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Showing posts from March, 2016

क्या होता है जन्म कुंडली में दूसरे भाव - what is second house in kundli

जन्म कुण्डली के दूसरे भाव को द्वितीय भाव भी कहते है. जन्म कुंडली में यह भाव और इसका स्वामी बहुत महत्व रखते है. द्वितीय भाव को धनभाव, कुटुम्ब स्थान  से भी जाना जाता है. इससे किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी पता चलता है.  what second house show in astrology in hindi  kya kya dekha jata hai dusre bhav se - दूसरे  भाव से धन-संपति, वाणी, परिवार, विचार,  संचित सम्पति, नाक, शिक्षा, दाईं आखं, स्वयं के द्वारा कमाया पैसा , मुख , दूसरी शादी , अध्यापक,  जमापूंजी, धन से जुडे मामलें आदि बातें देखि जाती है.  karak of second house dusre bhav ka karak grah गुरु होता है. इस भाव से कुटुंब और ऐसा देख जाता  है. इस भाव में राहु - केतु अशुभ होते है.  body parts related to second house in hindi दूसरे खाने से जातक के  चेहरा, मुंह , आंखे, जीभ, दान्त देखे जाते  है.  इस भाव शरीर के दाएं भाग को भी देखा जाता है. 

अशुभ शुक्र को ठीक करने के उपाय - shukra ke upay in hindi

लाल किताब के अनुसार शुक्र ग्रह हमारी सुंदरता से संबंध रखता है. पुरुष की कुंडली में शुक्र का बहुत महत्व होता है क्यूंकि यही पत्नी का कारक होता है. साथ ही शुक्र भोग विलास का ग्रह है. अगर कुंडली में शुक्र खराब हो तो व्यक्ति कमा तो सकता है लेकिन भोग नहीं पाता। आपको बाटे है यदि शुक्र कमजोर है या खराब फल दे रहा है तो क्या करें उपाय.  remedies of shukra in lal kitab astrology in hindi shukra ko achha karne ke liye gau की सेवा  बहुत उत्तम रहती है, यदि ऐसा करना  मुश्किल है तो गौ ग्रास निकाले। अशुभ प्रभाव से बचने के लिए भैरव की उपासना करनी चाहिए.  shukra ko theek karne ke liye दूध, दही का दान करना चाहिए.  सफ़ेद मोगरे के फूलों का पौधा घर के दायीं और लगाना चाहिए। agar shukra khrab hone ka karan अगर त्वचा संबंधित परेशानी है तो गोले का तेल लगाएं। venus ko acha karne ke liye खुशबू का प्रयोग करें.  कपडे हमेशा साफ़ सुथरे पहने.  घर में कागज और पुराणी किताबें सम्भाल कर  न रखे. 

पांचवे भाव में सूर्य का फल - sun in fifth house in lal kitab astrology

lal kitab mai surya pachve ghar mai पांचवें घर में सूर्य होने पर जातक पढ़ाई में तेज़, गुस्से वाला होता है. ऐसे लोगों का बुढ़ापा सुखी रहता है. सत्ता से इनके संबंध अच्छे होते है. बृहस्पति की दृष्टि पड़ने पर मान सम्मान मिलता है. गुरु दसवें घर में होने पर एक से अधिक विवाह होते है. शनि तीसरे घर में हो तो नीच फल मिलता है जातक दुखी रहता है. ऐसे लोगो को बंदरों को चन्ने खिलाने चाहिए. ऐसे लोगों को कभी किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए.

