आज चर्चा करते है पृथ्वी तत्व की, ये तत्व वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण तत्व होता है. इसका सीधा सम्बन्ध स्थायित्व से होता है चाहे वो करियर हो या रिलेशनशिप। आपकी बातों में कितना वजन है कितना लोग सुनते है ये सब भी पृथ्वी तत्व से देखा जाता है. आइये जानते है और क्या क्या देखा जाता है पृथ्वी तत्व से
earth element in vastu shastra
अगर ध्यान से समझे तो पृथ्वी का काम क्या है - " हमें टिकाये रखना" पृथ्वी पर खड़े होकर ही हम आकाश की तरफ देखते है इससे आप समझ सकते है के यदि आपको तरक्की भी करनी है तो एक base तो चाहिए जो की पृथ्वी तत्व देता है.
पहले इस तत्व के तथ्य बता देता हूँ , पृथ्वी तत्व दक्षिण-पश्चिम दिशा को represent करता है, इसका रंग पीला या ब्राउन माना जाता है. कुछ जगह इसे मेहरून भी लिया जाता है. square shape की चीज़े इसके कारक माने जाते है. किसी भी तरह की चीज़े जिनमे अच्छा खासा weight हो earth element से related होती है.
दक्षिण-पश्चिम दिशा (नैऋत्य) का सम्बन्ध ख़र्चो से (southwest-south), stability से (southwest) और हमारे skill से होता है. इसके अलावा रिलेशन भी नैऋत्य कोण से देखे जाते है.
अगर ये जोन ठीक है तो ये माना जाता है के पृथ्वी तत्व ठीक है, ऐसा होने पर लोग स्टेबिलिटी और growth आराम से पा जाते है. इनकी सबसे relation बहुत अच्छे से बने रहते है. खर्च करते है तो भी उससे फायदा ही पाते है.
इसके अलावा इस जोन के balanced होने पर लोग अपने हुनर मतलब जो भी उन्होंने काम सीखा है, पढ़ाई की है उसकी पूरी value उन्हें मिलती है, उनके talent की कद्र होती है.
imbalanced of earth element
अगर दक्षिण-पश्चिम दिशा में खराबी आ गई है तो सबसे ज्यादा बड़ी समस्या ये आती है के शादी या अन्य सम्बन्धों में दिक्कत आती है, रिश्ता टूट जाता है, नया रिश्ता लाख कोशिश के बाद भी नही बनता.
कोई भी काम कर लो लेकिन कुछ दिन बाद बन्द हो जाता है. आपकी consultancy की कोई वैल्यू नही, पुत्र जन्म में परेशानी आती है.
और भी समस्याएं ये तत्व देता है जिसको कुछ उपायों से कम किया जा सकता है.
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