घर बनवाते वक़्त या खरीदते समय आजकल बच्चों के बैडरूम को भी ध्यान में रखा जाता है. वास्तु शास्त्र में भी छोटे बच्चो व् teenager children's के रूम के बारे में बताया गया है. इसके अलावा fengshui में भी इसे महत्व दिया गया है. यदि बच्चों का कमरा सही दिशा में है तो बच्चे भी सही दिशा में बढ़ते है और पढ़ाई - लिखाई व् अन्य competition में कोई मुश्किल नही आती. आइये जानते है बच्चो का bedroom कहाँ और कैसा होना चाहिए
things to see while making children bedroom
बच्चे के कमरे में उसका पलंग, उसकी study table, उस कमरे का रंग, उसके कमरे में दीवारो पर चित्र, घडी, कमरे में रौशनी की व्यवस्था, खिड़कियां, दरवाजे आदि की दिशा बिलकुल सही होनी चाहिए । यहाँ पर हम आपको बच्चो के कमरे के वास्तु टिप्स बता रहे जिन्हे अपनाकर आप अपने बच्चो के भविष्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते है ।
Vastu tips for kids bedroom
colors for children bedroom
बच्चो के कमरे की दीवारों के लिए हल्के रंग का प्रयोग करें । उनके बैडरूम के लिए light green color best माना जाता है। क्योंकि हरा रंग कल्पनाशीलता, ताजगी और एकाग्रता को बढ़ाने में सहायता करता है। साथ ही पीले, नील, लाल रंग की चीज़ो हल्का उपयोग किया जा सकता है.
directions for bedroom
भवन में बच्चों का कमरा पूर्व, उत्तर, पश्चिम या वायव्य दिशा में होना शुभ माना गया है। वैसे पश्चिम दिशा बच्चो के कमरे के लिए सबसे उपयुक्त मानी गयी है। लेकिन आग्नेय, दक्षिण-नैऋत्य कोण में बच्चों का कमरा नहीं होना चाहिए। साथ ही बच्चो के रूम का सामान वयवस्थित तरीके से रखा होना चाहिए।bedroom for teenagers
बड़े बच्चो में teenage girl का रूम पश्चिम व् लड़कों का कमरा पूर्व या दक्षिण दिशा में बनाया जाना चाहिए।
bed sitting
बच्चो के कमरे में उनका पलंग कमरे के दक्षिण-पश्चिम कोने / पश्चिम अथवा दक्षिण में रखें और सोते समय उनका सर पूर्वी या दक्षिणी दिशा में रहे। पूर्व दिशा की तरफ सर होने से बच्चो की बुद्धि तेज होती है और वह आसानी से ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं ।
study table and computers in kids room
बच्चो की पढ़ने की टेबल ईशान, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए। बच्चा पढ़ते समय इस तरह से बैठे की उसका मुंह ईशान कोण या पूर्व दिशा की ओर हो । यदि बच्चे के कमरे में computer भी रखना हो तो उसे आग्नेय कोण, दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा में रखना चाहिए ।
बच्चों के कमरे में उनकी कापी-किताबो की रैक तथा उनके कपड़ों, जूतो और खिलोनो वाली अलमारी कमरे के नैऋत्य कोण अथवा दक्षिण में होनी चाहिए ।
बच्चो के पढ़ाई की टेबिल पर कभी भी कापी किताबे इधर उधर बिखरी हुई, अस्त व्यस्त नहीं रहनी चाहिए । इन्हे टेबिल या रैक पर सलीके से रखना चाहिए । बच्चो की पढ़ाई की टेबिल बिलकुल साफ सुथरी रहनी चाहिए
बच्चा जब भी पढ़ने बैठे उसके पीठ के पीछे solid wall होनी चाहिए । इससे एकाग्रता में बाधा नहीं आती है ।
बच्चो के कमरे में सभी फर्नीचर को दीवार से 2-3 Inches की दूरी बनाकर रखें। इससे कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है ।
बच्चो के कमरे में खिड़कीयाँ पूर्व एवं उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए , उनके कमरे की कोई भी खिड़की नैत्रत्य, दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ नहीं खुलनी चाहिए । यदि दक्षिण की तरफ खिड़की है तो बंद रखें।
children's room में उनके पलंग के बिल्कुल सामने शीशा, कंप्यूटर या टीवी बिलकुल भी न लगाएं इससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और वह चिड़चिड़े और बिगड़ैल भी हो सकते है। यदि है तो उसे कवर करके रखें केवल उपयोग होने पर ही कवर हटायें
बच्चो के कमरे में ईशान कोण और ब्रह्म स्थान ( कमरे के बीच का स्थान ) को बिलकुल साफ और खाली रखे । यहाँ पर किसी भी प्रकार कबाड़ या गन्दगी ना इकठ्ठा होने दे अन्यथा बच्चे माता-पिता के नियन्त्रण से बाहर हो जाते है ।
किसी भी तरह के जंगली जानवरो के, हिंसात्मक, फूहड़, भूत प्रेतों के मुखौटे, पेंटिंग्स एवं चित्र बच्चों के कमरे में बिलकुल भी नहीं लगाने चाहिए ।
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