Skip to main content

लगातार तरक्की के लिए वास्तु का पृथ्वी तत्व - earth element importance in vastu shastra








https://mine-peace.blogspot.com/2016/09/earth-element-importance-in-vastu.html




आज चर्चा करते है पृथ्वी तत्व की, ये तत्व वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण तत्व होता है. इसका सीधा सम्बन्ध स्थायित्व से होता है चाहे वो करियर हो या रिलेशनशिप। आपकी बातों में कितना वजन है कितना लोग सुनते है ये सब भी पृथ्वी तत्व से देखा जाता है. आइये जानते है और क्या क्या देखा जाता है पृथ्वी तत्व से



earth element in vastu shastra




अगर ध्यान से समझे तो पृथ्वी का काम क्या है - " हमें टिकाये रखना" पृथ्वी पर खड़े होकर ही हम आकाश की तरफ देखते है इससे आप समझ सकते है के यदि आपको तरक्की भी करनी है तो एक base तो चाहिए जो की पृथ्वी तत्व देता है.




पहले इस तत्व के तथ्य बता देता हूँ , पृथ्वी तत्व दक्षिण-पश्चिम दिशा को represent करता है, इसका रंग पीला या ब्राउन माना जाता है. कुछ जगह इसे मेहरून भी लिया जाता है. square shape की चीज़े इसके कारक माने जाते है. किसी भी तरह की चीज़े जिनमे अच्छा खासा weight हो earth element से related होती है.



दक्षिण-पश्चिम दिशा (नैऋत्य) का सम्बन्ध ख़र्चो से (southwest-south), stability से (southwest) और हमारे skill से होता है. इसके अलावा रिलेशन भी नैऋत्य कोण से देखे जाते है.


अगर ये जोन ठीक है तो ये माना जाता है के पृथ्वी तत्व ठीक है, ऐसा होने पर लोग स्टेबिलिटी और growth आराम से पा जाते है. इनकी सबसे relation बहुत अच्छे से बने रहते है. खर्च करते है तो भी उससे फायदा ही पाते है.




इसके अलावा इस जोन के balanced होने पर लोग अपने हुनर मतलब जो भी उन्होंने काम सीखा है, पढ़ाई की है उसकी पूरी value उन्हें मिलती है, उनके talent की कद्र होती है.



imbalanced of earth element






अगर दक्षिण-पश्चिम दिशा में खराबी आ गई है तो सबसे ज्यादा बड़ी समस्या ये आती है के शादी या अन्य सम्बन्धों में दिक्कत आती है, रिश्ता टूट जाता है, नया रिश्ता लाख कोशिश के बाद भी नही बनता.




कोई भी काम कर लो लेकिन कुछ दिन बाद बन्द हो जाता है. आपकी consultancy की कोई वैल्यू नही, पुत्र जन्म में परेशानी आती है.



और भी समस्याएं ये तत्व देता है जिसको कुछ उपायों से कम किया जा सकता है.



Comments

Learn Astrology

you can buy recorded courses and research notes. contact on whatsapp @9899002983

About Me

My photo
prateek gupta
My Name is Prateek Gupta. I am a professional astrologer and vastu consultant. i am doing practice from many years. its my passion and profession. I also teach astrology and other occult subject. you can contact me @9899002983

Popular posts from this blog

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

जन्म पत्रिका के पंचम भाव को ठीक करने का वैदिक सूत्र - SECRET REMEDY FOR FIFTH HOUSE ASTROLOGY

Popular posts from this blog

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

दही से मिलता है आकर्षण सच या झूठ ?

नमस्कार, पीछे मैंने कुछ जगह ये बात सुनी कुछ ज्योतिषियों के मुख से के दही यदि प्राइवेट पार्ट पर लगायी जाए तो काफी आकर्षण आपके अंदर आ जाता है जिससे विपरीत लिंग के लोग आपकी ओर खासकर स्त्रियाँ आकर्षित होती है. इससे आपका शुक्र मजबूत होगा और आप एक परम आकर्षक व्यक्ति बन जाएंगे.

जन्म पत्रिका के पंचम भाव को ठीक करने का वैदिक सूत्र - SECRET REMEDY FOR FIFTH HOUSE ASTROLOGY

कुंडली का जो पंचम भाव होता है वो उत्साह को दर्शाता है एक ऐसा उत्साह जिसमे व्यक्ति को जीने की तमन्ना मिलती है आगे बढ़ने का भाव मिलता है. आज के समय में काफी बड़ा वर्ग सिर्फ शांति की तलाश में इधर उधर भाग रहा है. थोड़ी सी भी परेशानी उन्हें भीतर तक हिला देती है. इन सबका कारण कुंडली का पांचवा भाव होता है. आज जानते है ऐसे छोटे छोटे उपाय जिन्हे आप अपना कर कुंडली पांचवे भाव को ठीक रख सकते है.

Shani Margi 2024 - शनि होंगे मार्गी कुम्भ राशि में, किस राशि पर क्या असर

 शनिदेव 15 नवंबर को मार्गी होने जा रहे है जो की लगभग 139 दिन की वक्र यात्रा पूरी करने के बाद अपनी खुद की राशि कुम्भ में मार्गी होंगे और इसका क्या प्रभाव हर राशि पर देखने को मिलेगा आइये जानते है. 

भलाई करते ही बुरे हाल - ज्योतिष अनुसार ऐसा कब होता है

कभी कभी एक बात सुनने को मिलती है नेकी कर दरिया में डाल यानी भलाई कर के भूल जाओ. लेकिन एक और कहावत है नेकी कर और जूते खा, यानी जितनी भलाई करते जाओगे उतनी परेशानियां बढ़ती ही जा रही है. ज्योतिष में भी ऐसा एक योग होता है जिसमे व्यक्ति जितना अच्छा करता है बदले में उतनी लानते उसे सहनी पड़ती है. आइये जानते है.