Skip to main content

वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पश्चिम ( नैऋत्य कोण) का महत्व- south-west in vastu

south-west corner in vastu
वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पश्चिम ( नैऋत्य कोण) सबसे महत्वपूर्ण दिशाओं में से एक है यहाँ तक की कुछ वास्तु विद (Vaastu experts) इसे ही सबसे जरूरी दिशा मानते है. इसे नैऋत्य कोण से भी जाना जाता है. इस दिशा का स्वामी राहु ग्रह  होता है. अब हम जानते है की क्यों ये जरूरी दिशा है -







विज्ञानं (Science) कहता है के समस्त ऊर्जा जो नार्थ-ईस्ट (north-east) से निकलती है वो साउथ-वेस्ट में ही जाकर रुक जाती है या स्थिर (stable) हो जाती है. विज्ञानं के अनुसार इस कोने में सबसे ज्यादा चुम्बकीय ऊर्जा होती है. इसीलिए वास्तु विद इस दिशा में पैसा रखने की सलाह देते है ताकि वो रुक जाये व् इसी कोने में अपने बुजुर्गो को भी कमरा देते है ताकि उन्हें स्थिरता मिले। 


vastu shastra के अनुसार यही दिशा जिंदगी में स्थायित्व प्रदान करती है चाहे वो relationships हो या financial matters. 
ज्योतिष में इस कोने का स्वामी राहु ग्रह बनता है जो आकस्मिक लाभ व् हानि का कारक होता है इसी लिए कुछ वास्तु विद इस कोने को भारी व् भरा हुआ रखने की सलाह देते है जिससे राहु ग्रह शांत रहे. इसी कोने शौचालय होना पितृ दोष भी माना जाता है.



अब जानते है इस कोने के दोषो को - इस कोने में बोरिंग या कोई पानी का सोर्स होना सबसे बड़ा दोष होता है जिससे घर में कभी भी शांति नहीं रहती व् घर का कोई प्राणी गलत आदत का शिकार होता है. इसके अलावा इस कोने किचन या टॉयलेट होना भी वास्तु दोष का निर्माण करता है.



इस कोने को खुला नही छोड़ते क्यूंकि जब सूरज इस कोने में आता है तो उसकी किरणे पराबैंगनी (ultra violet) हो जाती है जो कैंसर का प्रमुख  कारण होती है.

इस कोने का कटा (south-west cut) होने से कर्ज इतना चढ़ जाता की वयक्ति उसमे ही रह जाता है  और उससे आगे नही जा पाता।



रंगो के हिसाब से कोण में नीला, हरा व् लाल रंग परेशानी उत्पन्न करते है. 
ये कोना हमारे मूलाधार चक्र (root chakra) से सम्बन्ध रखता है जो हमारे जीवन में हमारी बचत, पैसा, संगत, प्रसिद्धि, पेट से निचे के रोग, बिज़नेस घाटा, आदि से सम्बन्ध रखता है इस कोने में कोई भी दोष होने से ये दिक्कते जरूर आती है जिसको दूर करना सबसे जरूरी है. घर में किसी भी वास्तु दोष को दूर करने से पहले साउथवेस्ट कोने के दोष दूर करना जरूरी होता है क्यूंकि इसके दोष दूर करने के बाद ही स्थिरता व् शांति प्राप्त कर सकता है. 


 इस बारे कोई और जानकारी चाहते है तो हमारे फेसबुक पेज पे संपर्क करे 
फेसबुक के लिए इस लिंक को क्लिक व् लिखे या मैसेज बॉक्स में सवाल लिखे.

दुकान व् शोरूम  टिप्स     




Comments

  1. Thanks.....where should the kitchen be then?

    ReplyDelete
  2. sir, best place for kitchen is south-east, than north-west. than south mid.

    ReplyDelete
  3. Dear sir koi upay btayen south-west ke dosh door karne ke liye...?

    ReplyDelete
  4. THANKS , Prateek Sir,
    nice information

    ReplyDelete
  5. Sir mere ghar me south east me problem hai mujhee kuch upaye bataye

    ReplyDelete
  6. We have a boring in niruti kon and water storage tank there is in ishan kon
    What should we do

    ReplyDelete
  7. shift boring from southwest to southeast

    ReplyDelete
  8. we have toilet in the southwest corner, how to improve the vastu dosh because of that without doing changes in the construction

    ReplyDelete

Post a Comment

ads

Popular posts from this blog

बहुत विशेष है कामधेनु गाय - KAAMDHENU COW SIGNIFICANCE VIA ASTROLOGY AND VASTU SHASTRA

श्वेतार्क की जड़ - ज्योतिष तंत्र आयुर्वेद सबको चाहिए

मंगल ग्रह चौथे भाव में - mars 4th house

Popular posts from this blog

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

शुक्र राहु की युति को कैसे समझे - RAHU VENUS CONJUCTION

  राहु शुक्र की युति को लेकर काफी बड़ा ज्योतिष वर्ग नेगेटिव धारणा रखता है जो की आज के समय में काफी हद तक सही भी है. आपने बहुत आंधी देखी होगी और कभी कभी बहुत ज्यादा धुल भरी आंधी भी देखी होगी. लेकिन आप इमेजिन कीजिये शाम के समय जो आंधी आती है उसमे कालापन ज्यादा  होता है और एक अजीब सा बर्ताव आपको उसमे मिलेगा। ऐसा नहीं है के उसमे कुछ रहस्य है लेकिन प्रकाश की कमी की वजह से शाम की आंधी काली आंधी बन जाती है बस इसी को असली राहु शुक्र की युति समझे. 

मंगल ग्रह चौथे भाव में - mars 4th house

नमस्कार आज हम बात करेंगे एक ज्योतिष सूत्र की जिसमे हम समझेंगे मंगल ग्रह के चौथे भाव में बैठने के बारे में. जन्म पत्रिका में मंगल ऊर्जा का ग्रह है और मंगल ही वह ग्रह है जो अग्नि हर वक़्त व्यक्ति के आस पास रहती है चाहे वह पेट की अग्नि हो या घर की रसोई की या व्यक्ति की अंतिम अग्नि यानी चित्ता की. इससे हो कर जाना ही पड़ता है. चाहे कोई भी ग्रह हो सोना चांदी पीतल लोहा सबको आकार मंगल ही देता है. 

शनि राहु युति का ज्योतिष में महत्व - Saturn Rahu conjunction in Astrology

  नमस्कार दोस्तों ज्योतिष सूत्र में आज चलते है एक ऐसी युति की ओर जो लगभग हर परेशान घर में होती है. आज बात करते है शनि राहु की युति। एक तरह से समझिये जूते में लगी गंदगी. क्यूंकी शनि जूता और गंदगी राहु। अगर आप अपने अंदर कल्पना शक्ति कजाते है तो ज्योतिष के सूत्र आसानी से समझ आने लगते है. तो आज इसी युति पर हम लोग चर्चा करते है. 

श्वेतार्क की जड़ - ज्योतिष तंत्र आयुर्वेद सबको चाहिए

  सफ़ेद आकड़ा जिसे श्वेतार्क भी बोला जाता है. ये एक पौधा है जिसमे आयुर्वेदिक गुण बहुत मात्रा में छुपे हुए है जिसकी वजह से ये पौधा हमेशा से हर तरह के आचार्य चाहे आयुर्वेद हो या ज्योतिष या तंत्र से जुड़े या रसायन शास्त्र से जुड़े लोग हो सबके लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है.