ये बात तो हमने school में भी पड़ी है के दो तरह के ions या ऋण होते है.
अगर इलेक्ट्रॉन की तादाद प्रोटोन से अधिक हो तो आयन में ऋणात्मक (नेगेटिव) आवेश होता है और उसे ऋणायन (negative Ion ) भी कहते हैं। इसके विपरीत अगर इलेक्ट्रॉन की तादाद प्रोटोन से कम हो तो आयन में धनात्मक (पोज़िटिव) आवेश होता है और उसे धनायन (cation, कैटायन) भी कहते हैं।
positive ion हमारे शरीर के लिए बहुत नेगेटिव होते है और कैंसर, tumor, restless रहना ये सब इसके कारण ही होता है. positive आयन बिजली के सामान, कंप्यूटर, laptop से सबसे ज्यादा निकलते है. घर के स्विच बोर्ड या मीटर से ये लगातार निकलते रहते है. उसके अलावा हमारा मोबाइल फ़ोन जो सोते हुए भी हमारे साथ रहता है. पॉजिटिव ion का सीधा असर हमारे दिमाग और body cells पर होता है जिससे यदि इसकी मात्रा घर में ज्यादा है तो सबका mood खराब रहता है. इसे emf detector की सहयता से मापा भी जा सकता है.
मोबाइल टावर्स से भी लगतार ये निकलता है जिस कारण आसपास के लोग बीमार पड़ते है.
पॉजिटिव ions से बचने का तरीका है नेगेटिव ions. नेगेटिव आयन इसके बिलकुल विपरीत होते है ये हमारे शरीर के लिए भी अच्छे होते है. ये पर्यावरण के द्वारा ही बनते है जिसमे बहता पानी इसका बहुत बड़ा स्त्रोत है इसके अलावा तेज़ हवा, तेज़ बारिश व् कॉस्मिक रेडिएशन आदि कारण होते है. इसके अलावा अब science के मदद से कुछ artificial सामान भी बनते है जिससे घर में नेगेटिव ions की संख्या बढ़ायी जा सके.
पानी का फव्वारा इसका अच्छा स्त्रोत है, यही कारण है के चलते पानी के पास बैठने से हमे आराम मिलता है. इसके अलावा rock salt lamp भी इसमें बहुत काम की चीज़ है, हिमालय में भरपूर मात्रा में ये दोनों चीज़े होने के कारण पेड़-पोधे भी संजीवनी का काम करते है. इसके अलावा market में ionizers आने लगे है. कॉपर का यूज़ भी इसमें मदद करता है. यदि आप heavy इलेक्ट्रिक व् radiation वाले सामान यूज़ करने को मजबूर है तो negative ion की तरफ ध्यान दे.
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