हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार मध्यमा अंगुली को समन्वय(coordination) की अंगुली भी माना गया है.
Middle Finger in palmistry
विशेषज्ञों के मतानुसार मध्यमा ऊँगली तर्जनी व अनामिका की बढ़ी हुई इच्छाओं को balance करने का काम करती है. जहाँ तर्जनी ऊँगली ego दिखाती है वहीँ अनामिका ऊँगली दिखावे की होती है बीच में होने से middle finger दोनों में balancing करती है.
इस अंगुली के मूल में शनि पर्वत माना गया है इसलिए इसे शनिे अंगुली भी कहा जाता है. यह शनि पर्वत का प्रतिनिधित्व भी करती है. इस ऊँगली से बुद्धिमानी भी देखी जाती है.
अब बात करते है इस ऊँगली के विभिन्न प्रकार की..... types of middle finger
मध्यमा ऊँगली यदि normal है तब व्यक्ति में स्थिरता होती है, अपनी बात सोच समझ कर बोलता है.
यदि मध्यमा सामान्य से लंबी है तब व्यक्ति किसी से ज्यादा घुलता मिलता नही, अकेला रहना पसन्द करता है.
थोड़ी छोटी मध्यमा ऊँगली होने पर व्यक्ति में गंभीरता नहीं होती और साथ ही उसकी आदते अच्छी नही होती.
यदि किसी व्यक्ति की मध्यमा अंगुली टेढ़ी-मेढ़ी है ऐसे में थोड़ी परेशानी life में देखने को मिलती है.
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