नरेंद्र मोदी जी की कही हुई 5 बातें जो उन्हें सबसे अलग करती है

दुनियभा में भारत की एक अच्छी छवि बनाने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5  सबसे अच्छे quotes आपको बताते है जो सबसे पावरफुल quotes माने जाते है.  5  best quotes by NARENDRA MODI 1.  Mind is never a problem. Mindset is  (दिमाग परेशानी नहीं होता सोच होती है. ) 2. Once we decide we have to do something, we can go miles ahead. (जब हम निर्णय कर  लेते है हमे क्या करना है तो हम काफी आगे निकल जाते है. ) 3.  A son of a poor man is standing in front of you today. This is the strength of a democracy.  (एक गरीब का बेटा  आज आपके सामने खड़ा है (प्रधानमंत्री बनने पर) यही लोकतंत्र की खासियत है) 4. I will make such a wonderful India that all Americans will stand in line to get a visa for India (मै भारत को इतना सुंदर देश बना दूंगा के हर अमरीकी वहाँ आने के लिए लाइन में खड़ा होगा) 5. Hard work never brings fatigue. It brings satisfaction ( मुश्किल काम आपको थकान नहीं देता ये आपको संतुष्टि देता है.

वास्तु अनुसार कैसे बढ़ाये में बिक्री - vastu tips for increase sales

कुछ लोग इस बात से बहुत परेशान रहते है के दुकान में माल कहाँ रखें। ऐसे माल किस तरह से रखें के बिक्री (sale) बढ़ जाए।  आज बात करते है shop में  goods कहाँ रखने चाहिए.  place goods in north-west vastu zone  increase sales ? अगर आप किसी वास्तु शास्त्री से ये बात  पूछते है तो वो छूटते ही एक बात कहेगा नार्थ-वेस्ट (northwest- north) में रख लीजिये आपकी sale बढ़ जायेगी। लेकिन क्या असलियत में ऐसा है ?     ऐसा कई बार देखा गया है के लोग इन बातों को किताबों में पढ़कर जबरदस्ती माल northwest corner में रख देते है और वो stock बिकना तो दूर वही रखा रखा खराब तक हो जाता है. (reference of visit in a cloth mill in bombay).  nature of business matters alot  आपके business या profession का nature कैसा है किस तरह का काम है कौन  सी दिशा उससे संबंधित है ये सब बातें देखीं जाती है.  northwest corner को वायु तत्व का ज़ोन माना जाता है लेकिन इसका मतलब ये नही के बाकी ज़ोन में वायु जाती नही. अगर आपका south-west खराब है तो उसका असर नार्थवेस्ट पर भी होगा...

राहु के अशुभ प्रभाव की कम करने के उपाय - rahu ke upay hindi me

लाल किताब के अनुसार कोई भी अचानक आने वाली समस्या का कारक राहु होता है. ज्योतिष के अनुसार गति का कारक राहु है इसके खराब होने पर वयक्ति अपने आप को बंधा हुआ सा महसूस करता है. वयक्ति सब कुछ होते हुए भी अकेला महसूस करता है. लाल किताब में इन परिस्थितियो के लिए कुछ उपाय बताये गए है आइये जानते है.  remedies of rahu in lal kitab in hindi कभी भी राहु अशुभ हो तो केतु का उपाय करना अच्छा रहता है.  rahu ashubh ho to माँ सरस्वती की उपसना kre,  राहु को शांत करने के लिए व् शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए अच्छा उपाय है.  rahu ke upay  ke liye जौ के आटे की गोलियाँ बहते पानी में प्रवाहित करना या मछलियों को खिलाना अच्छा रहता है.  rahu ko kajboot karne ke liye कन्याओं के विवाह में दान करना शुभ  है.  कुत्ते को रोटी राहु का अच्छा उपाय है.  राहु का संबंध घर में टॉयलेट और छत से होता है यहाँ पर कबाड़ होना शुभ राहु को भी शुभ बनाता है. 

