किसी भी घर में ब्रह्म स्थान बड़ा महत्व रखता है। ये घर का बिलकुल बीच वाला स्थान होता है. इसी स्थान से ऊर्जा पुरे घर में प्रवाहित होती है. वास्तु शास्त्र में इसे सूर्य का स्थान माना जाता है. आइये जानते है क्यों जरूरी है ब्रह्मस्थान
घर में brahmsthan एक तरह से हमारे पेट की तरह होता है. खाना हम खाते तो मुँह से है लेकिन distribution का काम पेट का है इसी तरह से ऊर्जा उत्पन्न north-east यानि के ईशान से होती है लेकिन circulation ब्रह्मस्थान से ही होता है.
भवन में open area अथवा आॅगन का होना शुभ माना जाता है क्योंकि जिससे हमें सूर्य का प्रकाश एंव हवा अधिक से अधिक मात्रा में मिल जाती है। आंगन का प्रयोजना घर को हवादार एंव प्रकाश युक्त बनाना होता है।
घर में ब्रहम स्थान अथवा आंगन न होने से प्रचुर मात्रा में हवा व प्रकाश नहीं मिल पाता है, जिसके फलस्वरूप हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, और हमारे शरीर की हडिड्यां कमजोर हो जाती हैं।
इस कारण आपको हड्डी रोग से संबंधित बीमारियां घेर लेती है। खासकर वह महिलायें जो घरेलू कार्यो में ही अपना पूरा समय व्यतीत करती है, उन्हे इस प्रकार के disease होने की ज्यादा आशंका रहती है चूंकि उन्हे भरपूर मात्रा में सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता है। इसलिए भवन में आंगन होना अतिआवश्यक है.
घर के अंदर ब्रह्म स्थान को खाली रखना चाहिए इस स्थान पर heavy things रखने से या किसी बीम या पिल्लर का निर्माण करने से आपको बड़े vastu dosh का सामना करना पड़ सकता है.ऐसा माना जाता है के ब्रह्मस्थान में dosh होने पर घर वंश वृद्धि रूक सकती है.
आजकल flats & apartments के जमाने में घर का brahmsthan खुला होना मुश्किल है. ऐसे में कोशिश करें की कम से कम यहाँ पर कोई construction जैसे बीम या कोई pillar न हो..
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why brahmsthan is important - क्यों जरूरी है ब्रह्मस्थान
घर में brahmsthan एक तरह से हमारे पेट की तरह होता है. खाना हम खाते तो मुँह से है लेकिन distribution का काम पेट का है इसी तरह से ऊर्जा उत्पन्न north-east यानि के ईशान से होती है लेकिन circulation ब्रह्मस्थान से ही होता है.
health problems
घर में ब्रहम स्थान अथवा आंगन न होने से प्रचुर मात्रा में हवा व प्रकाश नहीं मिल पाता है, जिसके फलस्वरूप हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, और हमारे शरीर की हडिड्यां कमजोर हो जाती हैं।
इस कारण आपको हड्डी रोग से संबंधित बीमारियां घेर लेती है। खासकर वह महिलायें जो घरेलू कार्यो में ही अपना पूरा समय व्यतीत करती है, उन्हे इस प्रकार के disease होने की ज्यादा आशंका रहती है चूंकि उन्हे भरपूर मात्रा में सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता है। इसलिए भवन में आंगन होना अतिआवश्यक है.
घर के अंदर ब्रह्म स्थान को खाली रखना चाहिए इस स्थान पर heavy things रखने से या किसी बीम या पिल्लर का निर्माण करने से आपको बड़े vastu dosh का सामना करना पड़ सकता है.ऐसा माना जाता है के ब्रह्मस्थान में dosh होने पर घर वंश वृद्धि रूक सकती है.
महाभारत में वास्तु दोष - vastu dosha in mahabharat
महाभारत (mahabharat) में भी कथा प्रचलित है जब इंद्रप्रस्थ का निर्माण हो रहा था तब bhagwan shri krishna को पता था के ये आज नही तो कल कौरवों के पास ही जाएगा इसी कारण उन्होंने एक कुँए का निर्माण बिलकुल बीचोंबीच करवा डाला। जिस कारण पहले पांडवों को वनवास झेलना पड़ा उसके बाद कौरवों के वंश का सर्वनाश हो गया.brahmsthan in apartments
आजकल flats & apartments के जमाने में घर का brahmsthan खुला होना मुश्किल है. ऐसे में कोशिश करें की कम से कम यहाँ पर कोई construction जैसे बीम या कोई pillar न हो..
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