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लाल किताब के अनुसार पहला घर - first house as per lal kitab


जन्म कुंडली में पहला घर किसी वयक्ति का नाम उसके स्वभाव का पता चलता है. इस घर से ये भी पता चलता है के वयक्ति अपनी रीती रिवाज़ों पर कितना चलेगा या नही. ये घर हमारे बचपन से संबंध रखता है. वह कर्म जो हमें इस जन्म में भोगने है वो भी इसी घर से पता चलता है. आइये जाने है ओ क्या क्या पता चलता हो पहले खाने से 







 lal kitab me pehla ghar 


ये घर पूर्व दिशा का कारक है. कुछ हद तक ये हमारे कारोबार से जुड़ा हुआ है. पहले घर से ये पता चलता है के हम किस जगह कितनी ऊंचाई तक पहुचेंगे. वयक्ति जो धन अपनी म्हणत से कमाता है इसी घर से पता चलता है. 

ये हमारे शरीर के हिस्सों में माथे व् चेहरे से संबंध रखता है. इसी घर से किसी के अंदर कितना घमंड है पता चल जाता है. पिछले जन्म के कर्मो से हम कैसी किस्मत लेके जन्मे है इसी घर से मालूम चलता है. 

इस घर में सूर्य अच्छा फल देता है. जबकि शनि इस घर में नीच ह जाता है. इस घर का मालिक  मंगल है और राहु का इस घर में उच्च या नीच होना उसकी राशि पर निर्भर करेगा. 

इस घर का संबंध मुख्या रूप से हमारी 25 वर्ष तक की आयु से होता है. यदि किसी वयक्ति की कुंडली में सूर्य अच्छा है तो उससे पूर्व मुखी घर ज्यादा अच्छा रहेगा. 




लाल किताब में दसंवा घर क्या क्या बताता है.




लाल किताब में मंगल ग्रह का महत्व


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