लाल किताब ज्योतिष की कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों में से एक है। यह किताब सभी वर्गों को ध्यान में रख कर
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लाल किताब में कुंडली (Lal Kitab Kundali in Hindi) में स्थित राशियों को नहीं माना जाता है। केवल भावों को ही माना जाता है। साथ ही लाल किताब में लग्न का कोई महत्व नहीं होता, लाल किताब में मेष राशि को ही लग्न मान लिया जाता और यह सभी पर एक समान लागू होता है। लाल किताब में लग्न या पहला घर हमेशा मेष राशि रहता है, दूसरा घर वृषभ, और तीसरा मिथुन और क्रमानुसार, इस श्रृंखला में कभी कोई बदलाव नहीं आता। फिर कारकों को और स्वामी ग्रहों को अपने अनुसार बनाकर लिख लेते हैं। आगे हम इस साइट में इन सब बातों का खुल कर उल्लेख करेंगे।
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