जीवन में सफलता-विफलता यूं तो मनुष्य के कर्म और भाग्य पर निर्भर करती है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ सावधानियां रख कर भी हम घर में खुशहाली ल सकते है. आइये जानते हैं घर में खुशहाली के लिए वास्तु टिप्स.(vastu tips for prosperity in house)
ईशान कोण को रखें पवित्र
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण माना गया है। ये घर का सबसे पवित्र दिशा होती है. जल तत्व से संबंध रखने वाली इस दिशा के स्वामी रूद्र हैं। इस दिशा को भी सदैव पवित्र रखना चाहिए अन्यथा घर परिवार में कलह की आशंका बनी रहती है।
आग्नेय कोण में हों ये सामान
दक्षिण-पूर्व दिशा को वास्तु शास्त्र में आग्नेय कोण माना गया है। अग्नि तत्व से संबंधित इस दिशा के स्वामी अग्नि देवता हैं। इस दिशा में बिजली के मीटर, विद्युत उपकरण और गैस चूल्हा आदि सामान रखने से घर में शांति रहती है.
नैऋत्य को रखें भारी
दक्षिण-पश्चिम दिशा को वास्तु शास्त्र में नैऋत्य कोण कहा जाता है। इस दिशा का सम्बंध पृथ्वी तत्व से है और इस दिशा के स्वामी नैरूत हैं। इस दिशा के दूषित होने से शत्रु भय, दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दिशा को सदैव भरा हुआ ही रखना चाहिए.
ब्रह्मस्थान
वास्तु शास्त्र में भवन का मध्य भाग सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह भाग ब्रह्मा का होने से इसे हमेशा खुला रखने की सलाह दी जाती है। आकाश तत्व वाले इस स्थान के स्वामी सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी हैं।
अग्नि
जिस दिशा से सूर्य देवता उदय होते हैं वह पूर्व दिशा है। इस दिशा के स्वामी इंद्र भगवान हैं। पूर्व दिशा अग्नि तत्व है, जिसे कभी भी बंद नहीं करना चाहिए। इसे बंद करने से वहां रहने वालों को कष्ट, अपमान, ऋण और पितृ दोष का सामना करना पड़ता है।
उत्तर दिशा
उत्तर दिशा जल तत्व से सम्बंध रखती है। इस दिशा के स्वामी कुबेर हैं। इस दिशा में कोई भारी सामान नहीं रखना चाहिए और न ही इसे बंद करना चाहिए।
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