हमारे दिमाग के दो हिस्से है conscious और sub-conscious. इसमें जो conscious mind होता है ये एक तरह लॉजिकल और scientific होता है जो दिखता है उसी पर विश्वास करता है और हमारा subconscious दिमाग इमेजिनेशन पर चलता है. यही वह हिस्सा होता है जो हमे सपने दिखाता है. आइये जानते है क्यों जरूरी होता है दिमाग का ये हिस्सा
हमारा sub conscious नही जनता के क्या असलियत में है और क्या सपना है. जैसे की यदि हम एक lemon के बारे में सोचे हमे ख्याल आता है एक पीले रंग के लेमन का..... imagination करें एक लेमन को काटा और उसको हल्का मुह में निचोड़ दिया और उसके जूस का taste किया। लेकिन कई बार दिमाग इतनी गहराई में चला जाता है के ऐसा लगता है के असली में taste किया यही subconscious mind है. असल में ये दोनों दिमाग के ये दोनों हिस्से हमारे शरीर पर भी पूरा प्रभाव डालते है.
अवचेतन मन एक स्टोर की तरह है, जो हमारे सभी विचारों, अनुभवों, धारणाओं आदि को Store करता है| अवचेतन मन सोच विचार के निर्णय नहीं लेता बल्कि यह हमारे पिछले अनुभवों एंव धारणाओं के आधार पर स्वचालित तरीके से कार्य करता है|
इसी तरह जैसे हम यदि खाना बनाना सीखते है तो हम शुरू में थोड़ा अजीब सा ही बनाते है लेकिन दिए धीरे धीरे अनुभवों के आधार पर सही बनाने लगते है क्यूंकि पहले हम चेतन दिमाग लगा रहे थे बाद में हमने अचेतन का भी सहारा लिया जिसमे हमने पहले से बहुत सारी तस्वीरें बना ली थी.
सभी स्वचालित कार्यों जैसे साँस लेना, दिल धड़कना आदि कार्य अवचेतन मन के द्वारा ही किए जाते है| हमारी आदतें एंव रोजमर्रा के सभी कार्यों में अवचेतन मन का महत्वपूर्ण योगदान होता है|
इसका सबूत कई बार मिलता है के यदि वयक्ति को कोई बीमारी नही है लेकिन उसने मन में मान लिया है के वो बीमार है तो उसे बीमारियां लगते हुए देखा गया है और इसी प्रकार बड़ी बड़ी परेशानियों से भी बाहर निकला जाता है इस sub conscious दिमाग के कारण।
इसी तरह एक क्रिएटिव subconscious mind का example लेते है एक महान artist अपनी इमेजिनेशन में खोया पड़ा है उसे नही पता रियलिटी में क्या हो रहा है लेकिन रियलिटी में उसके हज़ारों चाहने वाले बन गए है.
यही बात आपके cricket में भी चलती है bowlers हमेशा batting करने वाले खिलाडी के दिमाग पर अपना हौआ बनाने की कोशिश में रहता है और batsman के दिमाग में उसकी डरावनी images बनने लगती है, अगर वो कामयाब हो जाता है तो उसे विकेट निकालने में ज्यादा दिक्कत नही आती.
इसी तरह यदि आप सोचते हो "मेरा समय अच्छा नही है" तो conscious mind से ये बात आपके subconscious mind तक चली जाएगी और वो एक उसी तरह की images बनाना शुरू कर देगा जिसमे बुरा समय और दुखी तस्वीरें होंगी और आप उसी तरह के ख्यालों में डूबे रहोगे और यही डूबे हुए ख्याल जब वापस conscious दिमाग तक आएंगे आप कुछ गलत दिशा की ओर बढ़ जाओगे.
यदि आप सोचते हो के "सब कुछ ठीक होगा" तो आपका दिमाग उसी तरह के लोगों, ideas, इवेंट्स को अपनी तरफ आकर्षित करने लगेगा जो situation को ठीक करने में हेल्प करेंगे. यही बात है अगर आप डेली पॉज़ीटिव thoughts रखते है तो अपने आप success मिल जाती है और यदि आप नेगेटिव mindset के साथ start करते है तो कही ना कही अपने आप परेशानी में ही पाते हो.
आजकल हम देखते है के 2-4 साल में किसी ने 2000 करोड़ rs कमा लिए तो उसने भी तो सपना देखा होगा ये अचेतन दिमाग ही है जिसने मन में बड़ी बड़ी कल्पनाएँ बनायीं होंगी और उसी तरह के लोगों को attract किया होगा.
इसलिए सबसे अच्छा यही है के आप अपने अंदर पॉजिटिव thoughts का समावेश करें और अपने अंदर के कलाकार को अपना काम करने दे वो आपक अपने आप सही जगह ले जाएगा.
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