परिभाषा योग - paribhasha yoga in kundali

vedic jyotish  जिस व्यक्ति की कुण्डली में राहु परिभाषा योग (paribhasha yoga) होता  है उस वयक्ति को राहु के बुरे प्रभाव नही मिलते . how paribhasha yog form  कुंडली में  जब राहु लग्न में स्थित हो या तीसरे , छठे या ग्यारह  भाव में उपस्थित हो और साथ ही  शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो राहु अपना बुरा प्रभाव छोड़ देता है .राहु का परिभाषा योग व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य व् लाभ प्रदान करता है. जातक को ज्यादा मेहनत  नही करनी पड़ती।  कपट योग - kapat yoga in astrology गुरु -चांडाल योग - what is guru chandal yoga क्या करना चाहिए यदि शनि दसवें भाव में हो

वास्तु अनुसार पड़ते समय किस तरह बैठे - vastu tips for sitting while studying

कई बार लोग पूछते है के पढ़ाई करते  वक़्त किस तरफ बैठे या किस तरह से बैठें। वास्तु शास्त्र का उपयोग  दैनिक जीवन की छोटी छोटी  बातों के बारे में भी किया जा सकता है. हम आपको  बताते है के किस तरफ बैठना चाहिए यदि आप concentration बनाना चाहते है.  vastu tip for how to sit while studying  पढ़ते समय आपकी sitting रूम के साउथ-वेस्ट की वेस्ट दीवार पर होनी चाहिए। इसे साउथवेस्ट - वेस्ट भी कहते है. आपका फेस ईस्ट या नार्थ की तरफ हो सकता है. इससे आपको अपनी study पर focus करने में ज्यादा परेशानी नही आएगी।  यदि आप इस तरफ नही बैठ पा रहे है तो कम से कम एक पैन स्टैंड इस corner में रख दीजिये।  तनाव का कारण हो सकता है वास्तु दोष - vastu tips for stress शिवलिंग घर में रखें जरा संभलकर - shivling at home precautions संतान और धन देती है वास्तु गाय - benefits of vastu cow करियर में नए अवसर प्राप्ति के लिए छोटा सा वास्तु उपाय - simple vastu tip for gaining new opportunities

कुंडली में सूर्य को ठीक करने के उपाय - remedies of sun in kundali

किसी जन्मकुंडली में सूर्य सबसे महत्पूर्ण ग्रह होता है. सूर्य को व्यक्ति की आत्मा  माना गया है. पिता, दादा का कारक भी सूर्य है. अगर सूर्य किसी जातक का खराब हो जाये तो काफी कष्ट झेलने पड़ते है. ऐसे में कुछ छोटे छोटे उपाय कारगर उपाय आपको राहत दे सकते है. जानते है क्या है उपाय remedies of sun in lal kitab astrology in hindi सूर्य खराब फल दे रहा हो तो सुबह सुबह उगते सूरज को जल देना चाहिए। सूर्य नमस्कार करना चाहिए.  शुभ फल प्राप्त करने के लिए ताम्बे से बनी चीज़े ब्राह्मण को दान देनी चाहिए। ताम्बे का चकोर टुकड़ा अपने पास रखें  पिता की सेवा करने सूर्य अच्छा होता है.  गुड़ का दान करें, गाये को गुड़ खिलाएं। थोड़ा सा गुड़ स्वयं भी खाएं।  घर की पूर्व दिशा में एक पीतल का सूरज लगा सकते है. 

कपट योग - kapat yoga in astrology

example of kapat yoga दो पापी ग्रह राहु और शनि जब जन्मपत्री में एक दूसरे से ग्यारहवें और छठे  में  होते हैं तो कपट योग बनता है. जिस व्यक्ति की कुंडली में योग होता है वो जातक अत्यंत नीच होता है अपने हित  के लिए किसी भी हद तक धोखा दे सकता है. इन पर विश्वास नही करना चाहिए। kapat yoga is form when saturn and rahu placed 6th and 11th from each other. these natives are very selfish and fraudy. गुरु -चांडाल योग - what is guru chandal yoga क्या करना चाहिए यदि शनि दसवें भाव में हो

