 अंक 3 बार आये (22 - 12 -1988) = कभी कभी ऐसे लोग चिड़चिड़े से होते है, इनको खुद नही पता क्या करना है. किसी दिन ठीक तो अगले दिन पागल. कोई अच्छा सा मित्र बनाये.  यदि 2 अंक 4 बार आये (22-12-1992) = एक तरह से अकेला...

आपका नेचर यदि 1 अंक आपकी जन्म तारीख में है - repeat of number 1 in birthdate

आज चर्चा करते है के यदि आपकी जन्म तारीख में 1 अंक दो बार, तीन बार या चार बार आता है तो आपका किस तरह का स्वभाव हो सकता है.    Chinese  numerology and Geomancy के अनुसार  जैसे यदि आपकी जन्म तारीख 11-12-1984  है तो आपकी डेट में में 1 अंक 4 बार आ रहा है,  number 1 one time in birth date  - यदि किसी की जन्म तारीख में 1 अंक सिर्फ एक बार (28-02-1988) आ रहा है तो ऐसा व्यक्ति एक तरह से अकेला माना जाता है, ये लोग अपनी फॅमिली से attach होते है और थोड़ा सा दूर जाते ही अकेलापन फील करने लगते है. एक तरह से अकेलापन का भाव  19वीं सदी में हावी रहा.    number 1 two time in birth date  -  यदि जन्म तारीख में 1 अंक दो बार (18-02-1988) आ रहा है ऐसे लोग बातूनी हो   सकते है ये बात  अलग है के उनका ये स्वभाव अपने दोस्तों के साथ हो। ..  number 1 three time in birth date  -  3 बार 1 अंक आने (18-01-1988) पर  व्यक्ति को अपनी वाणी  में निखार लाना चाहिए, ऐसे लोग अपनी बातों से ...

राहु को उच्च करने का छोटा सा उपाय - upay for good rahu

यदि आपकी कुंडली में राहु सम्बन्धी कोई भी बाधा है या राहु के कारण परेशानी आती हो ऐसे में काम अचानक खराब होते है. ऐसे में आपको एक छोटा सा उपाय बताते है  राहु ग्रह के दो रूप होते है उच्च या नीच, नीच राहु गन्दगी और उच्च राहु सफाई से जुड़ा माना गया है. साथ ही टॉयलेट का स्थान राहु के under में माना गया है ऐसा देखा जाता है राहु बुरा प्रभाव दे रहा हो तो घर के टॉयेलट में कोई न कोई गन्दगी या खराबी जैसे नल टपकना या सीलन रहती है. लेकिन इसी टॉयलेट से राहु को शुभ भी किया जा सकता है.  राहु ग्रह के बुरे प्रभाव से बचने के लिए या राहु को उच्च करने के लिए अपने घर का toilet स्वयं साफ़ करने से राहु जनित परेशानी समाप्त होती है साथ में राहु के शुभ प्रभाव मिलने शुरू हो जाते है. ये बहुत छोटा सा उपाय है लेकिन बड़े काम का है.

सर्प मुखी रुद्राक्ष के फायदे Sarpa Mukhi Rudraksha

सर्प मुखी रुद्राक्ष पर सांप  के फन की जैसी  एक आकृति बनी होती है.    इसे नागफनी रुद्राक्ष भी कहा जाता है. आइये जानते है इसे धारण करने के फायदे.  यह रुद्राक्ष कुंडली में सर्प दोष जैसे काल सर्प या अन्य सर्प सम्बन्धी दोषो का निवारण करता है. किसी व्यक्ति को सांप से डर लगता है या सपने में सांप बहुत आते है ऐसे में ये रुद्राक्ष बहुत फायदा देता है.  कभी कभी व्यक्ति में confidence  की कमी को दूर करने में भी यह रुद्राक्ष बहुत फ़ायदेमंद होता है. अचानक धन हानि या बीमारी का पता न लगने की स्थिति में भी naagfani Rudraksha लाभदायक है. 

