यज्ञ करना, हवन करना भारतीय परम्परा का हिस्सा रहा है. वास्तु शास्त्र में भी यज्ञ को बहुत महत्व दिया गया है. इसके कई पहलू सामने आते है आइये जानते है हवन करने का वास्तु पक्ष
benefit of hawan - yagya in vastu
हर धर्म में घर को शुद्ध करने का कोई न कोई तरीका बताया ही गया है. वास्तु शास्त्र में भी हवन व् यज्ञ को बहुत जरूरी बताया गया है.
जब हम कोई घर बनाते है तो उसमे विभिन्न तरह की energies वर्क करती है. ये उर्जायें circulate होती रहती है, एक दूसरे में परिवर्तित होती है. जैसे जल से लकड़ी बनती है लकड़ी से आग, अग्नि लकड़ी की राख बना देती है जिससे पृथ्वी तत्व बनता है इसी तरह cycle चलती रहती है.
कई बार घर में कुछ ऐसे कार्य होते जिनसे ये circulation बिगड़ जाता है. ये काम कई बार खुद किये होते है या कई बार natural हो जाते है.
for example, यदि घर में कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा बीमार है तो उसकी बीमारी की tension सबको हो सकती है जिससे घर में negativity बढ़ जाएगी अब यदि वह व्यक्ति ठीक भी हो जाये तो भी जो negativity थी वो पूरी तरह से नहीं जाती, यदि हम कही से घूम कर आये हैं महीने - 2 महीने बाद,,,, तो भी अपने साथ कुछ negativity लेकर ही आये है.
ज्यादा जाले लग गए है, मधुमखी का छत्ता लगा है चाहे हटा भी दिया हो, या पक्षियों ने घोसला बनाया था, चीज़ों से भी ऊर्जा के क्षेत्र disturb होते है.
दोबारा अपने घर की ऊर्जाओं को positively activate करने के लिए अपने धर्म अनुसार आप घर की cleansing करते रहिये और यदि समय समय पर हवन कर सकते है है बहुत ज्यादा फायदा मिलता है.
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