पूजा करने की सही दिशा कौन सी होनी चाहिए (vastu tips for directions during worship)
वास्तु के अनुसार यदि आप अपने घर में पूजा कर रहे हैं तो पूर्वाभिमुख होकर अर्चना करना ही श्रेष्ठ स्थिति है। इसमें देव प्रतिमा (यदि हो तो) का मुख और दृष्टि पश्चिम दिशा की ओर होती है। इस प्रकार की गई उपासना हमारे भीतर ज्ञान, क्षमता, सामर्थ्य और योग्यता प्रकट करती है, जिससे हम अपने लक्ष्य की तलाश करके उसे आसानी से हासिल कर लेते हैं। इसके अलावा उन्नति के लिए कुछ ग्रंथ उत्तर की तरफ होकर भी उपासना का परामर्श देते हैं।
लेकिन यदि आप किसी मंदिर में जाते है तो आप देखेंगे की भगवन को पश्चिम व दक्षिण में स्थान दिया जाता है क्यूंकि वास्तु में मंदिर को भगवन का घर मन गया है इसीलिए मालिक को दक्षिण में ही रखा जाता है जिस से मंदिर में पूजा करते हुए आपका मुख पश्चिम या दक्षिण की तरफ आ जाता है, अतः मंदिर में पूजा करने की यही उत्तम स्थिति होती है.
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