jyotish shastra के अनुसार अगर जन्मकुंडली में चंद्रमा ग्रह से दूसरे और बारहवें दोनों भावों में कोई ग्रह नही हो तो केमद्रुम योग (Kemadruma Yoga) बनता है.
केमद्रुम योग के संदर्भ में छाया ग्रह राहु केतु की गणना नहीं की जाती है. इसका मतलब यदि चन्द्रमा के आगे या पीछे राहु या केतु में से कोई ग्रह हो तो भी उसकी गणना नही होगी.
if there is no planet in 1st and 12th house from moon than kemadruma yoga performed - किसी वयक्ति की जन्म कुंडली में ऐसा योग होने पर ऐसा देखा जाता है के व्यक्ति जीवन में कभी न कभी गरीबी एवं संघर्ष से ग्रस्त होता है.
इसके साथ ही साथ व्यक्ति uneducated या कम पढा लिखा, निर्धन एवं बेवकूफ भी हो सकता है. यह भी कहा जाता है कि केमद्रुम योग वाला व्यक्ति married life और संतान पक्ष का उचित सुख नहीं प्राप्त कर पाता है. हालाँकि ये योग भंग हो जाता है यदि लगन से केंद्र में चन्द्रमा या कोई अन्य ग्रह हो.
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