चौथे घर का मालिक व् करक ग्रह चन्द्रमा है. इस घर में चन्द्रमा व् बृहस्पति बहुत अच्छे फल देते है. ज्योतिष में चौथा घर माता का माना जाता है जबकि लाल किताब में ये पिता से भी समबन्ध रखता है. आइये जानते है चौथे घर के बारे में.
lal kitab 4th house - ये घर पानी से सम्बन्ध रखता है. हमारे शरीर में सर्दी-गर्मी या हमारी तासीर है उससे भी सम्बन्ध रखता है. ये घर हमारे मन की शांति से सीधा जुड़ा हुआ होता है, यदि यहाँ अशुभ ग्रह आ जाये तो मन की शांति पर बुरा असर पड़ता है.
lal kitab 4th house - ये घर पानी से सम्बन्ध रखता है. हमारे शरीर में सर्दी-गर्मी या हमारी तासीर है उससे भी सम्बन्ध रखता है. ये घर हमारे मन की शांति से सीधा जुड़ा हुआ होता है, यदि यहाँ अशुभ ग्रह आ जाये तो मन की शांति पर बुरा असर पड़ता है.
lal kitab ke anusar चौथा घर हमारी आयु के दूसरे पड़ाव यानि 25 से 50 वर्ष की आयु से होता है. दिशा के हिसाब से ये घर पूर्व और उत्तर दिशा का करक है. कपडे, दूध और पानी के व्यवसाय से ये घर जुड़ा हुआ है.. चौथे घर में चन्द्र हो तो कपड़े के व्यापर से फायदा होता है लेकिन दसवाँ घर खाली होना चाहिए।
चौथा घर हमारी माता से विशेष सम्बन्ध रखता है, ये घर खराब होने से माता के सुख में कमी आती है. माता के स्वस्थ्य ठीक नही रहता। इस घर में केतु और मंगल माता के स्वास्थ्य को खराब करते है.
चौथा घर दूध देने वाले पशु, पानी में रहने वाले जीवो से सम्बन्ध रखता है. ये घर लक्ष्मी का भी निवास है. यानि वयक्ति के घर धन का संग्रह।
शरीर के अंगो में ये घर दिल और छाती से सम्बन्ध रखता है. स्त्री की कुंडली में चौथा घर नाभि या पेट के अंदरुनी हिस्से से सम्बन्ध रखता है.
चन्द्र का घर होने से ये घर रात से जुड़ा होता है यानि जो भी ग्रह होंगे वो रात को बलि होंगे. अशुभ ग्रह होने से कोई भी संकट रात को ही आएगा। इस घर में शुभ ग्रह होने पर रात में किये काम का अच्छा फल मिलेगा।
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