गुरु -चांडाल योग - what is guru chandal yoga

गुरु-राहु युति ( jupiter - rahu conjunction in astrology )  कुंडली में एक भयंकर योग माना जाता है गुरु चांडाल। ये योग गुरू और राहु की युति (jupiter +rahu)  से बनता  है. जन्म कुंडली में चांडाल योग अशुभ योग  के रूप में माना जाता है.  effects of chandal yoga   ऐसा माना जाता है चांडाल योग जिस व्यक्ति की कुण्डली में निर्मित होता है उसे नीच कार्यों में ज्यादा रूचि होती है, आर्थिक तंगी रहती है. हालाँकि कई ये योग अच्छा फल भी देता देखा गया है. chandal yoga positive sides -   अगर बृहस्पति की स्थिति राहु से मजबूत है तो राहु अपना बुरा प्रभाव छोड़ देता है. ऐसे लोग ज्योतिष के अच्छे जानकार देखे गए है, पॉलिटिक्स में इन्हे success जरूर मिलती है.  राहु भी करवाता है प्रेम विवाह - Yogas of Rahu for love marriage जानें जन्म कुंडली में प्रेम विवाह के योग ( astrological yogas for love marriage) केमद्रुम योग कैसे बनता है (How is Kemadruma Yoga formed?) कालसर्प योग को दूर करने के लिए कुछ उपाय

क्या करना चाहिए यदि शनि दसवें भाव में हो

what to do if saturn in tenth house  यदि जन्म पत्रिका में  शनि दशम भाव में हो तो करियर की शुरुआत नौकरी से होती है. व्यापार से नहीं.... If ‪‎Saturn‬ is placed in your 10th house of ‪horoscope‬, the native starts his ‪career‬ with ‪‎job‬, not with ‪business‬. जातक को हमेशा टिक कर काम करना चाहिए घूम फिरकर काम करने पर असफलता मिलती है.  

तनाव का कारण हो सकता है वास्तु दोष - vastu tips for stress

डिप्रेशन होना एक आम बात है, लेकिन कई बार ये बहुत ज्यादा बढ़ जाता है यहाँ तक की लोग कुछ गलत काम भी कर बैठते है. depression का सीधा संबंध वास्तु से भी होता है. आइये आपको बताते है क्या होता है इसका कारण और क्यों है आजकल ये समस्या बहुत ज्यादा वैसे तो वास्तु के नियम हमेशा से चले आ रहे है तो ये depression या aggression अभी क्यों बढ़ गया है ये सवाल सबके दिमाग में हो सकता है. stress के   दो वास्तु कारण होते है vastu zone में खराबी या मॉडर्न equipment।  modern lifestyle & depression in  vastu  जो हम नए नए तरह के सामान (electronic) घर में लेकर आते है इनसे emf जो की सीधा असर दिमाग पर करती है,इसके अलावा भी बहुत जगह है जहा से emf निकलती है और सीधा दिमाग पर इफेक्ट डालती है और result दिमागी परेशानी.  ये मॉडर्न lifestyle 90 percent डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार है.   vastu direction for depression  अब वास्तु दिशा की बात करें तो नार्थ-ईस्ट यानि के ईशान कोण इससे संबंध रखता है इस कोण में टॉयलेट, सीढ़ियाँ या floor का ऊँचा होना या कटा होना दिमाग परेश...

जन्मकुंडली में क्या होता है लगन भाव और लग्नेश - what is lagan and lagnesh in janm kundli

वैदिक ज्योतिष में पहला भाव को लग्न भाव भी कहा जाता है. लग्न भाव कुण्डली का बल होता है. एक janmpatri में लगन को सबसे ज्यादा  महत्वपूर्ण माना गया है. ये  जितना शुभ अवस्था में होगा  उतना ही व्यक्ति लम्बा अच्छा  व्यतीत करेगा. vedic jyotish में first house से क्या क्या पता चलता है आइये जानते है.  कुंडली में लग्न भाव की विशेषताएं कौन सी है. | What are the basic qualities  of Ascendant's House और first house  एक तरह से लग्न एक birth chart   का प्रतिनिधत्व करता है . इस भाव से हेल्थ , उम्र , शारीरिक बनावट, character , शारीरिक बनावट ,  ज्ञान, आनन्द, समृ्द्धि, स्थिति, स्वभाव, सम्मान , सफलता या विफलता जानी जाती है.  एक तरह से ये हमारा शरीर है, lagan  represents  our physical conditions.   लग्न भाव से सिर (head), गरदन, चेहरे का उपरी भाग के बारे में बताता है.  प्रथम  भाव में जब शुभ ग्रह बैठे हो, तब वह बली (strong) होता है या फिर लग्न भाव को ...

