कॉपर (तांबा ) को वास्तु शास्त्र में सोने और चांदी के बराबर ही माना जाता है. कॉपर को वास्तु के अलावा आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके गुणों का वर्णन भी किया गया है आइये जानते है इसके कुछ गुणों के बारे में। ।
use of copper in vastu shastra
कॉपर (ताम्बा) और मनुष्य का तरंग दैर्ध्य (wave length) एक ही होता है जिस कारण ये नकारात्मक ऊर्जा को सबसे ज्यादा काम करता है.
एक ही तरंग दैर्ध्य (wavelength) होने के कारण ज्योतिषी किसी भी यन्त्र का निर्माण ताम्बे के पत्रे पर ही करते थे.
कॉपर की धातु के स्पर्श वाला पानी शरीर में थॉयरायड ग्रंथि को नॉर्मल कर देता है और उसकी कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है।
वास्तु के अनुसार यदि आपके घर में electricity leakage बहुत ज्यादा है तो इलेक्ट्रिक सामान के पास छोटा सा चकोर ताम्बे का टुकड़ा लगा दे।
यदि आपका मैन गेट गलत दिशा में है तो गेट पर ताम्बे के सिक्के लटका दे ये नकारात्मक ऊर्जा को रोकते है इसके अलावा copper strips का उपयोग होता है.
यदि आपका दक्षिण दिशा उत्तर से हलकी है तो दक्षिण में कॉपर का ठोस पिरामिड रखने से लाभ मिलता है.
इसके अलावा पश्चिम दिशा वास्तु शास्त्र में धातु element का प्रतिनिधित्व करती है. तो यदि आप ताम्बे का कोई शो पीस रखना चाहते है तो पश्चिम में कहे.
इसके अलावा पश्चिम दिशा वास्तु शास्त्र में धातु element का प्रतिनिधित्व करती है. तो यदि आप ताम्बे का कोई शो पीस रखना चाहते है तो पश्चिम में कहे.
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