लाल किताब में सूर्य पहले भाव - (sun in first house in lal kitab)
lal kiab ke anusar सूर्य पहले खाने में हो तो जातक सच बोलने वाला व् लम्बी आयु वाला होता है. धोखे बहुत मिलते है. यदि जातक परोपकार करे तो सूर्य का अच्छा फल मिलेगा वरना नही. ऐसे जातक को अपनी कमाई का चौथा हिस्सा धार्मिक कार्यों में लगाना अति शुभ फल देता है.
यदि पहले सूर्य अकेला हो और सांतवा भाव खाली हो तो जल्दी विवाह अच्छा रहता है. ऐसे लोगों को गुस्सा जल्दी आता है. सूर्य के साथ अन्य ग्रह होने पर प्रभाव बदल सकते है.
पहले घर में सूर्य को मंगल या चन्द्र साथ दे रहे हो तो जातक अपनी मेहनत से पैसा कमाता है. पहले भाव में सूर्य हो और सांतवे भाव शुक्र हो तो जातक के पिता को कष्ट मिलने की सम्भावना होती है.
lal kiab ke anusar सूर्य पहले खाने में हो तो जातक सच बोलने वाला व् लम्बी आयु वाला होता है. धोखे बहुत मिलते है. यदि जातक परोपकार करे तो सूर्य का अच्छा फल मिलेगा वरना नही. ऐसे जातक को अपनी कमाई का चौथा हिस्सा धार्मिक कार्यों में लगाना अति शुभ फल देता है.
यदि पहले सूर्य अकेला हो और सांतवा भाव खाली हो तो जल्दी विवाह अच्छा रहता है. ऐसे लोगों को गुस्सा जल्दी आता है. सूर्य के साथ अन्य ग्रह होने पर प्रभाव बदल सकते है.
पहले घर में सूर्य को मंगल या चन्द्र साथ दे रहे हो तो जातक अपनी मेहनत से पैसा कमाता है. पहले भाव में सूर्य हो और सांतवे भाव शुक्र हो तो जातक के पिता को कष्ट मिलने की सम्भावना होती है.
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