ज्योतिष के अनुसार चन्द्रमा (मन) को ठीक करने के उपाय - chandrma ke upay in hindi

लाल किताब ज्योतिष के अनुसार जब किसी व्यक्ति का चन्द्रमा कमजोर या दूषित होता है तब वह मानसिक रूप से बहुत कमजोर होता है. बहुत ज्यादा emotional हो सकता है. कभी कभी ऐसा बचपन से न होकर किसी ख़ास उम्र में भी हो सकता है जो की दशा या अंतर्दशा के कारण होता है. लेकिन मन का संबंध हमेशा चंदमा से ही होता है. अगर चन्द्रमा कमजोर हो रहा है या पीड़ित हो रहा है तो क्या उपाय करने चाहिए आइये जानते हैं.  remedies of moon as per lal kitab astrology in hindi  chandrma ko thik karne ke upay -   चन्द्रमा को ठीक करने का सबसे अच्छा उपाय है की शिवजी की पूजा की जाए.  ashubh चन्द्रमा को अच्छा करने के लिए खीर छोटी कन्याओं को खिलाएं  chandrma ko majboot karne ke liye चांदी शरीर पर धारण करें  moon ko theek karne ke घर में साफ़ सफाई रखने से चन्द्रमा अच्छा होता है.  chndra ke upay ke liye अपनी माता की सेवा करें अगर माँ नही है माँ समान स्त्री की सेवा करें।   अगर चन्द्रमा के कारण नुकसान हो तो चांदी, चावल दान करें।   अच्छे बैठे चन्द्रमा से लाभ के बड़ के पेड़ को पानी से सींचे।...

हमारी भावनाओं से जुड़ा हुआ है स्वाधिष्ठान चक्र - Svadhisthana Chakra in hindi

 स्वाधिष्ठान चक्र हमारे शरीर का दूसरा चक्र होता जो मूलाधार चक्र के बाद आता है. मूलाधार चक्र के कारण  हमे हमारे शरीर का एहसास होता है इसके बाद स्वाधिष्ठान चक्र के कारण हमारे अंदर अलग अलग तरह की भावनाएं आती है. हम क्या फील करते है इस चक्र से ही संबंधित होता है. sexual desires का संबंध भी इसी चक्र से होता है, ये मूलाधार चक्र के ऊपर स्थित होता है. आइये जानते है किस तरह ये हमारे शरीर में काम करता है और इसके बिगड़ने पर क्या समस्याऍ आती है.  Svadhisthana Chakra meaning in hindi  स्वाधिष्ठान यौन इंन्द्रियों मे स्थापित होता है.  तत्व - जल   रंग - नारंगी  गुण - निर्मल विद्या एवं निर्मल इच्छा चित्त हैं  स्थान - मूलाधार के ऊपर और नाभि के निचे।  इस चक्र का प्रतीक छह पंखुड़ियों वाला नारंगी रंग का एक कमल है. यह चक्र छ: पंखुड़ियों वाला कमल होता है तथा यह कमल छ: नाड़ियों का मिलन स्थान भी है.  जिसकी लाल रंग की पती होती है. और   इसके बीच में एक सफ़ेद रंग का चद्रमा होता है जो emotions दर्शाता है.   इस चक्र का main work भावना...

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My Name is Prateek Gupta. I am a professional astrologer and vastu consultant. i am doing practice from many years. its my passion and profession. I also teach astrology and other occult subject. you can contact me @9899002983