महाभारत काल में वास्तु प्रमाण - vastu links in Mahabharata time

महाभारत काल में वास्तु को लेकर कुछ प्रमाण मिलते है. उनमे से एक प्रमाण मायासुर का बनाया हुआ मायामहल जो की पांडवो ने बनवाया था और महाभारत का युद्ध का कारण बना था. क्या है इसकी कहानी और क्या है वास्तु दोष आइये जानते है.  भगवान श्रीकृष्ण ने दैत्य वास्तुकार मयासुर को पाण्डवों के लिए महल बनाने के लिए आमंत्रित किया। मायासुर ने एक माया महल का निर्माण कर दिया जिसकी चर्चा हर जगह होने लगी. लेकिन मायासुर ने श्री कृष्ण के कहने पर इसमें एक major वास्तु दोष create कर दिया। उन्होंने महल के बीचोंबीच एक पानी के माया स्त्रोत (like a mini swimming pool) का निर्माण कर दिया. इसी पानी में दुर्योधन गिर गया और द्रौपदी का किया हुआ उपहास एक महा युद्ध का कारण बना.   अब बात आती है के वास्तु दोष क्यों डाला गया, एक बात ये आती है के श्री कृष्ण जानते थे के ये राज्य आज नही तो कल कौरवों के पास आ जाएगा चाहे छल से या बल से... और ऐसा ही हुआ. इसलिए उन्होंने ऐसा वास्तु दोष करवाया, दूसरा कारण ये भी है के श्री कृष्ण खुद चाहते थे के युद्ध हो इसलिए उन्होंने ऐसा किया. .... लेकिन इधर बात वास्तु दो...

वास्तु अनुसार किस महीने में ग्रह निर्माण - ग्रह प्रवेश शुभ

वैदिक वास्तु शास्त्रों में किसी ग्रह की निर्माण व् ग्रह प्रवेश के नियम बताये गए है. इन्ही में से आज चर्चा करते है किस महीने में घर का निर्माण शुरू करना या नए घर में प्रवेश करना फायदेमंद रहता है.  months for starting or entering in new home as per vastu shastra  वास्तुराजवल्लभ शास्त्र के अनुसार चैत्र मास में ग्रह आरम्भ करने या उसमे प्रवेश करने से दुःख मिलता है, ज्येष्ठ में मृत्यु होती रहती है, आषाढ़ में पशुओं का नाश (आधुनिक काल में वाहन के कारण परेशानी), श्रावण मास में वाहन सुख, धन सुख, भाद्र में कुल में वृद्धि खत्म, आश्विन में क्लेश, कार्तिक में नौकरों के कारण हानि, मार्गशीर्ष में धन प्राप्ति, पौष में सुखों में वृद्धि, माघ में अग्नि के कारण हानि, फाल्गुन में लक्ष्मी की अभिवृद्धि होती है.  वास्तुप्रदीप ग्रन्थ अनुसार भी ऐसा ही फल मिलता है लेकिन पौष माह वाले घर में चोरी होती है. मुहुरतमार्तंड के अनुसार पौष में घर बनाया जा सकता है. इसके अलावा ग्रह निर्माण या ग्रह प्रवेश शुक्ल पक्ष में करना ही फायदेमंद माना गया है. इसके साथ ही सूर्य ग्रह की स्थिति भी देखी जाती है जैसे सूर्य किस...

छोटी ऊँगली (कनिष्ठा) की विशेषताएं - little finger meaning in palmistry

लिटिल फिंगर यानि के सबसे छोटी अंगुली को  कनिष्ठिका कहा जाता है. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार अन्य अंगुलियों की तरह  इसका भी महत्व माना गया है. यह अंगुली व्यक्ति के दिमाग के बारे में बताती है. आइए जानते है है इस ऊँगली के पोर क्या क्या बताते है.  कनिष्ठिका अंगुली पहला पोर।  meaning of First Phalange in Little Finger अंगुली का पहला पोर यदि अन्य पोर के मुकाबले लंबा हो तो ऐसे में  व्यक्ति ज्यादा वाकपटु नहीं होता है. अपनी बात रखने के अन्य तरीके use करता है.  कनिष्ठिका अंगुली का दूसरा पोर | Second Phalange in Little Finger  इस अंगुली का दूसरा पोर बड़ा होने पर व्यक्ति अनेक विद्याओं में कुशल होता है, साथ ही इन्ही से अपनी पहचान बना लेता है. व्यवहारिक होना ऐसे जातकों की निशानी है.  कनिष्ठिका अंगुली का तीसरा पोर  | Third Phalange in Little Finger  इस अंगुली का तीसरा पोर लंबा होने पर व्यक्ति का दिमाग बिज़नस वाला हो जाता है हर बात में हर काम में फायदे या नुकसान की calculation करता है. हालाँकि ऐसे ल...

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My Name is Prateek Gupta. I am a professional astrologer and vastu consultant. i am doing practice from many years. its my passion and profession. I also teach astrology and other occult subject. you can contact me @9899002983